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हालात तो नहीं बताते कि लॉकडाउन हटाने की पैरवी करेगा उत्तराखंड

कोरोना संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में तो है पर राज्य से नहीं मिल रहे लॉकडाउन खोलने के संकेत 

राज्य में अभी भी कई स्थानों पर लोग लॉकडाउन का पालन करते नहीं दिख रहे 

लॉकडाउन खुलने के बाद सोशल डिस्टेंस को मेन्टेन रखने के लिए व्यवस्थाएं जुटाना सबसे बड़ी चिंता

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

देहरादून। कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए देशभर में तीन मई, 2020 तक लॉकडाउन घोषित है। क्या लॉकडाउन तीन मई से भी आगे बढ़ाया जाएगा या नहीं, यह सवाल लगातार चर्चा में है। हालांकि केंद्र और राज्य सरकार के स्तर से अभी तक इस बारे में कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिले हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग पर हुई बैठक से कुछ संकेत मिले हैं। राज्य नहीं चाहते कि लॉकडाउन अभी खत्म किया जाए, क्योंकि उनकी चिंता लॉकडाउन खुलने पर सोशल डिस्टेंस को मेन्टेन करने की है।

लॉकडाउन को लेकर आगे क्या संभावनाएं हैं, से पहले हम मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन को समझना होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगाह किया कि वायरस का खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है और निरंतर सतर्क रहना सबसे अधिक जरूरी है। उन्होंने कहा कि देश ने अब तक दो लॉकडाउन देखे हैं, दोनों ही कुछ पहलुओं में एक-दूसरे से भिन्न हैं, और अब हमें आगे की राह के बारे में सोचना होगा।

उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों के अनुसार, कोरोना वायरस का प्रभाव आने वाले महीनों में भी दिखाई देगा। ‘दो गज दूरी’ के मंत्र को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि मास्‍क और फेस कवर आने वाले दिनों में हमारे जीवन का हिस्सा बन जाएंगे। उन्होंने कहा कि इन परिस्थितियों में तेजी से प्रभावकारी कदम उठाना निश्चित तौर पर हर किसी का उद्देश्य होना चाहिए। आज कई लोग स्‍वयं ही आगे आकर यह जानना चाह रहे हैं कि क्या उन्हें खांसी और सर्दी या इस रोग के लक्षण हैं, जो एक स्वागत योग्य संकेत है।

उन्होंने हॉटस्पॉट यानी रेड जोन क्षेत्रों में संबंधित दिशा-निर्देशों को सख्ती से लागू करने में राज्यों के महत्व पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्यों को ‘रेड जोन’ को पहले ‘ऑरेंज जोन’ में और फि‍र ‘ग्रीन जोन’ में बदलने की दिशा में अपने प्रयासों को केंद्रित करना चाहिए। वहीं केंद्रीयगृह मंत्री अमित शाह ने लॉकडाउन लागू करने की आवश्यकता की फि‍र से पुष्टि की, ताकि अधिक से अधिक लोगों का जीवन बचाया जा सके।

अगर, हम उत्तराखंड की बात करें तो राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए केंद्र सरकार की हर गाइडलाइन का पालन किया है, जैसा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अधिकारियों के साथ हर समीक्षा बैठक में इस बात पर जोर देते हैं। राज्य में सोशल डिस्टेंस को भी लागू करने का प्रयास जारी है, लेकिन इन सबके बावजूद कुछ जिलों में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं।

अभी तक राज्य में 51 लोगों के सैंपलों की रिपोर्ट कोरोना संक्रमित मिली है, जिनमें से 33 लोग ( लगभग 65 फीसदी) ठीक होकर अस्पतालों से डिस्चार्ज हो चुके हैं। ऋषिकेश एम्स सहित देहरादून जिला में पिछले रविवार ही तीन मामले सामने आए हैं। वहीं, मुख्यमंत्री रावत स्थिति को नियंत्रण में तो बता रहे हैं, पर इसके साथ ही उनका कहना है कि यह लड़ाई अभी जारी है। यह लड़ाई अभी समाप्त नहीं हुई। बहुत जल्दी समाप्त होगी, ऐसा भी नहीं कहा जा सकता। मुख्यमंत्री ने यह बात कुछ दिन पहले पंचायत प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कही थी।

हालात भले ही नियंत्रण में हों, लेकिन मुख्यमंत्री के वक्तव्य से अभी ऐसे संकेत नहीं मिल रहे हैं कि तीन मई को लॉकडाउन खोला जा सकता है। राज्य के ग्रीन जोन वाले नौ पर्वतीय जिलों में बाजार सुबह सात से शाम छह बजे तक खोलने का फैसला एक दिन में ही वापस लेना पड़ा, क्योंकि सरकार को लगातार यह फीड बैक मिल रहा है कि कई स्थानों पर लॉकडाउन में जनता का अपेक्षित सहयोग नहीं मिला है। ऐसी स्थिति में कोरोना संक्रमण से निपटने की लड़ाई कहीं कमजोर साबित न हो जाए, इसलिए ऐसा नहीं लगता कि राज्य सरकार की तरफ से केंद्र सरकार को कम से कम राज्य में तो लॉकडाउन खत्म करने की पैरवी नहीं की जाएगी।

हालांकि राज्य सरकार के सामने आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने की चुनौती भी है। इसकी रणनीति बनाने के लिए समितियां पहले हीं घोषित की जा चुकी हैं। अब देखना यह है कि खासकर राज्य में तीन मई के बाद भी लॉकडाउन पूरी तरह से लागू रहता है या फिर कुछ छूट मिल सकती है। यह जवाब तो राज्य और केंद्र सरकार से ही मिल सकेगा।

devbhoomimedia

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