पेयजल निगम में रुपये लेकर स्थानांतरित होने वाले अधिकारियों की सूची हुई लीक!
- भ्रष्टाचार में लिप्त चर्चित एमडी का मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री तक न कर पाए बाल भी बांका
- स्टिंग की जांच और एम डी को मुख्यमंत्री कार्यालय से सम्बद्ध करने का पत्र ठन्डे बस्ते में गया !
- अब पैसा लेकर स्थानांतरण किये जाने का मामला आया सामने
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : उत्तराखंड पेयजल निगम भ्रष्टाचार का ऐसा अड्डा बन चुका है कि यहाँ जहाँ निर्माण कार्यों पर तो मोटी कमीशन की चर्चाएं आम है वहीँ अब स्थानांतरण में भी मोटा रुपया लिए जाने की चर्चा सरेआम हैं, और इस मामले में कथित रूप से रूपये लेकर ट्रांसफर किये जाने वाले अधिकारियों की सूची लीक होकर सामने आयी है । वहीँ चर्चाएं तो यहाँ तक हैं कि मामले की जानकारी पेयजल मंत्री तक पहुँच चुकी हैं अब यह देखना होगा कि मंत्री इस मामले में क्या कार्रवाही करते हैं या मंत्री की कार्रवाही पिछले डेढ़ महीने पहले भेजे गए उस पत्र की तरह होगी जिसे भ्रष्ट अधिकारियों के कॉकस ने ठन्डे बस्ते में डलवा दिया है ?
उत्तराखंड के पेयजल निगम पिछले कुछ महीनों से भ्रष्टाचार की घटनाओं को लेकर चर्चाओं में है वहीँ चर्चित रूप से कभी इस संस्थान के एमडी का स्टिंग हो जाता है और बाजार में उस स्टिंग की बोली लगनी शुरू हो जाती है जो कथित तौर पर तीन करोड़ रुपये से लेकर डेढ़ करोड़ रुपयों तक जा पहुँचती है वहीँ मामले में जब विभागीय मंत्री एमडी को मुख्यमंत्री कार्यालय से सम्बद्ध करने और स्टिंग की जांच एसआईटी से करवाने का पत्र मुख्यमंत्री को लिख भेजते हैं तो यह पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय पहुँचने से पहले ही लीक हो जाता है। इससे यह साफ़ है कि उत्तराखंड पेयजल निगम भ्रष्टाचारियों का अड्डा बना हुआ है, जो अपने खिलाफ किसी भी जांच की दिशा को बदलने में माहिर ही नहीं बल्कि उनकी पहुँच मंत्रियों के कार्यालय से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय और मुख्यसचिव कार्यालय तक हो चुकी है और उन्होंने सूबे के पूरे सिस्टम को हाई जैक किया हुआ है। वहीँ स्टिंग मामले में न तो अभी एमडी ही अभी सम्बद्ध हुए हैं और न स्टिंग की ही एसआईटी से जांच शुरू की गयी है। कुल मिलकर मामला कथित रूप से मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री और आला अधिकारियों के संज्ञान में होने के बावजूद भी ठन्डे बस्ते में चला गया प्रतीत होता है वह भी तब जब सूबे की सरकार बार-बार भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेन्स की बात करते न थकती हो।
वहीँ पेयजल निगम का ताज़ा मामला सामने आया है मामले में चर्चाएं हैं कि विभाग से सम्बन्धित सचिवालय में बैठे कई अधिकारी भी इस गोरखधंधे में लिप्त हैं जो निगम के एमडी से साथ-गांठ कर विभागीय अधिकारियों का तबादला केवल पैसे लेकर इधर से उधर करते हैं। ऐसी ही कुछ अधिकारियों की सूची देवभूमि मीडिया के हाथ लगी है चर्चा है कि जिसमें पहाड़ में तैनात अधिकारीयों को देहरादून अथवा मैदानी इलाकों में स्थानांतरण किये जाने के पैसे लिए गए हैं और यह स्थानांतरण एक- दो दिन के भीतर होने वाले हैं।
स्थानांतरित किये जाने वाले अधिकारीयों की सूची और उनसे कथित रूप से लिए गए रुपयों का विवरण यहाँ देखें …..
(१) सुश्री मिनाक्षी का स्थानांतरण पुरोड़ी से देहरादून रुपये पाँच लाख ।
(२) श्री विनय का स्थानांतरण पुरोड़ी से देहरादून रुपये दो लाख।
(३) श्री रविन्द्र का स्थानांतरण देहरादून से विकास नगर यूनिट रुपये तीन लाख इस आशय से की प्रॉजेक्ट मैनेजर का चार्ज दिया जाएगा।
(४) श्री नवनीत कटारिया का देहरादून से घनसाली इस आशय से कि अधिशाषी अभियंता का चार्ज दिया जाएगा रुपये पांच लाख।
(५) श्री सौरभ शर्मा का देहरादून से उत्तरकाशी फ्री में ( किसी आने वाले सहायक अभियंता के जगह बनाने हेतु )