चीन सीमा पर नई चौकियां बनाने के लिए राज्य सरकार मुहैया करेगी जमीन
देहरादून : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की पहल पर सिविल मिलिटरी लॉयजन की पांच साल बाद हुई बैठक के बाद राज्य सरकार ने निर्णय लिया कि वह अपने सीमावर्ती इलाकों में पड़ने वाली भारत – चीन सीमा पर सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थानों पर सेना को चौकियां और बैरक बनाने के लिए सरकार जमीन उपलब्ध कराएगी। इससे चीन सीमा पर सेना की पकड़ और मजबूत होगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की अध्यक्षता में मंगलवार को सचिवालय में उत्तराखंड सरकार की सिविल मिलिटरी लॉयजन बैठक में यह निर्णय लिया गया। सीएम ने वादा किया कि राज्य सरकार सेना के साथ हर संभव सहयोग करेगी और सभी लंबित मसलों का शीघ्र हल निकालेगी। उन्होंने कहा कि सेना की जमीन पर अतिक्रमण के मामलों पर सरकार सख्त कार्रवाई करेगी। त्रिवेंद्र ने सेना से रिस्पना और कोसी नदी पुनर्जीवन अभियान में सहयोग की अपील की।
बैठक में आराघर चौक के निकट स्थित सीएसडी डिपो को ट्रांसपोर्ट नगर शिफ्ट करने पर सहमति बन गई है। सेना ने भूमि से जुड़े 16 मुद्दे, सैनिक कल्याण के दो, विमानन के दो, सुरक्षा और बुनियादी ढ़ांचे से जुड़ा एक-एक प्रकरण उठाया। बैठक में उत्तर भारत एरिया के जीओसी लेफ्टीनेंट जनरल हरीश ठुकराल, जीओसी सब एरिया मेजर जनरल जेएस यादव, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, डीजीपी अनिल रतूड़ी, प्रमुख सचिव राधा रतूड़ी, आनंद वर्द्धन आदि अफसर मौजूद रहे।
वहीँ मुख्यमंत्री रावत ने अधिकारीयों को निर्देश दिए कि सिविल मिलिटरी लॉयजन की बैठक अब हर साल होनी चाहिए इससे पहले यह बैठक वर्ष 2012 में हुई थी। सीएम त्रिवेंद्र रावत ने अब प्रत्येक वर्ष यह बैठक बुलाने के निर्देश दिए, ताकि सेना और प्रशासनिक अफसरों में तालमेल बना रहे।वहीँ सेना ने ऊधमसिंहनगर में सिडकुल के नाम से दर्ज लगभग 200 एकड़ भूमि उपलब्ध कराने की मांग। यह भूमि पूर्व में नेपा लिमिटेड को यूपी एसआईडीसी ने दी थी। अब यह सिडकुल के पास है, वह इस पर इंडस्ट्रियल स्टेट बनाना चाहता है। सीएम ने जिलाधिकारी ऊधमसिंहनगर और एमडी सिडकुल को संयुक्त निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा।