- जनता के बीच मे रहने से मिलते हैं वोट,नोट से नहीं !
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : नगर निगम में निकाय चुनाव के दौरान प्रत्याशियों ने लाखों बहा दिए। राष्ट्रीय दलों से लेकर निर्दलीयों तक ने खूब प्रचार प्रसार किया और लाखों खर्च किये। लेकिन प्रत्यासी भूल गए कि वोट नोट से नहीं मिलते बल्कि जनता से संवाद और उनका विश्वास जीतने से मिलते हैं। इसका सटीक उदाहरण नगर निगम देहरादून में मेयर सीट का है।जहां 11 प्रत्याशियों ने अपनी किस्मत आजमाई और लाखों रूपये खर्च भी किये, लेकिन इन 11 मे से 9 की जमानत ही जफ्त हो गयी।
यहां भाजपा के सुनील उनियाल गामा ने जीत हासिल की तो कांग्रेसी प्रत्यासी दिनेश अग्रवाल ने उन्हें टक्कर दी लेकिन बाकी सब अपनी जमानत तक भी नहीं बचा सके। वैसे ये हालात महज देहरादून नगर निगम के ही नही है राज्यभर में कई सीटों पर पैसा पानी की तरह बहाया गया। लेकिन जनता ने उनका ऐसा हश्र किया कि शायद वो भी समझ गए हों कि वोट नोट से नहीं बल्कि जनता के बीच मे रहने से मिलते हैं।
किसने कितना खर्च किया और कितने वोट मिले…
भाजपा से सुनील उनियाल गामा ने खर्च किये 5 लाख 96 हज़ार 390 रुपये और उन्हें मिले 01 लाख 62 हज़ार 516 वोट
कांग्रेस से दिनेश अग्रवाल ने खर्च किये 04 लाख 33 हज़ार 126 रुपये और उन्हें मिले 01 लाख 26 हज़ार 884 वोट
आम आदमी पार्टी से रजनी रावत ने खर्च किये 8 लाख 10 हज़ार 628 रुपये उन्हें मिले महज 28 हज़ार 978 वोट
यूकेडी के विजय कुमार बौड़ाई ने 4 लाख 65 हज़ार 935 रुपये खर्च कर दिए और वो वोट ला पाए महज 1978
निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी 2 लाख से ज्यादा खर्च कर डाले लेकिन इन सभी की जमानत जप्त हो गयी