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PMGSY की सड़कों तक पहुंची लालढांग -चिल्लरखाल सड़क विवाद की लपटें

  • ACS ओम प्रकाश को उनके ही लहजे में जवाब देने की कोशिश !
  • सभी DFO से मांगी बिना फॉरेस्ट क्लीयरेंस सड़कों की जानकारी
  • काम नहीं रुकवाया डीएफओ से ही तो मांगी है रिपोर्ट : हरक

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

देहरादून: लालढांग -चिल्लरखाल  सड़क पर अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश के काम रुकवाने के आदेश के बाद उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में पीएमजीएसवाई के तहत बनाई जा रही सड़कें भी विवाद में फंसती नज़र आ रही हैं। वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने  अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश के लहजे में उनको जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) की सड़कों का कार्य रोकने के आदेश नहीं दिए हैं, बल्कि इस संबंध में सभी प्रभागीय वनाधिकारियों (डीएफओ) से रिपोर्ट मांगी गई है। इससे यह पता चल सकेगा कि पीएमजीएसवाई की कितनी सड़कों के लिए फॉरेस्ट क्लीयरेंस नहीं ली गई।

इस बीच अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश की रोक के बावजूद डॉ. रावत ने लालढांग-चिलरखाल मार्ग पर चिलरखाल के नजदीक तैयार हो रहे पुल की सेटरिंग का कार्य अपनी मौजूदगी में करवाया। उन्होंने कहा कि कोशिश यह है कि जून तक तीनों पुल तैयार हो जाएं, ताकि बरसात में आवाजाही में कोई दिक्कत न होने पाए। इस सड़क को लेकर वन मंत्री की मुहिम के समर्थन में कोटद्वार, लालढांग क्षेत्र के लोग आगे आए हैं। उन्होंने शासन के उस आदेश का कड़ा विरोध किया, जिसमें सड़क का काम रुकवाने के निर्देश दिए गए थे।

लालढांग-चिलरखाल मार्ग का निर्माण कार्य रोकने संबंधी शासन के आदेश से खफा वन मंत्री डॉ. रावत का ध्यान अब पीएमजीएसवाई के तहत बनने वाली सड़कों की तरफ भी गया है। डॉ. रावत ने कहा कि नियम सबके लिए होने चाहिए। यह संज्ञान में आया है कि पीएमजीएसवाई में बिना फॉरेस्ट क्लीयरेंस लिए ही सड़क काट दी जा रही हैं। इस संबंध में उन्होंने सभी डीएफओ को पत्र भेजकर अपने-अपने क्षेत्रों में पीएमजीएसवाई की उन सड़कों के संबंध में रिपोर्ट मांगी है, जो वन क्षेत्र से गुजर रही हैं। उन्होंने बताया कि रिपोर्ट मिलने के बाद इस सिलसिले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।

उधर, अपने वायदे के मुताबिक वन मंत्री ने मंगलवार को लालढांग-चिलरखाल मार्ग पर चिलरखाल के नजदीक बरसाती नदी पर बन रहे स्पॉन पुल का सेटरिंग का कार्य अपनी मौजूदगी में कराया। उन्होंने कहा कि राज्यहित में इस सड़क का बनना जरूरी है। एनटीसीए व एनजीटी किसी ने भी इसे रोकने को नहीं कहा है। ऐसे में शासन में बैठा अधिकारी एक डीएफओ के कहने पर इसे कैसे रोक सकता है। इस आदेश का वन मंत्रलय नहीं मानता। उन्होंने बताया कि बुधवार से दो अन्य पुलों की सेटरिंग का कार्य होगा। कोशिश यह है कि बरसात शुरू होने से पहल इन पुलों का निर्माण कार्य पूरा करा दिया जाए। इससे बरसात में भी इस मार्ग पर आवागमन में दिक्कत नहीं आएगी।

 

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