उत्तराखंड राज्य बनाम उमेश कुमार मामले में जांच अधिकारी ने कोर्ट में दाखिल की क्लोजर रिपोर्ट
Investigation officer files closure report in court in Uttarakhand vs Umesh Kumar case
नई दिल्ली/देहरादून: उत्तराखंड राज्य बनाम उमेश कुमार (तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर आरोप लगाने वाले पत्रकार) मामले में जांच अधिकारी ने सुप्रीम कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की है. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है. सुप्रीम कोर्ट का कहना कि जब मामले की जांच चल रही है तो अधिकारी ने क्लोजर रिपोर्ट कैसे दाखिल की? केस की अगली सुनवाई 19 अप्रैल को तय की गई है।
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सुनवाई के दौरान जस्टिस एमआर शाह ने सवाल किया कि, आप क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करके जांच को कैसे आगे बढ़ा सकते हैं? जस्टिस शाह ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट में केस लंबित होने पर जांच अधिकारी की टिप्पणी करने की हिम्मत कैसे हुई जांच अधिकारी ने लिखा है कि चूंकि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, इसलिए उन्होंने क्लोजर रिपोर्ट फाइल की है. सिर्फ इसलिए कि वो सत्ता में हैं, वो ऐसा कर रहे हैं. वो पहले जनसेवक हैं न कि मुख्यमंत्री सेवक. क्लोजर रिपोर्ट जमा करने का आधार ये नहीं हो सकता कि सुप्रीम कोर्ट में कार्यवाही लंबित है. उन्होंने दिमाग का इस्तेमाल नहीं किया है.
कोर्ट ने आदेश दिया कि जांच अधिकारी को सुनवाई की अगली तारीख पर व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होना होगा और क्लोजर रिपोर्ट जमा करने के लिए अपने आचरण की व्याख्या करनी होगी. मामले की अगली सुनवाई 19 अप्रैल को होगी.
क्या है मामला: बता दें कि, नैनीताल हाई कोर्ट ने 27 अक्टूबर 2020 को उमेश कुमार (तब पत्रकार) व अन्य मामले में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई जांच का आदेश दिया था.
मानिनिये उच्चत्तम नयालय ने 04.01.2023 को यूके हाईकोर्ट का निर्णय जिसके मध्यम से उन्हें त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ सीबीआई में एफआईआर कराये के निर्देश जारी किए उसे प्राकृतिक नए के सिद्धांत के खिलाफ है और जरूरी बताते हुए टीएसआर के खिलाफ सारे आरोप जो उमेश कुमार ने एचसी के सामने रिट पिटीशन 1187 ऑफ 2020 के माध्यम से लगाये थे (पैरा 8 में) वो एसबी रद्द और अपास्त कर देंगे।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में तीन एसएलपी (विशेष अनुमति याचिका) दायर हैं. नैनीताल हाईकोर्ट के सीबीआई जांच संबंधी मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की ओर से पहली एसएलपी दायर की गई. उमेश कुमार पर राजद्रोह की एफआईआर रद्द करने के हाईकोर्ट के आदेश के विरोध में हरेंद्र सिंह रावत की एक अन्य एसएलपी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है और तीसरी एसएलपी उत्तराखंड सरकार की ओर से लगाई गई थी. इसी एसएलपी को लेकर क्लोजर रिपोर्ट फाइल की गई है।
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