- वृहद् स्तर पर रोज़गार सृजन प्रशिक्षण योजना शुरू करने का निर्णय
- PHD Chamber of Commerce & Industries18-19 अगस्त 2018 को मसूरी में
देहरादून : PHD Chamber of Commerce & Industries की उत्तराखंड ब्रॉच के सक्रिय को-चेयरमेन व केजीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष राजीव घई का कहना है कि वर्ष 2010 जब से केन्द्र सरकार द्वारा 2017 तक दिये जाने वाला केन्द्रीय औद्योगिक पैकेज को वापस ले लिया तब से हिमालय राज्य उतराखड, हिमाचल,व जम्मू -कश्मीर मे औद्योंगिक गति रूक गई है।
को-चेयरमेन व केजीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष राजीव घई ने कहा 2010 से विभिन्न फ़ोरम के माध्यम से पर्वतीय राज्यों जिनकी भौगोलिक परिस्थितियॉ देश के अन्य राज्य से अलग व दुर्लभ है के लिये प्रथक विकास नीति का होना आवश्यक है। जिससे प्रदेश से हो रहे माईग्रेशन पर अंकुश लगाया जा सके। उन्होंने कहा उनके प्रयासों से बीते वर्ष से PHD के माध्यम से नीति आयोग में इस विषय पर कई बैठकें की व हाल में ही नीति आयोग की संस्तुतियो पर हिमालय राज्यों को कुछ छूटे दी गई हैं जो नाकाफी हैं ।
राजीव घई का मानना है कि जब तक हिमालयी राज्य साथ मिल कर केन्द्र सरकार को अपनी आवश्यकताओं के अनुसार ज्ञापन बनाकर और मिलकर इन क्षेत्रों के विकास के लिये आवश्यक योजनायें नहीं बनाता है और इन योजनाओं में हिमालयी राज्यों को अहमियत नहीं देता है तब तक हिमालयी राज्यों में औद्योगिक वातावरण नहीं बन सकता ।
गौरतलब हो कि इन सब आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं को देखते हुये PHD अध्यक्ष अनिल खैतान द्वारा J&K में गुलमर्ग स्टेट कानक्लेव का आयोजन किया जिसमें जम्मू व कश्मीर, उत्तराखंड,हिमाचल,नार्थ इस्ट आसाम, राजस्थान ,पंजाब, छत्तीस गढ़ , गुजरात, मध्यप्रदेश,आदि राज्यों के चेयरमैन व कोचेयरमेनों ने भाग लिया। कार्यक्रम में उत्तराखंड से विरेन्द्र कालरा (देहरादून-गढ़वाल) राजीव घई ( काशीपुरा-कुमायूँ ) ने अपने प्रदेश के पक्ष रखे कालरा ने वर्तमान में उत्तराखंड में कार्यरत उद्योगों, प्रदेश की आर्थिक स्थिति, विकास की दर व वर्तमान में उद्योगों की स्थिति से सबको अवगत कराया।
कानक्लेव में राजीव घई ने प्रदेश में घट रही औद्योगिक विकास ,बढ़ रही बेरोज़गारी से बढ़ रहा पलायन व उससे घट रही आर्थिक विकास दर पर चिन्ता व्यक्त की। उन्होंने अवगत कराया कि केन्द्र सरकार द्वारा हाल ही में नार्थ ईस्ट राज्य में दिया गया पैकेज को हिमालय राज्यों को भी दिया जाना चाहिये जिसमें केन्द्रीय उपादान, GST में Cash refund,ब्याज सब्सिडी व अन्य सुविधायें शामिल है।
घई ने प्रदेश के कच्चेमाल जैसे वन व समाजिक वानिकि पर आधारित उघोग, कृषि व कृषि वैस्ट आधारित उघोग, हार्टिक्लचर उघोग, के साथ टूरिज़्म को बढ़ावा देने के लिये होटल व रेस्टोरेन्ट नये अथवा पुराने पर GST को 50% cash refund scheme , मोबाईल व इलेक्ट्रोनिक उघोग को आकर्षण का केन्द्र बनाने हेतु 75% लोकल रोज़गार दिये जाने पर 50% GST cash refund सुविधा के साथ साथ अन्य सुविधाओं को देने से हिमालय राज्यों में विकास को एक गति मिलेगी।
PHD अध्यक्ष ने हिमालय राज्यों में बढ़ते शिक्षित बेरोज़गारी को भविष्य की गंभीर समस्या माना और उसे ध्यान में रखते हुये हिमालय पर्वतीय राज्यों की समस्याओं को केन्द्र को गम्भीरता दिखाने व उस पर प्राथमिकता दिखाने हेतु चेम्बर का पृथक चेप्टर *हिमालय राज्य विकास*” बनाने की घोषणा की, साथ ही चैम्बर का MSME हेल्प ग्रुप की सेवाओं को हिमालय राज्य मे प्राथमिकता से किये जाने हेतु आवश्यक निर्देश दिये।
उतराखंड के को-चेयरमेन राजीव घई ने अवगत कराया की शीघ्र PHD MSME help line के माध्यम से युवा वर्ग जो उद्योग लगाना चाहते है को प्रोजेक्ट दिये जायेंगे व उन्हे लगवाने व सरकारी सुविधायें दिलवाने मे पूर्ण सहयोग दिया जायेगा। प्राथमिकता ऐसे प्रोजेक्टो को दी जायेगी जिससे कृषक की उपज को पर्यटकों को बिक्री कर एक कड़ी के रूप मे रोज़गार व कृषकों को लाभ दिलवाया जा सकेगा। PHD के स्किल डवलेन्ट प्रोग्राम के अन्दर एक वृहद् स्तर पर रोज़गार सृजन प्रशिक्षण योजना शुरू करने का निर्णय भी लिया गया।
यह कानक्लेव श्रीनगर कश्मीर के PHD चेप्टर के अतिथित्व मे हुआ जिसका कश्मीर के अवाम ने व वहां की मीडिया ने स्वागत किया। सभी PHD के उपस्थित सदस्यो ने कश्मीर को बहुत सुरक्षित पर्यटन के रूप मे प्रचार प्रसार करने का निर्णय लिया।
हिमालयी राज्यों के विकास हेतू केन्द्र सरकार को प्राथमिकता के साथ निर्णय लेने व विभिन्न फ़ोरम पर रिपरेस्न्टेशन देने व प्राघानमंत्री कार्यालय मे विभिन्न बैठक कर अपने सुझावों पर निर्णय कराने मे हो रही प्रगति पर चिन्तन करने हेतु अगली बैठक दिनॉक 18-19 अगस्त 2018 को मसूरी मे रखने की घोषणा की जिसमें केन्द्र सरकार के वरिष्ट मंत्री, नीति आयोग अघ्यक्ष समस्त हिमालय राज्यों के मुख्य मंत्री व वरिष्ठ अघिकारी उपस्थित रहेंगे।