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वर्ष 2024 तक देश को आपदा प्रबन्धन के क्षेत्र में नम्बर वन बनाने का लक्ष्य

मुख्यमंत्री ने किया AIIMS ऋषिकेश के नव निर्मित हेलीपैड का उद्घाटन

पिछले तीन सालों में 100 से अधिक लोगों की जान हेली सेवा से सीधे अस्पतालों में लाकर बचाई गई : मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र

मरीज को मात्र नौ मिनट में एम्बुलेंस से ट्रामा सेंटर तक पहुंचने की हुई व्यवस्था

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देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
ऋषिकेश : मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश के नव निर्मित हेलीपैड का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि एम्स ऋषिकेश परिसर में हेलीपैड बनने से गंभीर रोगियों एवं दुर्घटना होने पर घायलों को हेली सेवा से अस्पताल लाने में सुविधा होगी। एम्स ऋषिकेश में इसके लिए प्रशिक्षण भी दिया गया है। हेली से उतरने के बाद मरीज को मात्र 09 मिनट में एम्बुलेंस से ट्रामा सेंटर तक पहुंचने की व्यवस्था रहेगी। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पर्वतीय राज्य होने के कारण उत्तराखण्ड की भौगोलिक परिस्थितियां अलग है। अतिवृष्टि होने पर राज्य में आपदायें अधिक होती हैं। पहाड़ी टेरिन होने से दुर्घटनाएं भी अधिक होती है। दुर्घटना होने पर लोगों को हेली सेवा से उपचार के लिए जल्द एम्स लाने में सुविधा होगी।

कोरोना काल में सीनियर डॉक्टर कोरोना मरीजों का विशेष ध्यान रखें : सीएम 

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पिछले तीन सालों में प्रदेश में 100 से अधिक लोगों की जान हेली सेवा से सीधे अस्पतालों में लाकर बचाई गई। इसके लिए सरकारी हेलीकॉप्टर एवं किराये पर हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की। उन्होंने कहा कि एम्स ऋषिकेश देश का पहला ऐसा संस्थान है, जहां परिसर के अन्दर हेलीपैड की सुविधा है। मुख्यमंत्री ने एम्स के डॉक्टरों को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना काल में सीनियर डॉक्टर कोरोना के मरीजों का विशेष ध्यान रखें। जिस तरह कोरोना अपना स्वरूप बदल रहा है, यह चिन्ता का विषय है। उन्होंने कहा कि प्रशासन, पुलिस एवं डॉक्टरों के आपसी तालमेल से समस्याओं का समाधान आसानी से किया जा सकता है। कोरोना काल में आशा, आंगनबाड़ी, नर्स एवं डॉक्टर और स्वच्छता कर्मचारी जो ग्राउण्ड लेबल पर कार्य कर रहे हैं, वे जनता के लिए देवदूत के रूप में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मरीजों को परीक्षण के साथ ही मनोवैज्ञानिक तरीके से भी मजबूत रखना जरूरी है।एम्स ऋषिकेश की पहुंच दुर्गम स्थानों के मराजों तक होनी चाहिए। सेवा सार्थक तभी होती है, जब सेवा गरीबों तक पहुंचे। 

अस्पताल पहुंचने वाले प्रत्येक रोगी को पूर्णस्वास्थ्य लाभ उपलब्ध कराया जा सके : निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत

इस अवसर पर निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने कहा कि एम्स का प्रयास है कि अस्पताल पहुंचने वाले प्रत्येक रोगी को पूर्णस्वास्थ्य लाभ उपलब्ध कराया जा सके, लिहाजा संस्थान में मरीजों को विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। निदेशक एम्स ने बताया कि संस्थान में इस सुविधा के शुरू होने से उत्तराखंड राज्य के लोगों मसलन, ट्रॉमा पेशेंट के साथ- साथ ब्रेन स्ट्रोक, हार्टअटैक, अंग प्रत्यारोपण तथा मातृ मृत्युदर को कम करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कोविड19 के बाबत बताया कि हमें वर्ष- 2021 दिसंबर तक कोरोना वायरस का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा, लिहाजा इसके लिए सभी को विशेष सावधानी बरतने के साथ साथ सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन सुनिश्चित करना चाहिए। मुख्यमंत्री के नागरिक उड्डयन सलाहकार कैप्टन दीप श्रीवास्तव ने कहा कि मुख्यमंत्री का विजन है कि राज्य के सभी दुर्गम क्षेत्रों को एयर एबुलेंस व हेली सेवा से जोड़ना है।

दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले गंभीर मरीजों को मिलेगी तत्काल स्वास्थ्य सुविधा मुहैया : डा. मधुर उनियाल 

एम्स के हेली सर्विसेस इंचार्ज ने बताया कि सही मायने में इस सेवा का लाभ राज्यवासियों को तभी मिल पाएगा, जब राज्य के दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले गंभीर मरीजों को तत्काल स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए इस सेवा से जोड़ा जाएगा, उन्होंने उम्मीद जताई कि राज्य सरकार इस दिशा में कार्य करेगी। उन्होंने एम्स ऋषिकेश व उत्तराखंड सरकार द्वारा हेली एंबुलेंस व हेलीपैड सेवा शुरू करने के लिए भारत सरकार के सिविल एविएशन मिनिस्ट्री के सचिव प्रदीप कुमार खरोला द्वारा दिए गए सहयोग की सराहना की। इस अवसर पर एम्स की एयर रेस्क्यू टीम ने आपदा के दौरान घायल को हेलीसेवा से अस्पताल पहुंचाने का मॉकड्रिल कर प्रदर्शन भी किया।
इस अवसर पर एम्स ऋषिकेश के डॉक्टरों ने हेलीसेवा से मरीज को लाने एवं एम्बुलेंस से ट्रामा सेंटर तक ले जाने की प्रक्रिया का मॉक ड्रिल भी किया। एम्स हेलीपैड के उद्घाटन के अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचन्द अग्रवाल, मेयर ऋषिकेश श्रीमती अनिता ममगाई, एम्स के निदेशक प्रो. रविकान्त, मुख्यमंत्री के उड्डयन सलाहकार श्री दीप श्रीवास्तव, तकनीकि सलाहकार डॉ. नरेन्द्र सिंह, एम्स के डॉ. मनोज गुप्ता, डॉ. यू.बी. मिश्रा आदि उपस्थित थे।

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