देहरादून : बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन परिषदीय सेवाकाल में कार्यरत बेसिक शिक्षकों द्वारा राजकीयकरण होने के उपरान्त परिषदीय सेवाकाल में अर्जित उपार्जित अवकाश का उपभोग की अनुमति प्रदान किये जाने की मांग लम्बे समय से की जा रही है।
धामी सरकार ने इस विभाग के दो अधिकारियों को किया सस्पेंड, एक को किया स्थांत्रित….
उपरोक्त के क्रम में अवगत कराना है कि उत्तराखण्ड विद्यालयी शिक्षा अधिनियम 2006 के भाग-11 प्रकीर्ण की धारा-58 के क्रम में दिनांक 22.04.2006 से बेसिक शिक्षा परिषद के अन्तर्गत कार्यरत समस्त शिक्षक एवं कर्मचारी राज्य सरकार के शिक्षक एवं अधिकारी / कर्मचारी हो गये है अर्थात उनकी सेवाओं का राजकीयकरण हो गया है।
उत्तरांचल विद्यालयी शिक्षा अधिनियम, 2006 के भाग-दो प्रकीर्ण की धारा-58 में उल्लिखत है कि “इस अधिनियम के प्रभावी होने की तारीख से ठीक पूर्व कार्यरत बेसिक शिक्षा परिषद के समस्त शिक्षक, अधिकारी तथा अन्य कर्मचारी जिसमें कोई परिवेक्षणीय या निरीक्षणीय अधिकारी एवं कर्मचारी भी है।
राज्य सरकार को अन्तरित हो जायेंगे और दे राज्य सरकार के शिक्षक, अधिकारी और कर्मचारी हो जायेंगे और उन पर राज्य सरकार द्वारा विहित सेवा शर्तें लागू होगी तथा अधिनियम के भाग-1 की धारा-166) में उल्लिखित है कि यह उस तारीख को प्रवृत्त होगा जो राज्य सरकार राजपत्र में अधिसूचना द्वारा नियत करें एवं यह अधिनियम दिनांक 22-05-2006 में राजपत्र में अधिसूचना द्वारा प्रकाशित हो गया है।
गजट के प्रकाशित होने की तिथि दिनांक 22-04-2006 से बेसिक शिक्षा परिषद के अन्तर्गत कार्यरत समस्त शिक्षक एवं कर्मचारी राज्य सरकार के शिक्षक एवं अधिकारी / कर्मचारी हो गये है अर्थात उनकी सेवाओं का राजकीयकरण हो गया है।”
उपरोक्त प्राविधानों के अनुसार बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन कार्यरत शिक्षकों को दिनांक 22-04-2006 से राज्य सरकार का शिक्षक मान लिया गया। दिनांक 22-04-2006 के उपरान्त अर्जित उपार्जित अवकाशों का नकदीकरण अनुमन्य है, किन्तु परिषदीय सेवाओं के अधीन अर्जित उपार्जित अवकाश का नकदीकरण अनुमन्य नहीं है।
दिनांक 22.04.2006 से पूर्व परिषदीय सेवाओं के अधीन जो भी उपार्जित अवकाश अर्जित किया गया है. वह अवकाश हेतु अनुमन्य है। अतः उक्त से अवगत होते हुए आवश्यक अग्रेत्तर कार्यवाही करना सुनिश्चित करें।