HNB केंद्रीय गढ़वाल विश्वविद्यालय के कुलपति को हटाने के लिए मिली राष्ट्रपति की मंजूरी!

- HNB गढ़वाल विश्वविद्यालय के कुलपति जवाहरलाल कौल को हटाने की तैयारी !
श्रीनगर (गढ़वाल ) : गढ़वाल क्षेत्र के महत्वपूर्ण शिक्षा संस्थानों में से एक हेमवतीनंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय भ्रष्टाचार को चर्चाओं में है। बीते दिनों या विश्वविद्यालय तब और चर्चाओं में आया जब विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस के दौरान कुलपति और रजिस्ट्रार दोनों ही विश्वविद्यालय से नदारद रहे थे, उनकी इस नादरगी पर विश्वविद्यालय के छात्र संगठनों ने आपत्ति ही नहीं जताई थी बल्कि कुलपति का पुतला तक भी फूंका था। अब भ्रष्टाचार के मामलों के चर्चाओं में आने के बाद अब विश्वविद्यालय के कुलपति जवाहरलाल कौल की छुट्टी लगभग तय मानी जा रही है। एक जानकारी के मुताबिक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें पदमुक्त करने की मानव संसाधन विकास मंत्रालय की सिफारिश को स्वीकार कर लिया है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि भी की है।
गौरतलब हो कि कुलपति कौल के खिलाफ प्रशासनिक गड़बडियों की कई शिकायतें केंद्रीय सतर्कता आयोग को की गई थी जो बाद में मानव संसाधन विकास मंत्रालय पहुंची। मंत्रालय ने जांच के बाद उन्हें पदमुक्त करने का निर्णय लिया था। लेकिन कुलपति को सिर्फ राष्ट्रपति की मंजूरी से ही सरकार हटा सकती है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि राष्ट्रपति की मंजूरी मिल चुकी है। कुछ अन्य औपचारिकताएं पूरी करने के बाद अगले सप्ताह कुलपति को हटाने का आदेश जारी कर दिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान कुलपति की नियुक्ति एनडीए सरकार में ही 2014 में हुई थी। कौल के खिलाफ मिली शिकायतों की जांच के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने पिछले साल एक जांच समिति बनाई थी। उसकी रिपोर्ट के आधार पर इस साल फरवरी में उन्हें नोटिस जारी किया गया था। जिसका जवाब उनसे तीन सप्ताह के भीतर मांगा गया था। लेकिन उनके जवाब से मंत्रालय संतुष्ट नहीं हुआ। मंत्रालय के अनुसार कुलपति पर कौल पर प्रशासनिक गड़बड़ियों के कई गंभीर आरोप हैं।
कुलपति पर लगाए गए आरोपों में एक कालेज को संबद्ध करने में कम शुल्क लेना, विवि के कुछ कोर्स में सीटें दो सौ तक बढ़ा देना जबकि विवि के नियमों के अनुसार 60 और विशेष परिस्थियों में 80 से ज्यादा सीटें नहीं हो सकती हैं। इसकी प्रकार कुछ शिक्षक प्रशिक्षण कालेजों को पिछली तारीख से संबद्धता देने की शिकायत भी उनके खिलाफ मंत्रालय को मिली थी। इसके अलावा कुछ निजी संस्थानों के परीक्षाएं भी विवि द्वारा आयोजित करा दी गई जबकि उनके विवि से संबद्धता जांच के अधीन थी। इन तमाम आरोपों को आधार बनाकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कुलपति को हटाए जाने की सिफारिश राष्ट्रपति से की थी।