- अटल सच्चे मायने में राजनेता
- उपराष्ट्रपति ने निशंक की साहित्यधर्मिता को सराहा
नई दिल्ली । भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई को सच्चे अर्थों में युगपुरुष बताते हुए उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि वह भारतीय राजनीति के शिखर पुरुषों में उनका कृतित्व और व्यक्तित्व प्रेरणास्पद और अनुकरणीय है। ऐसी विभूति पर पुस्तक लिखकर डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने सही मायने में अपना साहित्य धर्म निभाया है और राष्ट्रीय उपकार का बड़ा काम किया है । इस दौरान उपराष्ट्रपति ने साहित्य की अनेकों विधाओं में उत्कृष्ठ कार्य करने के लिए सुप्रसिद्ध साहित्यकार सांसद डॉ रमेश पोखरियाल निशंक को सम्मानित भी किया।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू यहां अपने उपराष्ट्रपति निवास में डॉक्टर निशंक द्वारा लिखी पुस्तक युग पुरुष भारत रत्न अटल जी का लोकार्पण कर रहे थे इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय राजनीति में अटल जी का योगदान अविस्मरणीय है राजनीति को उन्होंने न सिर्फ नई ऊंचाइयां दी बल्कि राजनीति करने वालों को उन्होंने राजधर्म का पाठ भी सिखाया जाति धर्म ऊंच-नीच से ऊपर उठकर मानवता का पाठ पढ़ाया वह सच्चे मायने में राजनेता रहे हैं उन जैसे विराट व्यक्तित्व पर पुस्तक लिखकर निशंक जी ने बहुत बड़ा काम किया है इसके लिए मैं उन्हें साधुवाद देता हूं ऐसे महापुरुषों पर जरूर लिखा जाना चाहिए ताकि लोग अपने राष्ट्रगौरव से परिचित हो सकें और उनके विचारों को जान सकें साथ ही उनके आदर्शों पर चलकर स्व निर्माण के साथ-साथ राष्ट्र निर्माण में अपना जरूरी योगदान दे सकें।
उन्होंने जोर देकर कहा कि यह भी एक तरह से राष्ट्र के उपकार का ही काम है इसलिए देश की हर महान विभूति की जानकारी घर घर तक जरुर पहुंचाएं जानी चाहिए यह काम साहित्य धर्मी जन सबसे बेहतर कर सकते हैं द्य उन्होंने ऐसी गतिविधियों में खुद भी पूरे सहयोग की बात कही और कहा कि इस तरह के आयोजन आगे भी होते रहें इसके लिए उन के दरवाजे हमेशा खुले रहेंगे द्य इस दौरान उन्होंने अटल जी के साथ बिताए दौर को भी साझा किया और कहा कि उन जैसे महापुरुषों के सानिध्य और साधना के बूते ही वह आज राजनीति के शीर्ष तक पहुंच सके हैं उनका कहना था कि पहले वे दक्षिण में होने वाली हिंदी विरोधी आन्दोलनों में शामिल हुआ करते थे किंतु अटल जी से मुलाकात के पश्चात उन्होंने यह बात अच्छी तरह जान ली की हिंदी के बिना हिंदुस्तान का विकास नहीं हो सकता।
श्री नायडू ने कहा कि अटल जी जैसे विशाल व्यक्तित्व पर पुस्तक लिखना कोई सरल कार्य नहीं है किंतु डॉ निशक ने उनके समग्र जीवन पर यह पुस्तक लिखकर भारत के करोड़ों अटल प्रेमियों को एक अनमोल उपहार दिया है द्य इस पुस्तक से अटल को प्यार करने वाले समस्त भारतवासियों को अटल जी के जीवन का हर पक्ष जानने को मिलेगा। उपराष्ट्रपति जी ने डॉ निशंक को अंगवस्त्र ओढाकर सम्मानित किया। विशिष्ट अतिथि केंद्रीय राज्य मंत्री विजय गोयल ने कहा की अटल जी पर पुस्तक लिख कर डॉ निशंक ने सराहनीय कार्य किया है और अपनी रचनाधर्मिता से उनके बहुआयामी व्यक्तित्व को और उभारा है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए साहित्यकार पद्मश्री डॉ श्याम सिंह शशि ने कहा कि अटल जी के ब्यक्तित्व की तरह निशंक जी का भी ब्यक्तित्व सौम्य और शालीन है। निशंक लेखनी के धनी है, उनका साहित्य देश और विदेश के अनेकों विश्वविद्यालयों पाठ्यक्रम में पढ़ाया जा रहा है। वे ऐसे लेखक हैं जिन्होंने हिंदी साहित्य की सभी विधाओं में लिखा है।