कोरोना के मिले 787 मरीज तो बढ़े कंटेनमेंट जोन और तीन की हुई मौत

उत्तराखंड में टीकाकरण का बन रहा रिकार्ड, एक ही दिन में एक लाख से अधिक लोगों का हुआ टीकाकरण
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
राज्य में जहां एक तरफ कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है तो वहीं टीकाकरण कराने वालों की संख्या में भी अप्रत्याशित बढोत्तरी हो गई है। गुरुवार को टीकाकरण के पुराने सभी रिकार्ड ध्वस्त हो गए और रिकार्ड एक लाख से अधिक लोगों ने कोरोना से बचाव के लिए टीका लगाया। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार गुरुवार को राज्य भर में बनाए गए 718 टीकाकरण बूथों पर कुल 107658 लोगों को टीके लगाए गए। 16 जनवरी को टीकाकरण अभियान शुरू होने के बाद से यह पहली बार है जब राज्य में एक ही दिन में एक लाख से अधिक लोगों को कोरोना के टीके लगाए गए हैं। इसके साथ ही राज्य में टीके की एक डोज लगाने वालों की संख्या एक लाख 66 हजार के पार पहुंच गई है। जबकि एक डोज लगाने वालों का आंकड़ा 10 लाख को पार कर गया है।
देहरादून : उत्तराखंड राज्य में कुल मरीजों की संख्या 105498 हो गई है। गुरुवार को कोरोना के 787 नए मरीज मिले और तीन संक्रमितों की मौत हो गई। इसके साथ ही अब तक कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा 1744 पहुंच गया है। गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार देहरादून में 239, हरिद्वार में 277, अल्मोड़ा में 16, बागेश्वर में छह, चमोली में दस, चम्पावत में एक, नैनीताल में 132, पौड़ी में आठ, पिथौरागढ़ में छह, रुद्रप्रयाग में 12, टिहरी में 39, यूएस नगर में 34 और उत्तरकाशी में सात नए संक्रमित मरीज मिले हैं।
वहीं कोटद्वार के बेस अस्पताल में एक, विनय विशाल हॉस्पिटल रुड़की में एक और हिमालयन हॉस्पिटल में कोरोना संक्रमित की मौत हो गई। जबकि राज्य के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती 265 मरीजों को ठीक होने के बाद डिस्चार्ज किया गया। जिससे ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 97 हजार हो गई है। जबकि राज्य के अस्पतालों व होम आइसोलेशन में 5042 मरीज भर्ती हैं। वहीं गुरुवार को 29 हजार के करीब सैंपल की रिपोर्ट नेगेटिव आई। जबकि 36 हजार सैंपल जांच के लिए भेजे गए और 23 हजार की रिपोर्ट आना बाकी है।
उत्तराखंड में संक्रमण की दर 3.58 प्रतिशत जबकि मरीजों के ठीक होने की दर 91 प्रतिशत के करीब रह गई है। राज्य में कंटेनमेंट जोन की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है और अभी तक कुल 34 जोन बन चुके हैं। संक्रमण की सबसे बुरी स्थिति देहरादून में है जहां पर अभी तक 22 कंटेनमेंट जोन बन चुके हैं। हरिद्वार में चार, नैनीताल में सात और टिहरी में एक कंटेनमेंट जोन बनाया गया है।