Uttarakhand

राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों के चार कुलपतियों को किया सम्मानित

गो. बी. पंत कृषि एवं प्रो वि.वि  ‘गवर्नर्स बैस्ट यूनिवर्सिटी अवार्ड‘ की रनिंग ट्राॅफी
 
देहरादून :  विश्वविद्यालय का स्तर बढ़ाने की दृष्टि से किए गए सार्थक प्रयासों के लिए राज्यपाल डाॅ. कृष्ण कांत  पाल ने आज राज्य विश्वविद्यालयों के चार कुलपतियों को सम्मानित किया। प्रथम स्थान हासिल करने वाले गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रोद्योगिकी  विश्व विद्यालय के कुलपति डा. जे.कुमार को राज्यपाल द्वारा ‘गवर्नर्स बैस्ट यूनिवर्सिटी अवार्ड‘, की रनिंग ट्राॅफी प्रदान की गई।
 
उत्तराखण्ड को उच्चशिक्षा का ‘आदर्श केन्द्र‘ बनाने के लिए राज्यपाल द्वारा किये जा रहे गम्भीर प्रयासों की श्रृखंला में राज्य विश्व विद्यालयों के मध्य एक अन्तर-विश्वविद्यालयी प्रतिस्पर्धा के आधार पर ‘गवर्नर्स बेस्ट यूनिवर्सिटी अवार्ड‘ दिये जाने का निर्णय लिया गया था। जिसके तहत 2015 के सत्र के लिए 26 अप्रैल 2016 को प्रथम बार दिया गया यह अवार्ड गो0ब0पंत कृषि एवं प्रौ0 वि.वि ने ही हासिल किया था।
 
राज्य में उच्च शिक्षा के स्तर में अपेक्षित गुणात्मक सुधार के लिए विश्वविद्यालयों के सभी कुलपतियों को प्रेरित करने की दृष्टि से प्रारम्भ किए गए इस सम्मान के अन्तर्गत आज राजभवन में आयोजित कुलपतियों की त्रैमासिक बैठक में राज्यपाल द्वारा वर्ष 2016 के लिए विभिन्न मानकों के परीक्षण के बाद इण्टर यूनिवर्सिटी कम्पटीशन परिणाम घोषित किए गए जिसमें श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले गो0ब0पंत कृषि एवं प्रौ0 वि.वि विश्वविद्यालय के कुलपति को रनिंग ट्राफी, प्रशंसा पत्र तथा वि.वि की लाईब्रेरी हेतु दो लाख रूपये की धनराशि से सम्मानित किया।
 
द्वितीय स्थान पुनः कुमायूँ वि.वि, नैनीताल ने हासिल किया। राज्यपाल द्वारा कुलपति को प्रशंसा पत्र के साथ ही पुस्तकालय हेतु रू0 एक लाख की धनराशि, तृतीय स्थान पर रहे दून वि.वि, देहरादून को प्रशंसा पत्र के साथ ही पुस्तकालय हेतु पिचहत्तर हजार तथा चतुर्थ स्थान पर रहे नवोदित उत्तराखण्ड औद्यानिकी एवं वानिकी वि.वि के कुलपति को प्रशंसा पत्र के साथ लाईब्रेरी हेतु पचास हजार रूपये की धनराशि प्रदान कर सम्मानित किया गया।
 
उल्लेखनीय है कि प्रतियोगिता के लिए विश्वविद्यालयों के मूल्यांकन हेतु 16 महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर आधारित मानक तय किये गये थे। जिसके अन्तर्गत नैक (नेशनल ऐसैसमेन्ट एण्ड एक्रेडिटेशन कांउसिल) की मान्यता, स्मार्ट कैम्पस, रिसर्च पब्लिकेशन्स, पेटेन्ट, दीक्षांत समारोह की समय सारिणी (शिड्यूल आॅफ कन्वोकेशन), परीक्षा और परिणामों की समय सारिणी, यूजीसी के 12बी का स्टेटस तथा अनुदान प्राप्ति, शिक्षकों और विद्यार्थियों का अनुपात, प्लेसमेंट रिकार्ड, ट्यूटोरियल स्टेटस (अनुशिक्षण स्थिति) गोद लिए गये गाँवांे की प्रगति आख्या, क्रियेशन आॅफ सेंटर आॅफ एक्सीलेंस, सी.एस.आर. योजना के तहत प्रशिक्षण और रोजगार के लिए औद्योगिक क्षेत्रों से समन्वय जैसे महत्वपूर्ण मानक शामिल करने के साथ ही प्रमुख समितियों व प्रकोष्ठों के गठन की स्थिति का भी आकलन किया गया।
  इस अवसर पर राज्यपाल ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए आशा व्यक्त की कि इस प्रतिस्पर्धा से उच्च शिक्षा में गुणवत्ता और शोध के क्षेत्र में उपलब्धियां हासिल करने में मदद मिलेगी। राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर हमारे विश्वविद्यालयों को अच्छी पहचान मिलेगी यहाँ से पढ़कर जाने वाले विद्यार्थी गौरवान्वित होकर राष्ट्रनिर्माण में मददगार होंगे। 
 
उन्होंने पुरस्कृत वि.वि के कुलपतियों को बधाई देते हुए अन्य वि.वि से अपेक्षा की कि वे अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाते हुए आगामी वर्षों में उत्कृष्टता हासिल करने का प्रयास करेंगे। राज्यपाल ने यह भी कहा कि प्रत्येक विश्वविद्यालय को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह किसी न किसी क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करे। इसके लिए धरातल पर दिखाई देने वाले गंभीर प्रयास करने होंगे तभी जनसामान्य में विश्वविद्यालय की सम्मानजनक छवि स्थापित हो सकेगी। विश्वविद्यालय का दायित्व है कि ज्ञान को प्रयोग और व्यवहार में तब्दील करके विद्यार्थियों तथा देश का भविष्य सुनिश्चित करें।
 
कुलपतियों की इस त्रैमासिक बैठक में राज्यपाल ने कहा कि कुलपतियों को अपने-अपने विश्वविद्यालयों को नवाचार, शोध जैसी गतिविधियों को प्राथमिकता देने के साथ ही समय पर परीक्षायें तथा वार्षिक दीक्षान्त भी सुनिश्चित करने के साथ ही वार्षिक आख्या भी तैयार करनी चाहिए।

बैठक में राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों द्वारा अपनाये गए गाँवों तथा स्मार्ट कैम्पस की प्रगति की समीक्षा पर विशेष ध्यान केन्द्रित करते हुए कहा कि गाँवों को गोद लेने/अपनाने का उद्देश्य है कि ग्रामीण क्षेत्रों में सुखद बदलाव के लिए स्वच्छता, कूड़ा निस्तारण, सोलराजेशन, ट्री-प्लानटेशन, पानी की बचत, ईधन की बचत आदि के प्रति ग्रामीणों को जागरूक और प्रोत्साहित किया जाए। इसके साथ-साथ विश्वविद्यालयों विशेष रूप से पंतनगर यूनिवर्सिटी तथा औद्यानिकी एवं वानिकी वि.वि को स्पेशल हेल्प लाइन और हेल्प संेटर भी संचालित करने पर ध्यान देना चाहिए ताकि ग्रामीणों की जिज्ञासाओं और शंकाओं का त्वरित समाधान हो सके और उन्हें सही समय पर सही दिशा निर्देश मिल सके। पर्वतीय कृषि में सुधार लाकर कृषि को काश्तकारों के लिए लाभदायक बनाने की दृष्टि से गो0ब0पंत कृषि एवं प्रौ0 वि.वि तथा औद्यानिकी एवं वानिकी वि.वि को विशिष्ट भूमिका निभानी होगी, लक्ष्य निर्धारित करने होंगे। 

 
इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालयों में रिक्त चल रहे रजिस्ट्रार, परीक्षा नियंत्रक जैसे महत्वपूर्ण पदों के भरने, असम्बद्धीकरण, सरप्राइज चैकिंग, रैगिंग पर कड़े अंकुश लगाने सहित अन्य कई महत्वपूर्ण मु़द्धों पर भी विचार-विमर्श हुआ है और आवश्यक निर्देश दिए गए। 
 
आज की बैठक में सभी राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपति, सचिव राज्यपाल डाॅ0 भूपिन्दर कौर औलख, विधि परामर्शी राज्यपाल श्री खुल्वे तथा शासन के शिक्षा सम्बन्धी वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। 
 

devbhoomimedia

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