प्रदेश में डेंगू उपचार की पर्याप्त व्यवस्था स्वास्थ्य सुविधाओं में आधारभूत सुधार,भाजपा
प्रदेश में संचालित सभी 35 ब्लड बैंकों को ई-रक्तकोष से जोड़ा गया
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून । भाजपा ने नेता प्रतिपक्ष द्वारा डेंगू व स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर एक दिवसीय उपवास को पंचायत चुनाव में कांग्रेस को दिख रही हार की निराशा बताया और कहा है कि प्रदेश में मुख्य मंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर आधारभूत सुधार हुआ है । जबकि कांग्रेस के समय प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएँ चौपट हो चुकी थी व विभाग में भ्रष्टाचार व्याप्त था।
भाजपा प्रदेश मीडिया प्रमुख डॉ देवेंद्र भसीन ने कहा कि कांग्रेस को पंचायत चुनाव में साफ़ तौर पर करारी हार दिखाई दे रही है । ऐसे में कांग्रेस दुशप्रचार कर जनता को भ्रमित करने की कोशिश में है । जबकि नेता प्रतिपक्ष व अन्य कांग्रेस नेताओं को कोई आरोप लगाने से पहले कांग्रेस शासन के समय की स्वास्थ्य सुविधाओं को देख लेना चाहिए था जो पूरी तरह से पटरी से उतरी हुई थी ।आज स्थिति बिल्कुल बदली हुई है।
उन्होंने कहा कि डेंगू की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। अस्पतालों में डेंगू मरीजों के लिए विशेष वार्ड बनाए गए। ब्लड प्लेटलेट्स की व्यवस्था की गई। नगर निकायों के माध्यम से सफाई कराई गई और फोगिंग कराई गई। अस्पतालों में भर्ती मरीजों के समुचित उपचार की व्यवस्था की गई।
सर्दियों में होने वाले एच-1 एन-1 इन्फ्लुऐंजा से बचाव के लिए अभी से तैयारियां करने व लोगों को इस संबंध में जागरूक करने के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं।
हमने बड़ी संख्या में डाक्टरों की तैनाती पर्वतीय क्षेत्रों में की है। वर्तमान में 2045 चिकित्सक तैनात किए गए हैं जबकि पूर्व में केवल 1081 थे। इसके अलावा 159 दंत चिकित्सकों की नियुक्ति भी की गई है।
उन्होंने कहा कि हमने केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना को विस्तारित करते हुए अटल आयुष्मान योजना लागू की है। इसमें राज्य के समस्त परिवारों को 5 लाख रूपए वार्षिक की निशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है।
अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना में क्लेम को लेकर फर्जीवाड़ा करने वाले अस्पतालों पर जिस तरह शिकंजा कसा गया है उसको राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने भी सराहा है।
प्रदेश में अब तक 33 लाख गोल्डन कार्ड बन चुके हैं। 70 करोड़ रुपये, मरीजों के उपचार पर खर्च हो चुके हैं। 74 हजार लोगों को उपचार का लाभ मिला है। 350 क्लेम हर दिन निस्तारित किए जा रहे हैं।
स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर बीमारियों की स्क्रिनिंग व उपचार के लिए राज्य में 169 हैल्थ एंड वैलनेस सेंटर संचालित किए जा रहे हैं।
डॉ भसीन ने कहा कि संस्थागत प्रसव, मातृृत्व मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर, बालिका लिंगानुपात, टीकाकरण आदि तमाम हेल्थ इंडेक्स में बहुत सुधार हुआ है।
संस्थागत प्रसव 50 प्रतिशत से बढ़कर 71 प्रतिशत हो गए हैं। मातृ मृत्यु दर 84 अंकों की कमी के बाद 285 प्रति लाख से घटकर 201 प्रति लाख हो गई है।
शिशु मृत्यु दर में 6 प्रति हजार की कमी आई है। यह 38 प्रति हजार से घटकर 32 प्रति हजार हो गई है। यह गिरावट भारत के समस्त राज्यों में सबसे अधिक है।
शिशु मृत्यु दर में 6 प्रति हजार की कमी आई है। यह 38 प्रति हजार से घटकर 32 प्रति हजार हो गई है। यह गिरावट भारत के समस्त राज्यों में सबसे अधिक है।