जू में सर्प बाड़ा तैयार कर वन विभाग ने की सराहनीय पहल : डॉ. रावत
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून। वन एवं पर्यावरण मंत्री हरक सिंह रावत ने मालसी स्थित Zoo में सर्प बाड़े के उद्घाटन अवसर पर अपने सम्बोधन में कहा कि यह Zoo केवल मनोरंजन के लिहाज से नहीं बल्कि ज्ञान के लिहाज से भी विकसित किया जा रहा है। यहां सैलानियों को वन्य जीवों से जुड़ी अहम जानकारियां भी दी जाएंगी तो वहीं सांपों के बारे में लोगों में व्याप्त भ्रम को भी दूर किया जाएगा।
गुरुवार को मालसी स्थित देहरादून जू में प्रदेश के पहले सर्प बाड़े का उद्घाटन करते हुए वन मंत्री हरक सिंह रावत ने सर्प बाड़े की सराहना करते हुए विभिन्न प्रजातियों के सांपों देखा और औ उनकी जानकारी ली। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि लोगों में वन विभाग की छवि अच्छी नहीं है, जिसे बदलने का प्रयास किया जा रहा है। देहरादून जू में सर्प बाड़ा तैयार कर वन विभाग ने सराहनीय पहल की है। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि स्नेक हाउस से लोगों के मन में सांपों के प्रति व्याप्त भ्रम को भी दूर किया जाएगा और सांपों के बारे महत्वपूर्ण जानकारी भी दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि इस Zoo में पिछले चार साल के भीतर कई नई चीजें शुरू की गई हैं और आगे भी इसे और बेहतर बनाने को प्रयास जारी रहेंगे। यहां वन्य जीवों का रख-रखाव भी गंभीरता से किया जा रहा है। साथ लोगों में वन्य जीवों के प्रति लगाव पैदा करने का भी प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा पिछले कुछ समय से यहां सैलानियों की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है। मसूरी जाने वाले स्थानीय और बाहरी पर्यटक देहरादून Zoo का भी रुख कर रहे हैं। वन मंत्री ने कहा कि Zoo में मनोरंजन के कई साधन हैं और यहां टिकट भी बेहद साधारण रखा गया है। उन्होंने दावा किया कि इस Zoo को और विकसित करने के लिए वृहद स्तर पर प्रयास किए जाएंगे।
इस दौरान उन्होंने जू परिसर में बनाए गए रॉक गार्डन का भी शुभारंभ किया। इस मौके पर महापौर सुनील उनियाल गामा ने भी Zoo का भ्रमण किया। महापौर ने कहा कि देहरादून जू पर्यटकों को आकर्षित करने में सफल रहा है और अब स्नेक हाउस बनने के बाद यहां पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा।
क्षेत्रीय विधायक गणेश जोशी ने भी जू की विशेषता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यहां स्थानीय लोगों के मनोरंजन के लिए बहुत कुछ है। छुट्टी के दिन परिवार के साथ जू का भ्रमण किया जा सकता है। साथ ही महापौर और मसूरी विधायक ने जू में पार्किंग की उचित व्यवस्था को प्रयास करने की बात कही।
प्रमुख मुख्य वन संरक्षक डॉ. जयराज ने वन मंत्री के समक्ष वन्य जीवों के लिए अस्पताल बनाने की बात पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वन्य जीवों के उपचार की समुचित व्यवस्था नहीं है। अस्पताल न होने से अक्सर गंभीर घायल या बीमार वन्य जीवों को उचित इलाज नहीं मिल पाता। उन्होंने कहा कि हमें वन्य जीवों के दर्द को महसूस करना होगा। प्रदेश में कोई अस्पताल न होने के कारण कई बार अन्य राज्यों से उपकरण मंगाने पड़ते हैं। डॉ. जयराज ने देहरादून में वन्य जीव अस्पताल बनाने की योजना बनाने की बात कही।