UTTARAKHAND

धर्मांतरण कानून के तहत पहला मामला दर्ज चर्च पादरी पर पुरोला गांव में धर्म परिवर्तन कराने का आरोप

देवभूमि मीडिया ब्यूरो– बता दें कि मसूरी के एक चर्च का पादरी अपनी टीम लेकर धर्म परिवर्तन कराने उत्तरकाशी के पुरोला स्थित गांव गया था। पुलिस ने जांच के बाद पादरी, उसकी पत्नी और चार अन्य को नामजद किया है। पुलिस मुख्यालय ने इस मामले की प्राथमिकता के आधार पर विवेचना करने के निर्देश दिए हैं।

पिछले दिनों पुरोला के छिवाला गांव में कुछ लोगों को धर्म परिवर्तन कराते हुए स्थानीय लोगों ने पकड़ लिया था। धर्मांतरण कराने आए लोगों के साथ कहासुनी और मारपीट हो गई थी।

 

तो अब जांच के बाद धर्मांतरण कानून के तहत दर्ज हुए मुकदमे में मसूरी के पादरी पेस्टर जेजारस कोर्निलियस और उनकी पत्नी पुष्पा कोर्निलियस के नाम भी शामिल कर लिए गए हैं।

 जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि जांच के बाद आरोपी पादरी और अन्य को जल्द गिरफ्तार भी किया जा सकता है। धार्मिक स्वतंत्रता कानून में संशोधन के बाद प्रदेश में धर्मांतरण के आरोप में यह पहला मामला दर्ज हुआ है। संशोधन के बाद इस कानून के तहत सजा को 10 साल किया गया है।

 सूत्रों के मुताबिक, गांव निवासियों के मूल धर्म को लेकर कई तरह के भ्रम भी फैलाए जा रहे थे। लिहाजा, ग्रामवासियों ने इन पर भरोसा करना शुरू कर दिया। पुरोला का छिवाला कम आबादी वाला गांव है। यहां उत्तराखंड मूल के निवासियों के साथ-साथ नेपाल मूल के लोग भी रहते हैं। ज्यादातर गांव वाले इस प्रलोभन में आ गए और धर्म परिवर्तन करा भी लिया

तो पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों को धर्मांतरण की शिकायतों को गंभीरता से लेने के निर्देश दिए हैं। जनभावनाओं से जुड़े इस मुद्दे को लेकर जो भी शिकायत आए उस पर तत्काल कार्रवाई करने को कहा गया है। 

 

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