देहरादून । टोनी क्रूस के गोल्डन गोल की बदौलत मौजूदा चैंपियन जर्मनी ने स्वीडन को 2-1 से हराकर फीफा विश्व कप 2018 के नॉकआउट में पहुंचने की अपनी उम्मीदों को जिंदा रखा है। उतार-चढाव से भरे ग्रुप-एफ के इस बेहद रोमांचक मुकाबले में रीस और क्रूस ने जर्मनी के लिए गोल दागे, जबकि स्वीडन की ओर से इकलौता गोल टोवोनन ने किया।
जर्मनी की टीम 82वें मिनट के बाद 10 खिलाडिय़ों के साथ खेल रही थी। खेल के आखिरी कुछ मिनटों में जर्मनी की टीम गोल करने के लगातार मौके बनाती रही और आखिरकार इंजुरी टाइम के आखिरी में उसकी मेहनत रंग लाई। इंजुरी टाइम में स्वीडन के डी के बाहर दाहिने छोर पर जर्मनी को फ्री किक मिला जिस पर क्रूस ने बनाना किक लगाते हुए जर्मनी को रूस विश्व कप में पहली जीत दिला दी।
टोवोनन का टशन : चार बार की विश्व चैंपियन जर्मनी ने आक्रामक शुरुआत की। तीसरे मिनट में टिमो वार्नर से हेडर के जरिये मिले पास पर जूलियन ड्रेक्सेलर ने पेनाल्टी स्पॉट से किक लगाया, लेकिन उसे स्वीडन के डिफेंडर ग्र्रैनक्विस्ट ने अपने शरीर से रोकते हुए गोल के मौके को जाया कर दिया। आधे घंटे के खेल में गेंद पर ज्यादातर समय तक कब्जा जर्मनी का रहा, लेकिन मौका टोवोनन ने मारा। खेल के 32वें मिनट में क्लेसन से मिले पास को टोवोनेन ने नॉयर के ऊपर से गेंद को गोल पोस्ट में पहुंचाकर जर्मन खेमे में हलचल मचा दी। इसके बाद जर्मनी ने हमला बोला। पहले गुंडोगन के और फिर मूलर के प्रयास को स्वीडन के गोलकीपर ओल्सन ने बेकार कर दिया। हाफ टाइम के इंजुरी टाइम में नॉयर ने स्वीडन को दोहरी बढ़त लेने से उस समय रोक दिया जब लार्सन की फ्री किक पर बर्ग ने गेंद को हेडर के जरिये गोल पोस्ट में पहुंचाने का प्रयास किया, लेकिन नॉयर ने अपनी दायीं ओर गोता लगाते हुए शानदार बचाव किया।
रीस ने कराई वापसी : दूसरा हाफ जब शुरू हुआ तब जर्मनी को पता था कि उसे सबसे पहले स्वीडन की बढ़त को खत्म करना था और काम किया मार्को रीस ने। खेल के 48वें मिनट में ड्रैक्सेलर की जगह खेलने आए मारियो गोमेज ने रीस को स्वीडन के डी में गेंद दी जिस पर रीस ने जादुई टच देकर जर्मनी को बराबरी पर ला दिया। इसके बाद तो गेंद जैसे स्वीडन के पाले में चिपक सी गई। जर्मन टीम लगातार हमले बोलती रही लेकिन कभी किस्मत तो कभी स्वीडन के गोलकीपर की चपलता की वजह से जर्मनी बढ़त नहीं ले पा रहा था।
बोएटेंग को रेड कार्ड : खेल के 72वें मिनट में पहला यलो कार्ड झेलने वाले बोएटेंग को 10 मिनट बाद दूसरा यलो कार्ड दिखाया गया। दो यलो कार्ड यानी एक रेड कार्ड और बोएटेंग को मैदान से बाहर जाना पड़ा जिससे जर्मनी को आगे का खेल सिर्फ 10 खिलाडिय़ों से पूरा करना पड़ा। स्वीडन के बर्ग को बोएटेंग का गिराना महंगा पड़ा और इसका हर्जाना उन्हें मैदान से बाहर जाकर चुकाना पड़ा। खेल के 88वें मिनट में स्वीडन के गोलकीपर ने एक शानदार बचाव किया। निर्धारित समय में खेल बराबरी पर जरूर रहा लेकिन उसका रोमांच कम नहीं था। जब खेल इंजुरी टाइम में गया तो रोमांच भी चरम पर पहुंच गया। इस दौरान जर्मनी की टीम लगातार हावी रही और आखिरी मिनट में मिली फ्री किक पर क्रूस ने अपनी टीम के लिए विजयी गोल दागकर जर्मन खेमे में खुशियां बिखेर दीं।
लो ने बदली टीम : इस अहम मुकाबले के लिए जर्मन कोच जोकिम लो ने चार अहम बदलाव किए और मैट हुमेल्स, सामी खेदिरा, मेसुट ओजिल और प्लाटेंडार्ट को बाहर रखा। उधर स्वीडन के कोच जेनी एंडरसन ने एक बदलाव करते हुए जैनसन की जगह बीमारी से उबरकर लौटे लिंडेलोफ को मौका दिया।
नंबर गेम-
-37 मुकाबले दोनों टीमों के बीच अब तक हुए हैं जिसमें से 16 जर्मनी ने जीते हैं और 13 स्वीडन ने, जबकि आठ मुकाबले ड्रॉ रहे हैं
-05 बार विश्व कप में दोनों टीमें एक-दूसरे से भिड़ी हैं जिसमें जर्मन टीम ने चार मैच जीते हैं, जबकि स्वीडन ने 1958 में इकलौती जीत हासिल की थी