RUDRAPRAYAG

घर में घुसी मादा गुलदार को पिंजरे में किया कैद

तिलवाड़ा अनुसूचित बस्ती में गुलदार घुसने मची अफरा-तफरी

रुद्रप्रयाग । तिलवाड़ा मुख्य बाजार के ऊपर अनुसूचित बस्ती में एक खण्डहर भवन के भीतर गुलदार घुसने से अफरा-तफरी मच गई। हालांकि बाद में वन विभाग ने पिंजरा लगाया, जिसके बाद गुलदार पिंजरे में कैद हो गया। यह मादा गुलदार काफी उम्र की बताई जा रही है, जो चलने फिरने में भी असमर्थ है और बीमार है। डाॅक्टरों की राय के बाद ही गुलदार को जंगल में छोड़ा जायेगा या फिर रेस्क्यू सेंटर में रखा जायेगा।

दअरसल, सोमवार प्रातः साढ़े दस बजे तिलवाड़ा अनुसूचित बस्ती में एक मादा गुलदार पुराने खण्डहर भवन के अंदर घुस गई। गुलदार के घर के भीतर घुसने के बाद गांव में अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया। ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी। वन विभाग पिंजरा लेकर मौके पर पहुंचा और जिस रास्ते गुलदार अंदर घुसा, उसी स्थान पर विभाग ने पिंजरा लगा दिया। पिंजरा लगाने के लगभग आधा घंटे बाद गुलदार पिंजरे में कैद हो गया। गुलदार को देखने के लिये स्थानीय लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी, लेकिन विभागीय अधिकारी-कर्मचारियों ने स्थानीय लोगों को गुलदार नहीं देखने दिया। गुलदार को तिलवाड़ा से वन विभाग के प्रभागीय कार्यालय रुद्रप्रयाग लाया गया। जहां डाॅक्टरों की टीम को बुलाकर गुलदार का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।

पिंजरे में कैद हुई मादा गुलदार काफी वृद्ध है। मादा गुलदार चलने-फिरने की हालात में भी नहीं है और स्थिति काफी दयनीय बनी हुई है। प्रभागीय वनाधिकारी राजीव धीमान ने बताया कि गुलदार के घर में घुसने की सूचना मिलने के बाद विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई थी। पिंजरा लगाने के लगभग आधा घंटे बाद गुलदार पिंजरे में कैद हो गया। उन्होंने कहा कि गुलदार की हालात काफी नाजुक है और चलने-फिरने की स्थिति में नहीं है। चिकित्सकों की राय के बाद गुलदार को जंगल में छोड़ा जायेगा या फिर रेस्क्यू सेंटर भेज दिया जायेगा।

Dev Bhoomi Media

तीन दशक तक विभिन्न संस्थानों में पत्रकारिता के बाद मई, 2012 में ''देवभूमि मीडिया'' के अस्तित्व में आने की मुख्य वजह पत्रकारिता को बचाए रखना है .जो पाठक पत्रकारिता बचाए रखना चाहते हैं, सच तक पहुंचना चाहते हैं, चाहते हैं कि खबर को साफगोई से पेश किया जाए न कि किसी के फायदे को देखकर तो वे इसके लिए सामने आएं और ऐसे संस्थानों को चलाने में मदद करें। एक संस्थान के रूप में ‘ देवभूमि मीडिया’ जनहित और लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुसार चलने के लिए प्रतिबद्ध है। खबरों के विश्लेषण और उन पर टिप्पणी देने के अलावा हमारा उद्देश्य रिपोर्टिंग के पारंपरिक स्वरूप को बचाए रखने का भी है। जैसे-जैसे हमारे संसाधन बढ़ेंगे, हम ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने की कोशिश करेंगे। हमारी पाठकों से बस इतनी गुजारिश है कि हमें पढ़ें, शेयर करें, इसके अलावा इसे और बेहतर करने के सुझाव अवश्य दें। आप अपना सुझाव हमें हमारे ई-मेल devbhumi.media@gmail.com अथवा हमारे WhatsApp नंबर +919719175755 पर भेज सकते हैं। हम आपके आभारी रहेंगे

Related Articles

Back to top button
Translate »