प्राचार्य और वार्डन ने किया अभिभावकों से बच्चों को ले जाने का अनुरोध
प्राचार्य और वार्डन ने बचाई 388 बच्चों की जिंदगियां
विकासनगर : कालसी के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में मलबा आने के बाद प्राचार्य डा. जीसी बड़ोनी और वार्डन सुधा पैन्यूली की सूझबूझ से 343 बच्चों और 45 स्टाफ की जिंदगियां बच गई। दोनों ने अन्य स्टाफ की मदद से तत्परता दिखाते हुए बच्चों को ऊंचाई पर स्थित डाइनिंग हाल में पहुंचाया। वहां बच्चों की गिनती कराई गई, जिन बच्चों ने खाना नहीं खाया था उन्हें खाना खिलाया गया। छात्रों की चिंता में प्राचार्य, वार्डन व कई स्टाफ सदस्यों ने पूरी रात खाना नहीं खाया। दूसरे दिन सुबह अपर सचिव शैलेश बगोली और तहसीलदार एसपी उनियाल स्कूल पहुंचे और प्राचार्य से घटना की जानकारी ली। घटना की जानकारी देते समय प्राचार्य और वार्डन फफक पड़े। विद्यालय के वार्डन ने सभी छात्रों के अभिभावकों से अपील की है कि वे स्थिति सामान्य होने तक अपने बच्चों को स्कूल से ले जाएँ।
रुंधे गले से बताया कि सोमवार सुबह भी भारी मलबा स्कूल परिसर के समीप से गुजरने वाले दिल्ली-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर आ गया था। तब उन्होंने विभागीय अधिकारियों को फोन कर मलबा हटाने को कहा था। विभाग ने मलबा हटाने के लिए जेसीबी भी भेजी। मौसम के मिजाज को देखते हुए बीते सोमवार को प्राचार्य ने कक्षाओं का भी संचालन नहीं किया। क्योंकि उन्हें फिर से मलबा आने का अंदेशा था। दिनभर प्राचार्य मौसम के मिजाज को भांपते रहे। रात करीब नौ बजे अधिकांश बच्चे खाना खा चुके थे।
इसी बीच तेज बारिश होने लगी। रात करीब पौने दस बजे के बीच तेज धमाके के साथ मलबा स्कूल परिसर की दीवार को तोड़ता हुआ तेज बहाव के साथ स्कूल परिसर में घुस गया। छात्र संख्या पूरी होने पर प्राचार्य और स्टाफ ने राहत की सांस ली। इस दौरान स्कूल की बत्ती भी गुल हो गई। करीब दो घंटे तक सभी अंधेरे में रहे।
इस बीच घबराए छात्रों का प्राचार्य ढांढस बंधाते रहे। कई छात्र डर के मारे कांप रहे थे। इसके बाद प्राचार्य ने किसी तरह अपर सचिव शैलेश बगोली से संपर्क साधा। उन्हें यथा स्थिति से अवगत कराया। रातभर सभी ने डाइनिंग हॉल में रात गुजारी। बता दें कि स्कूल की स्थापना करीब छह साल पहले हुई थी, तभी से प्राचार्य बड़ोनी और वार्डन सुधा पैन्यूली यहां तैनात है। उनके कुशल मार्गदर्शन में यहां से पढ़े बच्चों ने ऊंचा मुकाम हासिल किया है।