डीएम दीपक रावत को सम्मान दिया जाना संत को नहीं पच पाया!

हरिद्वार : जिलाधिकारी दीपक रावत आमजन के लिए किये गए तमाम कामों को लेकर चर्चाओं में रहते रहे हैं, नैनीताल से लेकर हरिद्वार तक उन्होंने आमजन की सुविधाओं के लिए जहाँ जिला प्रशासन को गतिशील बनाया वहीँ उन्होंने कई और भी ऐसे कार्य किये जिनसे आमजन को लूटने वाले बेपर्दा हुए हैं और उन्हें सजा भी मिली है। लेकिन सोमवार को ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज के सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मातृसदन के ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद को जिलाधिकारी को सम्मान दिया जाना ठीक नहीं लगा तो उन्होंने उसका विरोध करते हुए मंच की तरफ पर्चे फेंके। इतना ही नहीं वे मंच पर तक चढ़ गए इसके बाद आत्मबोधानंद को पुलिस पकड़कर मायापुर चौकी ले गई जिसके बाद पुलिस ने जिला अस्पताल में उनका मेडिकल कराने के बाद सिटी मजिस्ट्रेट ने ब्रह्मचारी को जेल भेज दिया।
गौरतलब हो कि महामना सेवा संस्थान हरिद्वार की तरफ से ऋषिकुल आयुर्वेदिक कालेज के सभागार में बीते सोमवार को मदन मोहन मालवीय का 156वां जयंती समारोह आयोजित किया गया था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कार्यक्रम में जब सम्मान के लिए समारोह में जिलाधिकारी दीपक रावत सहित पांच लोगों को महामना मालवीय सम्मान से पुरस्कृत किया जा ही रहा था जैसे ही डीएम का नाम पुकारा गया तो दर्शक दीर्घा की बारहवीं पंक्ति में बैठे मातृसदन के ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने मंच के सामने गैलरी में जाकर डीएम की तरफ पर्चे फेंके। इतना ही नहीं इसके बाद ब्रह्मचारी सम्मान का विरोध करते हुए मंच पर चढ़ गए।
वहां मौजूद पुलिस कर्मी आत्मबोधानंद को पकड़कर एक कमरे में ले गए। बाद में उन्हें मायापुर पुलिस चौकी ले जाया गया, जहां पुलिस ने उनका शांतिभंग में चालान कर दिया। आनन फानन में पुलिस आत्मबोधानंद को मेडिकल के लिए जिला अस्पताल लेकर पहुंची। मेडिकल के बाद उन्हें सिटी मजिस्ट्रेट के न्यायालय में पेश किया गया। सिटी मजिस्ट्रेट मनीष सिंह ने ब्रह्मचारी को जेल भेज दिया। हालाँकि एक जानकारी के अनुसार पर्चे में बिना नाम लिखे एक अधिकारी को सम्मान देने का विरोध किया गया था।