CRIME

DGP अशोक कुमार खुद करेंगे निदान, शिकायतों का होगा जल्द समाधान

एक जनवरी से शुरू “वीडियो कान्फ्रेसिंग” से मिलेगी शिकायतकर्ताओं को राहत

वीडियो कान्फ्रेसिंग में जनपद प्रभारी, पुलिस उपाधीक्षक, थाना प्रभारी, जांच अधिकारी, विवेचना अधिकारी और शिकायतकर्ता रहेंगे मौजूद 

राजेंद्र जोशी 
देहरादून : DGP अशोक कुमार ने कुर्सी संभालते ही पुलिस की कार्यप्रणाली में व्यापक सुधार का मन बनाया है वे चाहते हैं कि पुलिस लोगों को मित्र स्वरूप लगे और उसका कार्य ऐसा हो लोग पुलिस  जाने से झिझकें नहीं बल्कि पुलिस को अपना मित्र समझते हुए पुलिसकर्मियों से अपनी समस्याओं को खुलकर बताएं ताकि पुलिस उनकी समस्याओं का निदान कर सके।
इसी क्रम में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा है कि ऐसे महत्वपूर्ण प्रकरण जहां शिकायतकर्ता जनपद पुलिस द्वारा की गयी जांचअथवा विवेचना से यदि संतुष्ट नहीं होता है, तो ऐसी शिकायत की जांच व विवेचना की समीक्षा पुलिस मुख्यालय द्वारा वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से की जाएगी। उन्होंने बताया पूर्व में ऐसी शिकायत की जांच अथवा विवेचना की समीक्षा हेतु शिकायतकर्ता एवं जांच अधिकारी को पुलिस मुख्यालय बुलाया जाता था, जिसमें कभी -कभी किसी शिकायतकर्ता को काफी दूर से आना पड़ता था, और उसका समय और पैसा दोनों खर्च होता था।
पुलिस महानिदेशक अशोक अशोक कुमार ने शिकायतकर्ताओं के हित में निर्णय लेते हुए बताया कि अब शिकायतकर्ता एवं जांच अधिकारी को पुलिस मुख्यालय आने की आवश्यकता नहीं होगी। इसके लिए अगले माह एक  जनवरी से प्रत्येक शुक्रवार को दोपहर 12.00 बजे से 13.00 बजे तक वे स्वयं सम्बन्धित जनपद से वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से ऐसी शिकायतों की जांच और विवेचना की समीक्षा करेंगे, जिसमें शिकायतकर्ता, जांच अधिकारी और विवेचना अधिकारी द्वारा अपना-अपना पक्ष रखा जाएगा। वीडियो कान्फ्रेसिंग में पुलिस मुख्यालय स्तर पर पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड एवं पुलिस महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड, जनपद स्तर पर जनपद प्रभारी, पुलिस उपाधीक्षक, थाना प्रभारी, जांच अधिकारी, विवेचना अधिकारी और शिकायतकर्ता मौजूद रहेंगे।
DGP अशोक कुमार ने बताया कि यह व्यवस्था अगले माह एक जनवरी से लागू की जा रही है। वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से सुनी जाने वाली शिकायतों का निर्धारण स्वयं मेरे एवं पुलिस महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था और पुलिस अधीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड द्वारा किया जाएगा। इस व्यवस्था से शिकायतकर्ता, जांच अधिकारी एवं विवेचना अधिकारी का भी समय और पैसा बचेगा और सम्बन्धित प्रकरण या विवेचना की समीक्षा समय से हो पाएगी। जिससे पीड़ित को त्वरित न्याय दिलाने में सहायता होगी।

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