COVID -19VIEWS & REVIEWSWorld News

कोविड-19: संक्रमण के मामले जल्द छू सकते हैं एक करोड़ का आंकड़ा

दुनिया में अब तक कोविड-19 के 91 लाख से ज़्यादा मामलों की पुष्टि हो चुकी है, चार लाख 70 हज़ार से ज़्यादा मौतें हुई हैंः विश्व स्वास्थ्य संगठन 

संक्रमण के लगभग 40 लाख मामले पिछले महीने ही सामने आए हैं, जबकि महामारी फैलने के पहले महीने में महज़ 10 हज़ार मामलों की पुष्टि हुई थी 

दुनिया को प्रतिदिन छह लाख 20 हज़ार क्यूबिक मीटर ऑक्सीजन की आवश्यकता होगी, यानी क़रीब 88 हज़ार बड़े सिलेन्डर चाहिए

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा कि अगले हफ़्ते तक कोरोनावायरस से संक्रमितों की संख्या एक करोड़ का आंकड़ा पार कर सकती है। उन्होंने कहा कि संक्रमण फैलने की रफ़्तार महामारी के उपचार और वैक्सीन विकसित करने के प्रयासों के साथ-साथ ऐहतियाती उपायों की अहमियत के प्रति भी आगाह करती है, ताकि बीमारी के फैलाव को रोकना और ज़िन्दगियों को बचाना सम्भव हो सके।  
जिनीवा से पत्रकारों को संबोधित करते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा कि अब तक कोविड-19 के 91 लाख से ज़्यादा मामलों की पुष्टि हो चुकी है और चार लाख 70 हज़ार से ज़्यादा मौतें हुई हैं। 
इनमें संक्रमण के लगभग 40 लाख मामले पिछले महीने ही सामने आए हैं, जबकि महामारी फैलने के पहले महीने में महज़ 10 हज़ार मामलों की पुष्टि हुई थी।

यूएन प्रमुख ने कहा कि ज़रूरतमन्द मरीज़ों को ऑक्सीजन देना उनकी ज़िन्दगी बचाने के सबसे असरदार उपायों में है। मेडिकल ऑक्सीजन को ‘कॉन्सन्ट्रेटर’ के ज़रिये तैयार किया जाता है जो वायु से ऑक्सीजन को निचोड़ कर उसे परिष्कृत करता है।
कोविड-19 संक्रमण से गम्भीर रूप से बीमार मरीजों में सामान्य रूप से सांस लेकर रक्तधाराओं में पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुँच जाती है, जिससे उन्हें साँस लेने में तक़लीफ़ होती है. इसके लिए उन्हें मदद की ज़रूरत होती है।
महामारी के शुरुआती दिनों से ही यूएन एजेंसी ने ऑक्सीजन की अहमियत पर ध्यान केन्द्रित किया है। सही समय पर मदद के अभाव में महत्वपूर्ण कोशिकाओं और अंगों को ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो पाती, जिससे मौत हो सकती है।
कोविड-19 के फैलाव की गति तेज़ है और हर सप्ताह लगभग 10 लाख नए मामले सामने आ रहे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए दुनिया को प्रतिदिन छह लाख 20 हज़ार क्यूबिक मीटर ऑक्सीजन की आवश्यकता होगी – यानी क़रीब 88 हज़ार बड़े सिलेन्डर चाहिए। 
यूएन एजेंसी प्रमुख ने बताया कि अनेक देशों के पास ऑक्सीजन के लिए ज़रूरी उपकरणों का अभाव है और 80 फ़ीसदी से ज़्यादा बाज़ार पर कुछ ही कम्पनियों का नियंत्रण है। 
ऑक्सीजन की किल्लत से निपटने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन उन देशों के लिए ऑक्सीजन ख़रीद रहा है, जिन्हें उसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत है. इस सिलसिले में आपूर्तिकर्ताओं के साथ बातचीत के बाद 14 हज़ार ‘कॉन्सन्ट्रेटर’ की ख़रीदारी की गई है जिन्हें आने वाले दिनों में 120 देशों में भेजा जाएगा।
डेढ़ लाख से ज़्यादा ‘कॉन्सन्ट्रेटर’ अगले छह महीनों में उपलब्ध हो सकते हैं, जिनकी क़ीमत लगभग दस करोड़ डॉलर होगी। साथ ही यूएन एजेंसी ने नौ हज़ार 800 से ज़्यादा ऑक्सीमीटर को ख़रीदा है – एक ऐसा उपकरण जिससे मरीज़ के खून में ऑक्सीजन के स्तर को मापा जा सकता है। 
महानिदेशक घेबरेयेसस ने कहा कि अब कुछ देशों ने अपनी अर्थव्यवस्थाओँ को खोलना शुरू किया है और ऐसे में यह सवाल अहम है कि बड़ी सभाओं को सुरक्षित ढंग से किस तरह आयोजित किया जा सकता है। 
उदाहरण के तौर पर, सऊदी अरब ने वार्षिक हज यात्रा को शुरू करने का फ़ैसला किया है, लेकिन यह यात्रा देश में ही रहने वाले और सीमित सँख्या में लोगों के लिए है।
उन्होंने कहा कि संक्रमणों के जोखिम को कम करने के लिए यूएन एजेंसी के दिशा निर्देशों की मदद से इस सम्बन्ध में कई परिदृश्यों का विश्लेषण किया गया और उसके बाद ही यह निर्णय लिया गया है।  
यूएन एजेंसी के महानिदेशक ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन इस फ़ैसले का समर्थन करता है और कि वह समझ सकते हैं कि अनेक लोगों को इससे निराशा होगी। उनके मुताबिक यह एक और उदाहरण है जो दर्शाता है कि सभी देशों को स्वास्थ्य को सर्वोपरि रखते हुए कुछ मुश्किल विकल्पों को चुनना होगा। 

devbhoomimedia

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : देवभूमि मीडिया.कॉम हर पक्ष के विचारों और नज़रिए को अपने यहां समाहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह जरूरी नहीं है कि हम यहां प्रकाशित सभी विचारों से सहमत हों। लेकिन हम सबकी अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार का समर्थन करते हैं। ऐसे स्वतंत्र लेखक,ब्लॉगर और स्तंभकार जो देवभूमि मीडिया.कॉम के कर्मचारी नहीं हैं, उनके लेख, सूचनाएं या उनके द्वारा व्यक्त किया गया विचार उनका निजी है, यह देवभूमि मीडिया.कॉम का नज़रिया नहीं है और नहीं कहा जा सकता है। ऐसी किसी चीज की जवाबदेही या उत्तरदायित्व देवभूमि मीडिया.कॉम का नहीं होगा। धन्यवाद !

Related Articles

Back to top button
Translate »