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कोविड-19 से लड़ाई में लगातार सावधान रहने की जरूरतः मुख्यमंत्री

कान्टेक्ट ट्रेसिंग, सर्विलांस और सैम्पलिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए

क्लीनिकल मैनेजमेंट में समय पर रेस्पांस को प्राथमिकता दी जाए

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कोविड-19 के संबंध में सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की

देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि कोविड-19 के एक्टिव मामलों में कमी होने पर भी लगातार सावधान रहने की जरूरत है। प्रशासनिक स्तर पर किसी तरह की शिथिलता न हो। शनिवार को मुख्यमंत्री ने कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम तथा बचाव के लिए किए जा रहे कार्यों की सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की।
उन्होंने कहा कि हमारा रिकवरी रेट 81 प्रतिशत से अधिक हो गया है। मृत्यु दर को कम करने पर विशेष ध्यान देना होगा। गम्भीर मामलों पर जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी स्वयं लगातार नजर रखें। ऐसे मामलों में अविलम्ब रेस्पांस सुनिश्चित किया जाए। लगातार सर्विलांस किया जाए और संदिग्ध मामलों में सेम्पलिंग जरूर की जाए।
एक्टिव मामलों में कमी आई, पर किसी तरह की ढिलाई न आए
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले लगभग 4 माह में कोविड-19 को नियंत्रित करने के लिए काफी काम किया गया है। इसी का परिणाम है कि वर्तमान में प्रदेश में कोरोना का रिकवरी रेट 81 प्रतिशत से अधिक है और यह निरंतर बढ़ रहा है। हमारे यहां एक्टिव मामलों की संख्या 500 से भी कम हो गई है। परंतु अभी आराम का समय नहीं है। सतत सतर्कता बनाए रखनी है।
कान्टेक्ट ट्रेसिंग और क्वारेंटाइन सेंटरों की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। डेथ ऑडिट रिपोर्ट में कोरोना संक्रमित की मृत्यु के कारणों का विश्लेषण कर देखा जाए कि कहां-कहां सुधार किए जाने की जरूरत है। क्लीनिकल मैनेजमेंट में गम्भीरतम मामलों पर उच्च स्तर से मॉनिटरिंग की जाए।
आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं  के मानदेय का समय पर भुगतान सुनिश्चित हो
आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आदि फ्रंटलाइन वर्कर कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में हमारे प्रमुख योद्धा हैं। इनके मानदेय के भुगतान में किसी प्रकार का विलम्ब नहीं होना चाहिए। साथ ही इन्हें फेस शील्ड, सैनिटाइजर आदि उपलब्घ करवाना सुनिश्चित किया जाए।
मास्क व फिजीकल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन हो
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने प्रदेश में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया है। आईसीयू, वेंटिलेटर, टेस्टिंग मशीन व लैब आदि सुविधाओं में भी काफी वृद्धि हुई है। लोगों को लगातार जागरूक करने की जरूरत है। सार्वजनिक स्थानों पर मास्क व फिजीकल डिस्टेंसिंग का पालन सख्ती से कराया जाए।
कोविड-19 को लेकर भ्रामक व गलत समाचार प्रसारित करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। कोराना से ठीक हुए लोगों के अनुभवों के वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में साझा किया जाए ताकि आम जन में इसके प्रति जागरूकता आए।
बुजुर्गो और गम्भीर बीमार व्यक्तियों के हेल्थ स्टेटस की लगतार मॉनिटरिंग
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि कोविड-19 को लेकर किसी भी प्रकार का निर्णय बहुत सोच समझकर लिया जाता है। प्रदेश में स्थिति धीरे-धीरे सुधर रही है। अन्य बहुत से प्रदेशों से हमारी स्थिति बेहतर है। परंतु अभी भी हमारे प्रयासों में किसी प्रकार की ढ़िलाई नहीं आनी चाहिए।
कान्टेक्ट ट्रेसिंग में कमी न रहे। कोविड-19 के प्रति संवेदनशील बुजुर्गों, छोटे बच्चों और बीमार व्यक्तियों को टारगेट करते हुए उनके हेल्थ स्टेटस को लगातार मॉनिटर किया जाए। जो भी डाटा प्राप्त होता है, जिलाधिकारी भी उसका विश्लेषण कर देखें कि उनके जिले में कहां कमियां रही हैं। उनमें सुधार किया जाए। कोविड-19 के साथ ही डेंगू पर भी ध्यान देना है। बरसात के सीजन को देखते हुए भी सभी तैयारियां कर ली जाएं।
विभिन्न मानकों पर राज्य की स्थिति बेहतर
सचिव अमित नेगी ने बताया कि राज्य में कोविड-19 के कुल एक्टिव केस 500 से भी कम रह गए हैं। पिछले सात दिन में कोरोना की वृद्धि दर 0.56 प्रतिशत है जबकि भारत में यह 1.28 प्रतिशत है। उत्तराखण्ड में पॉजिटिविटी रेट 4.68 प्रतिशत है और देश में औसत पॉजिटिविटी रेट 6.73 प्रतिशत है। राज्य में कुल पॉजिटिव मामलों में से 89 प्रतिशत शहरी क्षेत्रों में और 11 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में पाए गए हैं। सेम्पलिंग में भी पहले की तुलना में लगातार बढ़ोतरी हुई है। राज्य की डबलिंग रेट 57.39 दिन है जबकि देश की डबलिंग रेट 23.52 दिन है।
आईसीयू, वेंटीलेटर व आक्सीजन सपोर्ट की पर्याप्त उपलब्धता
कोविड केयर सेंटरों में वर्तमान में 22601 रिक्त बेड उपलब्ध हैं। कोविड फेसिलिटी में 1126 आक्सीजन सपोर्ट बेड, 247 आईसीयू बेड और 159 वेंटीलेटर उपलब्ध हैं। जिलों को सेम्पलिंग के लिए 16 ट्रू-नेट मशीन उपलब्ध करवाई जा चुकी हैं। जिलों की आवश्यकता के अनुसार सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
कान्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए तीन राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम कार्यरत
आईजी संजय गुन्ज्याल ने बताया कि प्रदेश में कान्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए तीन कंट्रोल रूम काम कर रहे हैं। देहरादून, उत्तरकाशी व टिहरी के लिए देहरादून कंट्रोल रूम, हरिद्वार, पौड़ी, चमोली और रुद्रप्रयाग के लिए हरिद्वार कंट्रोल रूम और कुमायूं मंडल के सभी जिलों के लिए रामनगर कंट्रोल रूम कार्य कर रहा है। सभी 13 जिलों में कांटेक्ट ट्रेसिंग के लिए बीआरटी और सीआरटी सक्रिय हैं। हर जिले में इसके लिए एक नोडल अधिकारी भी तैनात हैं।
बैठक में आयुक्त गढ़वाल रविनाथ रमन, आयुक्त कुमाऊं अरविंद सिंह ह्यांकि, सचिव डा. पंकज कुमार पाण्डेय, अपर सचिव युगल किशोर पंत, महानिदेशक स्वास्थ्य डा. अमिता उप्रेति सहित सभी जिलाधिकारी व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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