कांग्रेस तथा भाजपा केवल पैसे और प्रचार के ताकत पर चुनाव में खड़ी
राष्ट्रीय दलों से विचारधारा लगभग खत्म
संघर्ष के दम पर चुनाव मैदान में खड़ी उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी
अल्मोड़ा : उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के श्री पीसी तिवारी ने अल्मोड़ा विधान सभा में जन संपर्क के दौरान ग्रामीणों से बातचित में कहा कि इसे राजनीति का गिरता स्तर कहेंए गलत लोगों का राजनीति को कब्जानाए ईमानदार कार्यकर्ताओं को पीछे धकेल देना या फिर राजनीति में पैसे का बोलबोला। वजह कुछ भी हो पर राज्य में जिस तरह की राजनीति की जा रही उससे न केवल भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है बल्कि समाज का नैतिक पतन भी हो रहा है। राजनीति में समाजसेवाए समर्पण त्याग व बलिदान की भावना पर पैसा हावी है। भले ही यह पैसा किसी भी तरह से कमाया गया हो। यह बदलती राजनीति का स्वरूप है कि देश हित में की जाने वाली राजनीति आज की तारीख में हर गलत काम की ढाल बनती जा रही है। राजनीतिक भ्रष्टाचार को खत्म करने के प्रयास चुनाव आयोग से लेकर न्यायपालिका के स्तर तक किए जा रहे हैं पर क्या ये प्रयास कारगर हो रहे हैं पर्याप्त हैं इन प्रयासों का राजनीतिक दलों पर क्या असर पड़ रहा है। इन मुद्दों पर मंथन की जरूरत है।
समर्पण भाव के अभाव में राजनेताओं ने राजनीति को ऐसा रूप दे दिया है कि राजनीति में आने का मकसद बस पैसा कमाना भर रह गया है। संगठनों में पद व चुनाव में टिकट भी पैसे के दम पर ही हासिल की जा रहे हैं। धंधे बाज लोग निष्ठावान ईमानदार व कर्त्तव्यनिष्ठ कार्यकर्ताओं को पीछे धकेल कर आगे बढ़ जा रहे हैं। लोकतंत्र के इस बड़े देश में राजनीतिक दलों में लोकतंत्र नाम की चीज नहीं रह गई है। हर दल में हाईकमान सिस्टम स्थापित है जिसने कमियों लेकर आवाज उठाई कि कर दिया पार्टी के बाहर। इस पार्टी से टिकट न मिला तो दूसरी से मांग लिया। दूसरी से न मिला तो तीसरी से ले लिया। दलों से विचारधारा तो लगभग खत्म ही हो गई है। तमाम प्रयास के बावजूद चुनावी खर्च कम नहीं होने का नाम नहीं ले रहा है। प्रत्याशियों के खर्चे पर जरूर कुछ अंकुश लगा है पर रैलियों व नेताओं के हवाई सफर तथा पार्टी द्वारा किए जा रहे खर्चे का कोई हिसाब नहीं।
इस व्यवस्था में हम भ्रष्टाचार कम होने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं। कैसे किसान.मजदूर व युवा के भले की उम्मीद कर सकते हैं। जनता का हिसाब मांगने वाले राजनीतिक दलों का हिसाब लेने वाला कोई नहीं चंदा कहां से आता है। कहां से कार्यालयों के खर्चे पूरे होते हैं हाल यह है कि बड़े स्तर पर राजनीतिक दल कारपारेट घरानों के पैसों से चुनाव लड़ते हैं और फिर उनके लिए ही काम करते हैं। कार्यकर्ता को आगे बढ़ाने का प्रचलन दलों से लगभग खत्म ही होता जा रहा है। राजनेताओं के चारित्रिक पतन के चलते गंदली होती जा राजनीति से लोगों का विश्वास उठता जा रहा है। दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत होने वाले जनप्रतिनिधि तरह.तरह के अनैतिक कार्यां में लिप्त पाए जा रहे हैं। राजनीतिक दलों में निष्ठावान कार्यकर्ताओं की जगह चाटुकार दलाल व प्रापर्टी डीलरों ने ले ली है। राजनीतिक दलों ने वोट बैंक के लिए आरक्षण गरीब दलित जैसे जनहित के मुद्दों को भी वोट कार्ड के रूप में इस्तेमाल किया हैं। किसान मजदूरों की लड़ाई लड़ने का दंभ तो हर राजनीतिक दल भरता है पर कितने जनप्रतिनिधि किसान व मजदूर पृष्ठभूमि से हैं पूंजीपतियों के दबाव में केंद्र सरकार श्रम कानून में संशोधन कर जहां मजदूर का अस्तित्व खत्म करने पर तुली है वहीं किसान की खेती पूंजीपतियों को सौंपकर किसान को उसके ही खेत में बंधुआ मजदूर बनाने का खेल देश में चल रहा है।
इन सबके बीच प्रश्न उठता है कि कैसे अच्छी छवि के लोग राजनीति में आएं। कैसे युवाओं का राजनेताओं पर विश्वास बढ़े। कैसे राजनीति का इस्तेमाल जनहित में हो। कैसे किसान की दशा सुधरे। कैसे मजदूर को उचित मजदूरी मिले। कैसे युवाओं के लिए रोजगार की व्यवस्था हो। यदि वास्तव में देश का भला करना है तो राजनेताओं को अपना जमीर जगाकर राजनीति से ऊपर उठकर कारगर प्रयास करने होंगे। राजनीतिक सुधार के लिए युवाओं के साथ बुद्धिजीवियों के विचारों को भी स्थान देना होगा। आज जरूरत इस बात की है कि राज्य में सरकार बनाने वाली जनता राज्य हित में मंथन करें। सबको यह समझना होगा कि जब तक राज्य की राजनीति नहीं सुधरेगी तब तक राज्य का भला नहीं हो सकता।
इन सब के बीच ”उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी” ही एक मात्र राजनैतिक दल है एजो संघर्ष के बल पर चुनाव लड़ रही रही है। पार्टी स्थापना से आज 8 वर्षों तक ए कभी अपने सिधान्तों से समझौता नहीं किया है । उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी आज अपना चुनाव संघर्षों तथा संघर्षशील जन समुदाय के मनोबल से लड़ रही है।
जनसंपर्क में अल्मोड़ा विधान सभा प्रत्याशी श्रीमती रेखा धस्मानाए केंद्रीय अध्यक्ष श्री पीसीतिवारी ए केंद्रीय सचिवए श्रीमती आनंदी वर्माए वर्माए सुश्री प्रज्ञा नौटियाल अमिन उर. रहमानए श्री प्रकाश श्री राजीव गिरी ने देवली लाट चौसली श्यालीधार आदि क्षेत्रों का दौरा किया ।