क्लोरीन गैस रिसाव की जांच पूरी, कार्रवाई के हुए निर्देश

- दो अभियंताओं को थमाए गए आरोप पत्र
- अस्पताल में भर्ती हुए लोगों के इलाज का खर्च विभाग द्वारा किया जायेगा
देहरादून। दिलाराम जल संस्थान के टैंक के पास बने क्लोरीनेशन प्लांट से क्लोरीन गैस सिलेण्डरों में हुए रिसाव की जांच पूरी कर ली गयी है। जांच कमेटी के विवेचना के आधार पर सात बिंदुओं में कार्रवाई की संस्तुति कर दी गयी है।वहीँ यह भी निर्णय लिया गया है कि क्लोरीन गैस रिसाव से पीड़ित और अस्पताल में भर्ती हुए लोगों के इलाज का खर्च विभाग द्वारा किया जायेगा ।
गौरतलब है कि 17 अगस्त गुरुवार को दिलाराम बाजार के समीप स्थित जल संस्थान परिसर में रखे क्लोरीन गैस के सिलेण्डरों से रिसाव हो गया था। जिससे आस-पास के लोग 10 लोग प्रभावित हुए थे। नतीजतन जल संस्थान के महाप्रबंधक एसके गुप्ता ने सुदेश कुमार शर्मा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमिटी गठित की गयी थी । जिसमें पेयजल निगम के अधीक्षण अभियंता एनएस बिष्ट और अधिशासी अभियंता इमरान अहमद को सदस्य बनाया गया है। कमेटी ने जांच कर सरकार रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है।
विवेचना के आधार पर मै. कीर्ति कैम (इण्डिया) अलीगढ़ को तत्कालीन प्रभाव से क्लोरीन रिफिलिंग कार्य हेतु निरूद्ध कर दिया गया है। रिपोर्ट में प्रभारी अधिशासी अभियन्ताश्री यशवीर मल्ल, ,अपर सहायक अभियन्ता ए.के. गुप्ता तथा फतेह सिंह को लापरवाही के कारण आरोप-पत्र निर्गत कर दिये गए हैं। वहीँ महाप्रबन्धक (मुख्यालय) श्रीमती नीलिमा गर्ग और अधीक्षण अभियन्ता सुबोध कुमार द्वारा दुर्घटना के पश्चात् तुरंत निरीक्षण नहीं किये जाने के कारण इनको चेतावनी पत्र दे दिए गए हैं ।
वहीँ शासन से जानकारी मांगी गयी है कि शासन स्तर पर एक कमेटी का गठन कर यह अध्ययन कर लिया जाये कि किन-किन स्थानों पर तरल क्लोरीन से क्लोरीनेशन का कार्य किया जाये तथा इसके लिए क्या-क्या सुरक्षा उपाय सुनिश्चित किये जायें जिससे भविष्य में दुबारा ऐसी दुर्घटना न हो। समिति की संस्तुति आने तक पेयजल के विसंक्रमितीकरण का कार्य सोडियम हाइपोक्लोराइट से ही कराई जाये। क्लोरिन गैस के सिलेण्डरों का भण्डारण हेतु सुरक्षित कार्यवाही की संस्तुति की गई है। मानवता की दृष्टि से क्लोरित गैस रिसाव सेपीड़ित होकर अस्पताल में भर्ती हुए लोगों के इलाज के व्यय की प्रतिपूर्ति विभाग द्वारा की जायेगी।