कई चर्चित पीसीएस अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ हो सकती है एफआईआर
तहसीलों से मांगा 2011 से 2014 के बीच हुई 143 का ब्यौरा
शासन की सख्ती से अफसरों में मचा हड़कंप
रुद्रपुर। कुमाऊं के कमिश्नर डी सेंथिल पांडियन कल जिले का दौरा करके नेशनल हाइवे 74 के भूमि अधिग्रहण में हुए 118 करोड़ के घोटाले की जांच प्रारंभ करेंगे। उनके निर्देश पर जिले भर की तहसीलों से यह सूची तैयार कराई जा रही है कि वर्ष 2011 से 2014 के बीच किस तहसील में कितनी कृषि योग्य जमीनों का भू उपयोग परिवर्तित किया गया है। इसमें खास तौर पर एनएच की जद में कौन कौन सी जमीनें आ रही हैं। माना जा रहा है कि इस घोटाले में आधा दर्जन से अधिक पीसीएस अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कल ही प्राथमिकी दर्ज कराई जा सकती है। आयुक्त के दौरे की खबर से यहां तैनात रहे अफसरों में हड़कंप मच गया है।
गौरतलब है कि प्रदेश के मुख्य सचिव एस रामास्वामी ने कमिश्नर की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद आयुक्त श्री पांडियन की अध्यक्षता में ही जांच कमेटी गठित कर दी है। इस कमेटी में राजस्व सचिव व राजस्व परिषद के सचिव को शामिल किया गया है। मुख्य सचिव ने प्रारंभिक जांच में दोषी पाए गए अधिकारियों एवं कर्मचारियों को चिह्नित करके उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।
सूत्रों की मानें तो इस प्रकरण में आयुक्त पांडियन रुद्रपुर आ रहे हैं। उनके निर्देश पर जिले की सभी तहसीलों से 2011 से 2014 तक की अवधि में हुई 143 की पत्रावलियों की सूची तैयार कराई जा रही हैं। इनमें खासतौर पर उन भूमि का भी जिक्र होगा, जो नेशनल हाइवे की जद में आई हैं। आयुक्त के इस आदेश के बाद अफसरों में खलबली मच गई है। जांच में यह भी देखा जाएगा कि किन किन लोगों को मुआवजा ज्यादा मिला है। ऐसे लोगों से रिकवरी की कार्रवाई की जा सकती है। माना जा रहा है कि आयुक्त श्री पांडियन कल दौरे के बाद 118 करोड़ के मुआवजा घोटाले में कई पीसीएस अफसरों समेत कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा सकते हैं।
गौरतलब है कि नेशनल हाइवे के चौड़ीकरण का नोटिफिकेशन होने के समय कृषि में दर्शायी गई भूमि को बैक डेट में 143 करके उन्हें व्यावसायिक घोषित करके किसानों को दस गुना अधिक मुआवजा दिया गया है। बाजपुर तहसील में एक ही दिन में 120 जमीनों की 143 की गई। जिसमें 47 जमीनें नेशनल हाइवे की जद में आ रही थीं। गदरपुर व जसपुर तहसील में बैक डेट में 143 होने के मामले भी सार्वजनिक हो चुके हैं। इसके अलावा अन्य तहसीलों में भी ऐसे मामले होने की चर्चा रही है।