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चीनी रक्षा मंत्रालय ने दी धमकी: डोकलाम से पीछे हटे इंडियन आर्मी

अगर भारत अपनी सेना नहीं हटाता  है तो तो चीन अपनी चीन सेना बढ़ा देगा: कियान 

नयी दिल्ली : सिक्किम सेक्टर में डोकलाम क्षेत्र को लेकर पिछले एक महीने से भारत और चीन के बीच तनातनी चल रही है। इस विवाद के दौरान दोनों देशों की ओर से आए दिन कुछ न कुछ बयानबाजी होती रहती है। लेकिन इस बार पहली दफा चीन के रक्षा मंत्रालय की ओर से एक बयानबाजी की गई है, जिसमें खुले तौर पर भारत को चेतावनी दी गई है। चीन ने चेताते हुए कहा है कि भारत डोकलाम से अपनी सेना पीछे हटाए। पीएलए यानी पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी चीन की हिफाजत के लिए संकल्पित है।

चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वू कियान ने भारत चीन के बीच डोकलाम में चल रहे विवाद को लेकर मीडिया को दिए आधिकारिक बयान में कहा कि भारत किसी भ्रम में ना रहे और अपनी सेना को जल्द पीछे हटा ले। कियान ने यह भी कहा कि यही इस समस्या के समाधान के लिए चीन की पहली शर्त है। चीन ने चेताते हुए ये भी कहा कि अगर भारत ऐसा नहीं करता है तो चीन अपनी चीन सेना बढ़ा देगा। 

कियान ने चीनी सेना की प्रशंसा के पुल बांधते हुए कहा कि पीएलए यानी पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी ने पिछले 90 सालों में अपनी शक्ति में काफी इजाफा किया है और वह चीन की हिफाजत के लिए संकल्पित है। यदि भारत अपनी सेना नहीं हटाता है तो हम अपनी सेना बढ़ा देंगे।

पहाड़ को हिलाया जा सकता है, लेकिन चीनी सेना को नहीं : कियान
वू कियान ने कहा कि भारत को किसी भी तरह का मुगालता नहीं पालना चाहिए। उन्होंने कहा कि पहाड़ को हिलाया जा सकता है, लेकिन चीनी सेना को नहीं हिलाया जा सकता। वू ने कहा कि भारत अपनी सेना तुरंत पीछे हटा ले। पीएलए ने यह भी कहा कि इस घटना के जवाब में एक ‘आपातकालीन प्रतिक्रिया’ के तौर पर क्षेत्र में और अधिक चीनी सेना उतार सकती है।
उन्होंने आगे यह भी कहा, ‘हम दृढ़ता आग्रह करते हैं कि भारत अपनी गलतियों को सही करे और अपने उकसाने वाले कामों को समाप्त करे। और संयुक्त रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए चीनी पक्ष के साथ मिल कर काम करे।’
इसके साथ ही वरिष्ठ कर्नल वू कि़आन ने रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता से डोकलाम पठार पर चीन के सड़क निर्माण का पक्ष भी रखा। आपको बता दें कि डोकलाम को डोंगलंग के नाम से संबोधित करता है।

सड़क निर्माण की चीनी सेना ने ली है जिम्मेदारी
कि़आन ने कहा कि जून के मध्य में, चीनी सेना ने एक सड़क के निर्माण की जिम्मेदारी ली थी। डोंगलंग चीन का क्षेत्र है और चीन का अपने क्षेत्र में सड़क निर्माण करना एक सामान्य घटना है। यह चीन की संप्रभुता का कार्य है और वैध है। उन्होंने आगे कहा कि भारत द्वारा चीन के क्षेत्र में घुसना परस्पर मान्यता प्राप्त अंतरराष्ट्रीय सीमा का एक गंभीर उल्लंघन है और यह अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ है। हम अपनी संप्रभुता की रक्षा किसी भी कीमत पर करेंगे।

सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में दिया था चीन को जोरदार जवाब
आपको बता दें कि भारत ने गुरुवार (20 जुलाई) को चीन से कहा था कि यदि चीन चाहता है कि भारत इलाके से अपने सैनिकों को हटा ले, तो वह भी अपने सैनिकों को भूटान-चीन सीमा पर डोकलाम से हटाए। करीब महीने भर से चल रहे गतिरोध पर पहली भारतीय विस्तृत टिप्पणी में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने चीन पर एकतरफा भूटान से लगी सीमा पर यथास्थिति बदलने का प्रयास करने का आरोप लगाया था। उन्होंने राज्यसभा में कहा था कि इसी वजह से भारतीय व चीनी सीमा में गतिरोध बढ़ा है।
इसके साथ ही सुषमा ने कहा था कि चीन कह रहा है कि भारत को बातचीत शुरू करने के लिए डोकलाम से अपने सैनिकों को वापस बुलाना चाहिए, जबकि ‘हम कह रहे हैं कि यदि संवाद होना है तो दोनों को अपने सैनिकों को हटाना चाहिए.’ उन्होंने कहा, “चीन की कार्रवाई हमारी सुरक्षा को चुनौती है.” सुषमा स्वराज ने कहा था कि भारत कुछ भी अनुचित नहीं कर रहा है।

devbhoomimedia

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