UTTARAKHAND

 छावला गैंगरेप हत्या काण्डःपूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत… राज्य की बटी के जरूर न्याय मिलेगा।  

देवभूमि मीडिया ब्यूरो-छावला गैंगरेप हत्या काण्डः यह घटना फरवरी, 2012 की है। उत्तराखंड की पौड़ी निवासी 19 साल की पीड़िता दिल्ली से सटे गुरुग्राम के साइबर सिटी इलाके से काम के बाद दिल्ली के छावला इलाके में स्थित अपने घर लौट रही थी। और आरोपियों ने उसके घर के पास से ही एक कार में उसे अगवा कर लिया था। जब, वह घर नहीं लौटी तो उसके पिता ने उसकी तलाशी शुरू की। तो माता-पिता ने दिल्ली पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई। यह मामला नजफगढ़ थाने में दर्ज हुआ था। इस घटना के तीन दिन बाद पीड़िता का शव बहुत बुरी अवस्था में हरियाणा के रेवाड़ी गांव की एक खेत से बरामद हुआ।

आपको बता दें कि 2012 की घटना के तीन साल बाद 2015 में दिल्ली की निचली अदालत ने तीनों आरोपियों राहुल, रवि और विनोद को 19 साल की पीड़िता के अपहरण, गैंगरेप और हत्या का दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई थी।

तो वही अब छावला गैंगरेप हत्या काण्ड में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया तो फैसले ने पूरे देश को चौंका दिया।  सुप्रीम कोर्ट ने सजा को  नकारते हुए तीनो आरोपियो को बरी करार दें दिया ।  

एक वायरल वीडियो में उसकी मां सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बारे सुनकर रोने लगीं। उन्होंने कहा, ’11 साल बाद, यह फैसला है। हम हार गए हैं। मैं इस फैसले का इंतजार कर रही थी। अब, मुझे लगता है कि मेरे जीने का कोई कारण नहीं है। मैंने सोचा था कि मेरी बेटी को न्याय मिलेगा।

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से अब पूरे देश मे न्याय की मांग और भी तेज हो गयी है। इसी बीच उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत  ने भी सरकार से न्याय करने की मांग की  उन्होने कहा कि  राज्य की बटी के जरूर न्याय मिलेगा।  

 

 

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