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चंद्रमुखी चौटाला को आकर्षित करतीं हैं उत्तराखंड की फिजाएं

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत  के विज़न और प्रयासों का परिणाम है जो उत्तराखंड के प्रति बॉलीवुड का दिखाई दे रहा रुझान : कविता 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : छोटे पर्दे पर पर चंद्रमुखी चौटाला के नाम से प्रसिद्ध अभिनेत्री कविता कौशिक आजकल उत्तराखंड दौरे पर हैं। उन्होंने कहा उत्तराखंड में फिल्मों की शूटिंग के लिए बहुत से लोकेशन हैं और यहाँ बहुत सी हिंदी फिल्मों की शूटिंग भी हो चुकी है और हो रहीं है। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री के इस दिशा में प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह उनके विज़न और प्रयासों का परिणाम है जो उत्तराखंड के प्रति बॉलीवुड का रुझान दिखाई दे रहा है। हरिद्वार में गंगा स्नान के बाद कविता परिवार के साथ दून पहुंचीं हैं। यहां उन्होंने प्राचीन टपकेश्वर महादेव मंदिर में भोले बाबा के दर्शन कर मत्था टेका। 

कविता कौशिक देहरादून के पास प्रेमनगर में अपनी मौसी के घर ठहरी हुई हैं। कविता कौशिक ने देवभूमि मीडिया को बताया कि उनका और स्क्रीन पर चंद्रमुखी चौटाला के किरदार का उनकी जिंदगी से बहुत कुछ एक जैसा है।उन्होंने बताया उनके पिता पुलिस में थे लिहाज़ा उन्हें पुलिसवाली का किरदार निभाने में कोई ज्यादा समस्या पैदा नहीं हुई।

गौरतलब हो कि कविता कौशिक ने एफआईआर सीरियल में चंद्रमुखी का किरदार नौ वर्षों तक निभाया जिसे दर्शओकों का काफी समर्थन मिला और उनकी पहचान भी एक अदाकारा के रूप में बनी। उन्होंने बताया कि वे पंजाबी फिल्मों में अब अच्छे रोल में नजर आएंगी।इसके लिए फिल्म के निर्माता निर्देशकों से बात अंतिम दौर में है।

उन्होंने बताया कि पांच पंजाबी फिल्मों की शूटिंग उन्होंने पूरी कर ली है। उन्होंने कहा लंबे लॉकडाउन के बाद घर से बाहर निकलने का मौका मिला है। कोरोना से आए बदलाव को करीब से देखने के लिए उन्होंने परिवार संग रोड ट्रिप की योजना बनाई और मुंबई से गुजरात, राजस्थान, दिल्ली होते हुए उत्तराखंड तक अपनी कार से आ पहुंचीं हैं।

उन्होंने बताया उनका पिथौरागढ़ सहित मुनस्यारी और धारचुला तक जाने का कार्यक्रम है और साथ ही वे योग नगरी ऋषिकेश व आस-पास के इलाकों में भी घूमना चाहेंगी।  उन्होंने बताया उनको उत्तराखंड की वादियां बेहद पसंद हैं। जब भी समय मिलता है तो वे यहीं आना पसंद करती हैं। कविता ने कहा कि उत्तराखंड में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है।उन्हें अपने भीतर छिपी हुई प्रतिभा को निखारने के लिए उचित वातावरण और प्रशिक्षण की आवश्यकता है ।

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