कुलसचिव द्वारा निष्पादित किए जाने वाले सभी सरकारी कार्यो पर रोक
विश्वविद्यालय से गायब रहने के चलते उनकी अनुपस्थिति दर्ज करने के विश्वविद्यालय प्रशासन को निर्देश
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : श्रीदेव सुमन विश्व विद्यालय के कुलपति ने विश्व विद्यालय के कुलसचिव द्वारा उनके आदेशों की अवहेलना और कार्यों के प्रति लापरवाही के चलते कुलपति ने आज (सोमवार) से उनके द्वारा निष्पादित किए जाने वाले सभी सरकारी कार्यो पर रोक लगाने साहित बीते तीन दिसम्बर से विश्वविद्यालय से गायब रहने के चलते उनकी अनुपस्थिति दर्ज करने के विश्वविद्यालय प्रशासन को निर्देश दिए हैं।
गौरतलब हो कि श्रीदेव सुमन विवि के कुलसचिव सुधीर बुड़ाकोटी की कार्यशैली को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं। विश्वविद्यालय से मिली जानकारी के अनुसार कुलसचिव बीती तीन दिसबर से विश्वविद्यालय से नदारद हैं। वे कहां हैं और किस काम से गए हैं इसकी जानकारी न तो कुलपति को ही है और न विश्वविद्यालय प्रशासन को ही उनकी कोई सूचना है। इसी बीच जब कुलपति ने उनसे स्पष्टीकरण मांगा तो उन्होंने कुलपति के पत्र का जवाब तक देना गवारा समझा।
इतना ही नहीं कुलपति द्वारा इसी 10 दिसंबर को जब कुलसचिव से सरकारी वाहन की जानकारी चाही गई तो उन्होंने अपना सरकारी वाहन तो विश्व विद्यालय मुख्यालय भेज दिया, लेकिन वे बाकि जानकारी नहीं दे पाए और न ही खुद ही जवाब देने को कुलपति के समक्ष प्रस्तुत ही हुए। इसी मामले में नौ दिसंबर को कुलपति ने कुलसचिव की लापरवाही पूर्ण कार्यशैली के संबंध में उत्तराखंड शासन के उच्च शिक्षा विभाग और राजभवन को भी पत्र के माध्यम से अवगत कराया।
इसके बावजूद सोमवार को कुलसचिव द्वारा विश्वविद्यालय से कोई संपर्क न करने पर कुलपति ने उनके सभी सरकारी कार्यो पर रोक लगाने के निर्देश जारी कर दिए। वहीं उनकी अनुपस्थिति दर्ज करने का पत्र भी विश्व विद्यालय प्रशासन को जारी कर दिया। विश्व विद्यालय के कुलपति डॉ. पीपी ध्यानी ने बताया कि सुधीर बुड़ाकोटी की ओर से कुलसचिव के तौर पर किए जाने वाले सभी सरकारी कार्यो पर रोक लगा दी गई है। इसकी सूचना शासन को भी भेज दी गई है।
वहीं विश्व विद्यालय सूत्रों का कहना है कि कुलसचिव की विश्वविद्यालय में अनुपस्थित रहने के कारण परीक्षा से संबंधित और अन्य वित्तीय कार्य प्रभावित हो रहे हैं। जबकि विश्व विद्यालय के सहायक रजिस्ट्रार दिनेश चंद्रा ही सभी कामों को निपटा रहे हैं। लेकिन उनके पास सीमित अधिकारों के चलते विश्व विद्यालय के कार्य प्रभावित हो रहे हैं , यही कारण है कि विश्वविद्यालय के कुलपति को कुलसचिव की कार्यप्रणाली को देखते हुए इस तरह के कठोर आदेश देने पड़े हैं।