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तीन नए कृषि कानूनों की वापसी की संवैधानिक प्रक्रिया का पहला कदम सरकार ने आगे बढ़ा दिया है।
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बुधवार को मोदी सरकार की कैबिनेट ने इन कानूनों का वापसी वाले बिल को मंजूरी दे दी है और अब इसे संसद में पेश किया जाएगा।
देवभूमि मीडिया ब्यूरो। पीएम नरेंद्र मोदी ने बीते शुक्रवार को ही इन कानूनों का वापसी का ऐलान किया था। अब इस पर कैबिनेट की मुहर लगने के बाद बिल को संसद के शीत सत्र में पेश किया जाएगा।
संसद का सत्र 29 नवंबर से शुरू हो रहा है और पहले ही दिन यह बिल पेश होने वाला है। हालांकि अब भी संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े 40 संगठन दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं और उनका कहना है कि एमएसपी समेत 6 मांगों के पूरा होने पर ही घर वापसी करेंगे।
इस बीच किसान संगठनों ने ऐलान किया है कि 29 नवंबर को 60 ट्रैक्टरों के साथ 1,000 किसान संसद की ओर कूच करेंगे। यही नहीं 26 नवंबर को किसानों ने एक बार फिर से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन का फैसला लिया है।
इसके अलावा 27 नवंबर को संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बार फिर से मीटिंग बुलाई है, जिसमें आगे की रणनीति को लेकर फैसला लिया जाएगा। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, ‘जो सड़के सरकार द्वारा खोली गई हैं। उन सड़कों से ट्रैक्टर गुजरेंगे।
हम पर पहले सड़कों को ब्लॉक करने का आरोप लगाया गया था। हमने सड़क को अवरुद्ध नहीं किया था। सड़कों को ब्लॉक करना करना हमारे आंदोलन का हिस्सा नहीं है। हमारा आंदोलन सरकार से बात करना है। हम सीधे संसद जाएंगे।’