NATIONALPOLITICSUttarakhand

भाजपा को उत्तराखंड में जीत तो महागठबंधन के राज्यों में मिली मात

  • BJP का लोकसभा में बरकरार रहेगा बहुमत
  •  त्रिवेन्द्र सरकार के भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस को मिली मजबूती 
  • भाजपा लोस की चार तो विस की 10 में से जीत पायी सिर्फ 2 ही सीट 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : उत्तराखंड की थराली विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी ने जीत हासिल करते हुए त्रिवेन्द्र सरकार के खिलाफ आवाज उठा रहे नेताओं का जहाँ मुंह बंद कर दिया है वहीँ मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस को सराहते हुए उन्हें और मजबूत किया है। इतना ही नहीं थराली विधान सभा के उपचुनाव ने जहाँ पार्टी की साख की बरक़रार रखा है वहीँ भाजपा ने सीट पर अपनी मजबूत पकड़ भी प्रदर्शित की है। हालाँकि चुनाव नतीजों के बाद भले ही लोक सभा में सीटों की संख्या 540 हो जाएगी और भाजपा को दो सीटों पर हार का सामना करना पड़ा हो लेकिन उसके पास बहुमत के लिए जरूरी 271 सीटों से अभी भी दो सीटें ज्यादा है।  उपचुनाव की एक सीट जीतने पर ये आंकड़ा अब 273 पर पहुंच चुका है।

गौरतलब हो कि 2014 से अब तक 25 सीटों पर हुए उप-चुनाव के बाद 19 सीटें विपक्ष के नाम हो गयी हैं। और भाजपा तब से अब तक हुए उप चुनावों में नौ सीटें गंवा चुकी है। जबकि इन चुनावों से पहले भाजपा के कब्जे में 11 सीटें थीं। वहीँ देशभर की रिक्त 10 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे भी आ चुके हैं उत्तरप्रदेश, बिहार और झारखंड में विपक्षी दलों के महागठबंधन ने भाजपा को करारी मात दी है। वहीं बिहार में राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस ने जेडीयू-भाजपा गठबंधन से जोकीहाट विधानसभा सीट छीन ली है ।

झारखंड में विपक्षी दलों की एकजुटता के आगे सत्तारूढ़ दल भाजपा की एक न चली और वह झारखंड मुक्ति मोर्चा से सिल्ली और गोमिया विधानसभा की सीटें छीनने में नाकाम रही।कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद तीन राज्यों की चार लोकसभा सीटों पर 28 मई को हुए उप-चुनाव के नतीजे ने बीजेपी को बड़ा झटका दिया है। उसके हाथ से राजनीतिक लिहाज से अहम यूपी की कैराना सीट हाथ से निकल गई है। चार लोकसभा सीट में से महाराष्ट्र के पालघर में बीजेपी को जीत मिली है जबकि नगालैंड में बीजपी के समर्थन से खड़े एनडीपीपी उम्मीदवार ने जीत दर्ज की है।

उत्तर प्रदेश की कैराना सीट पर आरएलडी ने भाजपा से छीन ली है, जबकि  नूरपुर सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार नईमुल हसन ने जीत दर्ज की है। उधर, कर्नाटक की राजराजेश्वरी नगर विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी मुनिरत्ना ने 41,162 वोटों से जीत हासिल की है। 

जबकि महाराष्ट्र की पालघर लोकसभा सीट भाजपा ने 29, 572 वोटों से जीत ली है। वहीं, भंडारा-गोंदिया लोकसभा सीट पर एनसीपी ने हासिल की।तो वहीँ बिहार की जोकीहाट विधानसभा सीट पर लालू यादव की राष्टीय जनता दल ने जीत दर्ज की है। वहीँ पंजाब की शाहकोट विधानसभा सीट कांग्रेस ने जीत ली है। जबकि पश्चिम बंगाल की मेहेशतला से टीएमसी विजयी रही है।

झारखंड की गोमिया और सिल्ली विधानसभा सीट से जेएमएम को जीत मिली है। जबकि उत्तराखंड की थराली विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी ने जीत हासिल करते हुए त्रिवेन्द्र सरकार के खिलाफ आवाज उठा रहे नेताओं का जहाँ मुंह बंद कर दिया है वहीँ मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस को सराहा है की, तो पंजाब की शाहकोट विधानसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार हरदेव सिंह लाडी शेरोवालिया ने जीत ली। वहीं, केरल की चेंगानूर विधानसभा सीट सीपीआईएम ने जीत ली, तो महाराष्ट्र की पलूस कडेगाव सीट कांग्रेस ने जीती है। 

  • मुख्यमंत्री ने जीत का श्रेय कार्यकर्ताओं को दिया  

भाजपा मुख्यालय पहुंचे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने सभी कार्यकर्ताओं को जीत का श्रेय दिया। कम वोट से जीत के सवाल पर उन्होंने कहा कि जीत आखिर जीत होती है। जनता ने भाजपा पर विश्वास किया और इसका ही नतीजा थराली विधानसभा उपचुनाव की जीत है। उन्होंने कहा कि थराली के विकास पर ध्यान दिया जाएगा। 

  • मुन्नी देवी बोली जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का करूंगी प्रयास 

उपचुनाव में जीत के बाद पहली बार मीडिया से बातचीत में मुन्नी देवी शाह ने कहा कि थराली की जीत  सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, भाजपा संगठन और बीजेपी के कार्यकर्ता व क्षेत्रीय जनता की जीत है। सभी ने मुझ पर भरोसा जताया है। 

उन्होंने कहा कि यह स्वर्गीय मगन लाल जी के सपनो को पूरा करने की जीत है। जिन विकास कार्यों की नींव वह रखकर गए थे, उनको पूरा करना उनकी प्राथमिकता है। वह थराली विधानसभा के क्षेत्रीय लोगो की उम्मीदों पर खरी उतरने का पूरा प्रयास करेंगी। 

  • कांग्रेस बोली मंथन करेंगे हार के कारणों का 

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि थराली चुनाव में हार का कारणों का मंथन किया जाएगा। इसके लिए कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारी जल्द बैठक करेंगे। साथ ही जो कमियां होगी उसे दूर करने का प्रयास किया जाएगा। 

devbhoomimedia

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : देवभूमि मीडिया.कॉम हर पक्ष के विचारों और नज़रिए को अपने यहां समाहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह जरूरी नहीं है कि हम यहां प्रकाशित सभी विचारों से सहमत हों। लेकिन हम सबकी अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार का समर्थन करते हैं। ऐसे स्वतंत्र लेखक,ब्लॉगर और स्तंभकार जो देवभूमि मीडिया.कॉम के कर्मचारी नहीं हैं, उनके लेख, सूचनाएं या उनके द्वारा व्यक्त किया गया विचार उनका निजी है, यह देवभूमि मीडिया.कॉम का नज़रिया नहीं है और नहीं कहा जा सकता है। ऐसी किसी चीज की जवाबदेही या उत्तरदायित्व देवभूमि मीडिया.कॉम का नहीं होगा। धन्यवाद !

Related Articles

Back to top button
Translate »