UTTARAKHAND

आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में भाजपा मंत्री गणेश जोशी मुश्किल में

मंत्री गणेश जोशी के खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति का मामला

आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में भाजपा मंत्री गणेश जोशी मुश्किल में

भाजपा के कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी के खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति के आरोपों में विजिलेंस ने मुकदमे की अनुमति के लिए सरकार से अनुरोध किया है। विशेष न्यायाधीश ने 8 अक्टूबर तक धामी कैबिनेट से इस मामले में निर्णय लेने को कहा है। मामले की सुनवाई 19 अक्टूबर को होगी। हाल ही में, मंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले विकेश नेगी को जिलाबदर कर दिया गया था, लेकिन कमिश्नर ने आदेश को निरस्त कर दिया।

 

भाजपा के कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी आय से अधिक सम्पत्ति के आरोपों में घिरे हुए हैं और आने वाले चालीस दिन उनके लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। धामी कैबिनेट को 8 अक्टूबर तक यह निर्णय लेना है कि मंत्री जोशी पर मुकदमा चलाया जाए या नहीं। यह मामला विजिलेंस ने 8 जुलाई 2024 को मंत्री परिषद को भेजा था, और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार तीन महीने की अवधि में स्वीकृति का निर्णय लेना आवश्यक है। विजिलेंस कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 19 अक्टूबर को तय की है और कहा है कि कैबिनेट के निर्णय से अदालत को सूचित किया जाना चाहिए।

विद्वान जज ने कहा कि मामला धारा-17ए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत जांचा जाना चाहिए, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के अनुसार अभियोजन स्वीकृति के लिए तीन महीने की समय सीमा तय की गई है। इस आधार पर, जज ने कहा कि मंत्री परिषद द्वारा मामले पर निर्णय लेने की अवधि 8 जुलाई 2024 से 8 अक्टूबर 2024 तक उचित है और इसी अवधि में निर्णय का इंतजार करना सही होगा।

अधिवक्ता और आरटीआई कार्यकर्ता विकेश नेगी ने मार्च में भाजपा के मंत्री गणेश जोशी की आय से अधिक सम्पत्ति की शिकायत विजिलेंस में की थी। इसके अतिरिक्त, उन्होंने दून में सैन्यधाम निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप भी विजिलेंस, प्रधानमंत्री कार्यालय, और सीबीआई को भेजे थे। जुलाई के अंत में, दून जिला प्रशासन ने नेगी पर गुंडा एक्ट लगाया और उन्हें छह महीने के लिए जिलाबदर कर दिया, लेकिन कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने यह आदेश रद्द कर दिया। अब, आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में विजिलेंस ने मंत्री परिषद से मुकदमे की अनुमति मांगी है, जिससे मंत्री गणेश जोशी और भाजपा की चिंताएं बढ़ गई हैं। यह देखना होगा कि धामी कैबिनेट इस पर क्या निर्णय लेती है।

 

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