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गंगा और सहायक नदियों में प्रतिमा,फूल व पूजा सामग्री विसर्जन पर प्रतिबंध

ऐसा करने पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा

स्वच्छ गंगा राष्ट्रीय मिशन को दीपावली, दशहरा, छठ, गणोश चतुर्थी आदि त्योहारों के बाद देनी होगी रिपोर्ट

दिल्ली, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और हरियाणा प्रदेशों को मिले निर्देश

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

नई दिल्ली : पतित पावनी गंगा नदी को प्रदूषण से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बिहार समेत 11 राज्यों को 15 सूत्रीय दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसमें सबसे अहम है कि गंगा नदी और इसकी सहायक नदियों में अब प्रतिमाओं का विसर्जन नहीं किया जा सकेगा। किसी भी त्योहार पर या आम दिनों में ऐसा करने पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा।

केंद्र सरकार के अधीन आने वाले स्वच्छ गंगा राष्ट्रीय मिशन (एनएमसीजी) ने दिल्ली, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और हरियाणा को यह निर्देश पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा पांच के तहत दिए हैं।

एनएमसीजी के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्र की ओर से विगत 16 सितंबर को जारी आदेश में कहा गया है कि गंगा और उसकी सहायक नदियों में प्रतिमा विसर्जन की अनुमति नहीं दी जाएगी। शासनादेश के अनुसार गणोश चतुर्थी, विश्वकर्मा पूजा, दशहरा, दीपावली, छठ पूजा और सरस्वती पूजा के खत्म होने के सात दिनों के अंदर राज्य सरकारों को अपनी कार्रवाई रिपोर्ट का लिखित ब्योरा देना होगा।

नए निर्देशों के मुताबिक अगर कोई भी इस नियम का उल्लंघन करता पाया गया तो पर्यावरण हर्जाने के तौर पर उसे 50 हजार रुपये की रकम चुकानी होगी। यह रकम राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को एकत्र करके केंद्र को देनी होगी।

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