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अमेरिका ने चीन की कंपनी हुआवे और जेडटीई को बताया देश के लिए खतरा

दोनों कंपनियों के कारोबार पर लगाई पाबंदी

अमेरिका ने दोनों चाइनीज कंपनियों को उपकरण हटाने को कहा 

चीन के उपकरणों पर नहीं किया जा सकता भरोसा : जेफ्री स्टा‌र्क्स

भारत भी हुआवे को बाहर करने की तैयारी में सरकार 

नई दिल्ली : भारत द्वारा 59 चीनी एप पर प्रतिबंध लगाने के बाद चीनी कंपनी हुआवे को 5जी की दौड़ से बाहर किये जाने की सरकार तैयारी कर रही है। 
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में वरिष्ठ मंत्रियों की बैठक में 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी से हुआवे को बाहर करने पर सैद्धांतिक सहमति बन गई है। इसी सोमवार देर शाम हुई बैठक में सुरक्षा कारणों से यह फैसला लिया गया है।
इससे पहले बीते साल 31 दिसंबर को ट्रायल पर बनी उच्चस्तरीय समिति ने हुआवे की भागीदारी का विरोध किया था।  
समिति ने कंपनी के चीनी सेना व सरकार से करीबी संबंध देखते हुए संवेदनशील जानकारी लीक होने का अंदेशा जताया था।
वाशिंगटन । अमेरिका के संघीय संचार आयोग (एफसीसी) ने मंगलवार को औपचारिक रूप से चीन की कंपनी हुआवे और जेडटीसी कॉर्प को देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताते हुए इनके साथ किसी तरह के कारोबार पर पाबंदी लगा दी है। आयोग के इस सख्त कदम के बाद अमेरिकी कंपनियों को इन चाइनीज कंपनियों से उपकरण हासिल करना संभव नहीं होगा। अमेरिकी कंपनियां सरकार से मिले 8.3 अरब डालर से ग्रामीण क्षेत्र के संचार नेटवर्क को दुरुस्त करने के लिए चाइनीज कंपनियों से उपकरण हासिल करने को लालायित थीं। 
दरअसल अमेरिकी दूरसंचार नियामक ने नवंबर में 5-0 के बहुमत कहा था कि मौजूदा ग्रामीण सिस्टम से पुराने उपकरण बदलने के लिए वे दो चीनी कंपनियों को अनुमति नहीं दे सकते। एफसीसी के अध्यक्ष अजीत पई ने कहा कि हम चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को अपने नेटवर्क की कमजोरियों का फायदा उठाने की न अनुमति दे सकते हैं और न ही देंगे। हुआवे और जेडटीई ने अभी तक इस मामले में कोई बयान नहीं दिया है हालांकि ये दोनों पहले सरकार के रवैये की आलोचना करती रही हैं। 
एफसीसी के आयुक्त जेफ्री स्टा‌र्क्स ने मंगलवार को कहा कि अमेरिकी नेटवर्क में अविश्वसनीय उपकरण कायम हैं। चीन के उपकरणों पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। इन्हें हटाने के लिए अमेरिकी कांग्रेस को धन आवंटित करना चाहिए। उल्लेखनीय है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मई 2019 में एक कार्यकारी आदेश में दोनों चाइनीज कंपनियों के बनाए उपकरणों को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताकर अमेरिकी कंपनियों से उपकरण खरीदने पर रोक लगा दी थी।
ट्रंप प्रशासन ने उस साल हुआवे को काली सूची में भी डाल दिया था। गौरतलब है कि चीनी कंपनियों पर अब भारत के अलावा दूसरे देशों से बैन की कार्रवाई हो रही है। पहले भारत ने कई चीनी कंपनियों का समझौते को रद किया। उसके बाद 59 चीनी  ऐप पर रोक लगाई गई है।

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