ऋषिकेश। अखिलभारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में जल्द ही विभिन्न अंगों किडनी, लीवर के प्रत्यारोपण की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। सर्जिकल गैस्ट्रो एंट्रोलॉजी डिपार्टमेंट के तत्वावधान में ट्रांसप्लांट कॉन-2020 कार्यशाला में एम्स के निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने यह जानकारी दी।
एम्स में आयोजित कार्यशाला में उन्होंने बताया कि एम्स ऋषिकेश में नेत्रदान को बढ़ावा देने के लिए आई बैंक का सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है,जिसमें लोग निरंतर अपने दिवंगतजनों के नेत्रदान कर रहे हैं। बड़ी संख्या में लोग मृत्यु के पश्चात नेत्रदान का संकल्पपत्र भर रहे हैं।
इससे पहले संस्थान के अध्यक्ष प्रो. समीरन नंदी व निदेशक प्रोफेसर रवि कांत ने अंगप्रत्यारोपण विषय पर आधारित कार्यशाला ट्रांसप्लांट कॉन 2020 का विधिवत शुभारंभ किया। प्रोफेसर समीरन नंदी ने एम्स संस्थान की इस पहल की सराहना की, उन्होंने संस्थान प्रबंधन को अंग प्रत्यारोपण शुरू करने के लिए प्राेत्साहित भी किया।
इस अवसर पर देश के मेडिकल संस्थानों से आए विशेषज्ञ चिकित्सकों ने अंग प्रत्यारोपण विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किए।कार्यशाला में विशेषज्ञ चिकित्सकों ने अंगदान के प्रति लोगों को जागरूक करने पर जोर दिया। कोचीन केरल के अंग प्रत्यारोपण सर्जन प्रो. सुधीन्धरन,चैन्नई के किडनी प्रत्यारोपण सर्जन प्रो. सुनील श्रॉफ, एम्स दिल्ली के ट्रांसप्लांट सर्जन प्रो. सुजॉय पॉल आदि ने व्याख्यान दिया। कार्यशाला में रोटरी क्लब ऋषिकेश के सदस्य विशेषरूप से शामिल हुए।
इस अवसर पर उप निदेशक (प्रशासन) अंशुमन गुप्ता, सर्जिकल गैस्ट्रो एंट्रोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. पुनीत धर, प्रो. किम मेमन,प्रो. आरएस मित्तल, प्रो. एसपी अग्रवाल, प्रो. संजीव मित्तल, प्रो. ब्रिजेंद्र सिंह, डा. अमित गुप्ता, डा. रोहित गुप्ता, डा. नम्रता गौर, डीपी लखेड़ा, डा. मधुर उनियाल, डा. अनुभा अग्रवाल, डा. नीति गुप्ता, डा. वसंता कल्याणी, डा. सुमित सान्याल, डा.अभिषेक अग्रवाल,डा. हरिओम प्रसाद आदि उपस्थित रहे।