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कोविड-19ः अब डॉक्टर एम्स में बैठकर कर सकेंगे घर पर मौजूद व्यक्ति का चेकअप

एम्स में बैठकर ही घर में मौजूद रोगी के शरीर का तापमान, रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा एवं उसके श्वांस की गति की निगरानी की जा सकती है

एम्स ऋषिकेश ने भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड (बेल) बैंगलोर की मदद से तैयार किया

देश का पहला रिमोट हेल्थ मॉनिटरिंग सिस्टम बताया जा रहा है 

दूरस्थ व संसाधनहीन क्षेत्रों में रहने वाले रोगियों की जांच की जा सकेगी

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

ऋषिकेश। एम्स ऋषिकेश और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बेल) बैंगलोर ने देश का पहला रिमोट हेल्थ मॉनिटरिंग सिस्टम तैयार किया है, जिससे दूरस्थ व संसाधनहीन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की जांच की जा सकेगी। विशेषरूप से यह मॉनिटरिंग सिस्टम कोरोना वायरस संक्रमण से लड़ने के लिए तैयार किया गया है।

एम्स के निदेशक पद्मश्री प्रो. रविकांत ने बताया कि कोरोना वायरस के विश्वव्यापी प्रकोप के चलते पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट (पीपीई) की कमी थी। वहीं स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए भी खतरा बना रहता है। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए एम्स ऋषिकेश के चिकित्सकीय दल ने बेल के अधिकारियों से संपर्क साधा।

उन्होंने बताया कि दोनों संस्थानों के संयुक्त प्रयास से एक ऐसी डिजिटल चिकित्सकीय प्रणाली तैयार की गई है, जिसके तहत मरीज को एम्स आने की जरूरत नहीं हैं। वहीं चिकित्सक एम्स में बैठकर ही रोगी के शरीर का तापमान, रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा एवं उसके श्वांस की गति की निगरानी कर सकते हैं। इससे मरीज को अनावश्यक रूप से अस्पताल में भर्ती नहीं होना पड़ेगा।

एम्स निदेशक ने बताया कि बेल नेटवर्किंग के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता के लिए जाना जाता है, लिहाजा इस सोल्यूशन के लिए बेल ने सफलतापूर्वक ऐसी प्रणाली का निर्माण किया है, जो भारत में उपलब्ध नहीं है।

उन्होंने बताया कि इसके साथ ही एक वेबसाइट व मोबाइल एप्लीकेशन भी तैयार किया जा रहा है, जिसके माध्यम से मरीज घर बैठे ही एम्स ऋषिकेश के चिकित्सकों को अपनी बीमारी के बारे में बता सकते हैं। संस्थान के डॉक्टर्स मरीज द्वारा बताए गए लक्षणों को समझेंगे और उस पर अपनी सलाह देंगे।

सॉफ्टवेयर में यह व्यवस्था भी की गई है कि यदि मरीज की रिपोर्ट में चिकित्सक को लगता है कि वह कोविड-19 से आशंकित है तो उसको संस्थान से मॉनिटरिंग किट उपलब्ध कराई जाएगी। इस किट की सहायता से मरीज स्वयं सरलता से घर पर बैठे ही चिकित्सक से परामर्श ले सकते हैं।

निदेशक प्रो.रविकांत ने बताया कि पेसेंट के वाइटल पैरामीटर्स उसकी लोकेशन के साथ एम्स ऋषिकेश के कंट्रोल सेंटर में प्रदर्शित होते रहेंगे। साथ ही जब मरीज को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होगी तो अलर्ट भी जारी होगा। यह मोबाइल एप्लीकेशन यह भी प्रदर्शित करेगा कि प्रदेश के किन हिस्सों में बीमारी गंभीर रूप में फैल रही है।

एम्स निदेशक प्राे. रविकांत व भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड के चेयरमैन व मैनेजिंग डायरेक्टर एमबी गौतम ने इस उपलब्धि के लिए डॉ. मोहित तायल व वरिष्ठ वैज्ञानिक राजशेखर एमवी को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने बताया कि यह तकनीक कोरोना वायरस से लड़ने में मील का पत्थर साबित होगी।

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