UTTARAKHAND

AIIMS ऋषिकेश में इंटिग्रेटेड ब्रेस्ट कैंसर क्लिनिक (आईबीसीसी) की स्थापना का एक साल पूरा

संस्थान में आगे भी इस तरह की विशेष क्लिनिकों को बढ़ावा दिया जाएगा : प्रो रवि कान्त 

स्पेशल ब्रेस्ट कैंसर क्लिनिक से महिला रोगियों को मिल रहा है लाभ : बीना रवि 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

ऋषिकेश : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में इंटिग्रेटेड ब्रेस्ट कैंसर क्लिनिक (आईबीसीसी) की स्थापना के एक वर्ष पूर्ण होने पर वार्षिक समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने महिलाओं की सुविधा के लिए इस तरह की विशेष क्लिनिक के संचालन पर जोर दिया,जिससे मरीजों को एक छत के नीचे कैंसर जैसे जटिल रोगों में सभी प्रकार की जांच व उपचार की सुविधा मिल सके।

निदेशक एम्स प्रो. रवि कांत ने बताया कि महिलाओं में बढ़ती स्तन कैंसर की शिकायतों के एकीकृत व त्वरित समाधान के लिए संस्थान में इंटिग्रेटेड ब्रेस्ट कैंसर क्लिनिक की स्थापना की गई है। निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने बताया कि संस्थान में आगे भी इस तरह की विशेष क्लिनिकों को बढ़ावा दिया जाएगा,जिससे मरीजों को स्वास्थ्य परीक्षण व उपचार में लाभ मिल सके।

आईबीसीसी की प्रमुख प्रोफेसर बीना रवि ने बताया कि संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत की पहल पर स्थापित स्पेशल ब्रेस्ट कैंसर क्लिनिक से महिला रोगियों को लाभ मिल रहा है, उन्होंने बताया कि क्लिनिक में एक साल में करीब पांच हजार मरीजों का पंजीकरण किया गया है,जिनमें से पांच सौ मरीजों में कैंसर रोग को परीक्षण व सर्जरी के बाद पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है। क्लिनिक में मरीजों को बायोप्सी, अल्ट्रासाउंड जांच, चिकित्सकीय परामर्श व सर्जरी आदि सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। संस्थान द्वारा नियमिततौर पर विभिन्न स्थानों पर शिविर आयोजित कर महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जागरुक किया जाता है।

प्रो. बीना रवि ने बताया कि अक्टूबर माह ब्रेस्ट कैंसर माह मनाया जाता है,जिसके तहत एम्स की ओर से ब्रेस्ट कैंसर जनजागरुकता कार्यक्रम आयोजित कर महिलाओं को स्तन कैंसर के प्रति जागरुक किया जाएगा। इस अवसर पर उप निदेशक प्रशासन अंशुमन गुप्ता, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. ब्रह्मप्रकाश, डीन एकेडमिक प्रो. मनोज गुप्ता,सीएफएम विभागाध्यक्ष प्रो. सुरेखा किशोर,डा. सोमप्रकाश बासू, डा. अनुभा अग्रवाल,डा. अंजुम,डा. अजय कुमार,डा. प्रतीक शारदा आदि मौजूद थे।

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