ऑपरेशन सिंदूर के बाद आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को मजबूत करने के लिए भारत ने 18 देशों में 7 सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजे

ऑपरेशन सिंदूर के बाद आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को मजबूत करने के लिए भारत ने 18 देशों में 7 सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजे।
शशि थरूर, असदुद्दीन ओवैसी सहित 70 सर्वदलीय सदस्य भारतीय सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक पहल के तहत, भारतीय सरकार ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद आतंकवाद के खिलाफ एक एकजुट रुख प्रस्तुत करने के लिए 18 देशों में 7 सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेज रही है।
प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व एक सांसद कर रहे हैं और इसमें विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसद, राजनयिक और अधिकारी शामिल हैं। कुल सदस्य संख्या 56 से 70 के बीच आंकी जा रही है।
शशि थरूर (कांग्रेस) संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए टीम का नेतृत्व करेंगे।
रवि शंकर प्रसाद (भाजपा) यूनाइटेड किंगडम जा रहे हैं।
सुप्रिया सुले (राकांपा) यूरोपीय संघ में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी।
कनिमोझी करुणानिधि (द्रमुक) जापान जाएंगी।
संजय कुमार झा (जद-यू) रूस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।
बैजयंत पांडा (भाजपा) दक्षिण अफ्रीका के लिए रवाना होंगे।
श्रीकांत शिंदे (शिवसेना) पश्चिम एशिया जाएंगे।
ये प्रतिनिधिमंडल 21-22 मई के बीच रवाना होंगे और शीर्ष सरकारों व वैश्विक संस्थाओं, जिसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य भी शामिल हैं, से बातचीत करेंगे ताकि भारत की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति को स्पष्ट किया जा सके।
थरूर, जो शुरुआत में कांग्रेस की सूची में शामिल नहीं थे, ने कहा, “जब राष्ट्रीय हित की बात हो, तब मैं पीछे नहीं हटता।” वहीं असदुद्दीन ओवैसी, जो एक मुखर विपक्षी नेता माने जाते हैं, ने स्पष्ट किया कि वे अपनी पार्टी नहीं, बल्कि सरकार का प्रतिनिधित्व करेंगे।
यह रणनीतिक कदम 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले और 7 मई को भारत द्वारा पाकिस्तान और पीओजेके में किए गए जवाबी हवाई हमलों, जिनमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए, के बाद उठाया गया है।
इस पहल के माध्यम से भारत का उद्देश्य सीमा पार आतंकवाद और पाकिस्तान प्रायोजित उग्रवाद के खिलाफ एक मजबूत वैश्विक नैरेटिव बनाना है।