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सौ सुनार की एक लोहार की….बात सीएम त्रिवेंद्र रावत के दो दिनी दिल्ली दौरे की
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र का हर एक केंद्रीय मंत्री ने किया दिल खोलकर स्वागत
मुख्यमंत्री के दिल्ली दौरे से उत्तराखंड को मिली कई सौगातें
प्रधानमंत्री सहित कई केन्द्रीय मंत्रियों से उत्तराखंड के विकास में सहयोग तो मांगा, उन्हें केवल आश्वासन ही नहीं मिला बल्कि बहुत कुछ लेकर लौटे हैं सीएम त्रिवेंद्र रावत
राजेंद्र जोशी
‘‘ऐपण कला ” बनेगी प्रधानमंत्री के लोकल फॉर वोकल का एक अनूठा उदाहरण
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र के दो दिनी दिल्ली दौरे की एक और ख़ास बात यह भी रही कि इस दौरे में उन्होंने दिल्ली में केंद्रीय नेताओं को पुष्प गुच्छ यानि गुलदस्ता देने के बजाय उत्तराखंड की प्राचीन कला और सुख समृद्धि के प्रतीक चिन्ह के रूप में ”ऐपण” दिए , जिन्हे प्रधानमंत्री सहित सभी केंद्रीय मंत्रियों द्वारा काफी सराहा गया क्योंकि मुख्यमंत्री द्वारा राज्य की ओर से या प्रतीक चिन्ह दिया जाना एक नयी शुरुआत होगी और यह उत्तराखंड की लोक संस्कृति और कला को जहां बढावा मिलेगा वहीं ऐपण बनाने वाले कलाकारों को अपने ही प्रदेश में रोज़गार के अवसर प्राप्त होंगे, जो प्रधानमंत्री के लोकल फॉर वोकल का एक अनूठा उदाहरण भी बनेगा।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के दो दिनी दिल्ली दौरे ने सूबे के उन नेताओं को यह बता दिया है कि वे चाहे सालभर दिल्ली के दौरे करते रहे दिल्ली पहुंचकर वहां मंत्रियों के साथ फोटो सेशन करवाते रहें, लेकिन मुख्यमंत्री का छह महीने में भले ही एक दिल्ली दौरा हो वह सौ सुनार की एक लोहार की कहावत को सही साबित करने के लिए काफी है। सीएम त्रिवेंद्र प्रदेश के उन नेताओं के तरह कई मुखौटे नहीं लगाते जो कहते कुछ और हैं और करते कुछ और हैं, तभी तो प्रदेश की जनता का मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र पर विश्वास है, भरोसा है और उम्मीदें हैं।
उत्तराखंड के कई सत्ताधारी नेताओं को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत से बहुत कुछ सीखना चाहिए। इस लिए नहीं कि वह मुख्यमंत्री है बल्कि उनकी कार्य करने की शैली धरातल पर दिखाई देती है। अभी हाल ही दो दिवसीय दिल्ली दौरे पर गये मुख्यमंत्री ने एक-एक पल का सदुपयोग करते हुए कई कार्यों का संपादन किया। उसमें प्रधानमंत्री से मुलाकात कर चमोली आपदा की अपडेट जानकारी देना हो या केन्द्रीय मंत्रियों से उत्तराखंड के विकास कार्यों को लेकर चर्चा करना हो। उस पर कई केन्द्रीय मंत्रियों से विभिन्न योजनाओं को लेकर स्वीकृति दिलाना और नई कार्ययोजनाओं पर स्वीकृति दिलाने का निवेदन करना, दोनों ही शामिल है।
जबकि इसके उल्ट उत्तराखंड के कई नेता उत्तराखंड में अपना भौंकाल दिखाने के लिए और कई सांसद केन्द्रीय नेताओं से शिष्टाचार मुलाकात करते रहते हैं लेकिन उनकी इन मुलाकातों से राज्य को आज तक क्या मिला यह तो वही जानें लेकिन उनकी इस तरह की मुलाकातों से राज्य का राजनीतिक माहौल जरूर ख़राब होता रहा है और ऐसे नेताओं के मुलाकातों का मंतव्य भी यही होता है कि राज्य में अस्थिरता नज़र आए। इतना ही नहीं ऐसे नेता राज्य सरकार के कार्यों का श्रेय लेते भी नहीं शरमाते हैं कि कल वे जनता को तब क्या जवाब देंगे जब उनसे सवाल किए जायेंगे। तब यह कहना उचित है कि ऐसे नेताओं को सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना चाहिए। ना कि अपनी ही सरकार के साथ कंपटीशन करना चाहिए। ऐसे नेताओं को यह भी याद रखना चाहिए कि पार्टी हाईकमान ने केन्द्र में नरेन्द्र तो राज्य में त्रिवेन्द्र को सत्ता की बागडोर सौंपी है। कुल मिलाकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र का दो दिन का दिल्ली दौरा बहुत से लोगों की उस ग़लत धारणा को हमेशा-हमेशा के लिए दूर कर गया जो यह मानते रहे कि ‘त्रिवेन्द्र सरकार 5 वर्ष का कार्यकाल पूरा कर भी पाएगी या नहीं’। आइए जानते हैं मुख्यमंत्री के दो दिनी दिल्ली दौरे से राज्य को क्या-क्या मिला ….
प्रधानमंत्री से मुलाकात रही फ्रूटफुल …
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात कर चमोली में आई आपदा की विस्तृत जानकारी देते हुए हिमालयी राज्यों में ग्लेशियरों के अध्ययन के लिए कार्य करने पर जोर दिया। साथ ही वन विभाग के द्वारा संचालित की जा रही कैंपा योजना के तहत हिमालयी राज्यों के विकास की मांग की। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री को आश्वास्त किया कि उत्तराखंड देवभूमि है और राज्य के सर्वागीण विकास के लिए केन्द्र सरकार प्रतिबद्ध है। राज्य को जिस भी मद में मदद की आवश्यकता होगी वह समय रहते उपलब्ध कराई जायेगी। पूर्व की सरकारों की तरह उत्तराखंड की मांग को नजर अंदाज नही किया जायेगा।
केन्द्रीय गृह मंत्री से मुलाकात …
इससे पूर्व कल मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को चमोली जिले में आई आपदा में राहत व बचाव कार्यों की जानकारी दी। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार, केन्द्रीय एजेंसियों और स्थानीय प्रशासन ने बेहतर समन्वय से कार्य किया। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री से राज्य में उत्तराखण्ड हिमनद एवं जल संसाधन शोध केन्द्र की स्थापना का अनुरोध किया। आपदा प्रबन्धन व सीमा प्रबन्धन के दृष्टिगत गैरसैंण में 1 आईआरबी बटालियन स्थापना की स्वीकृति का भी अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य पुलिस को और अधिक प्रभावी व आधुनिक बनाये जाने के लिए राज्य पुलिस बल आधुनीकरण योजना में प्रतिवर्ष 20 से 25 करोड़ का बजट उपलब्ध कराए जाने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने राज्य में समय-समय पर तैनात सुरक्षा बलों की तैनाती के फलस्वरूप देय धनराशि रू0 36.46 करोड़ की छूट तथा भविष्य के लिए पूर्वोत्तर राज्यों व विशेष श्रेणी के राज्य की भांति 90ः10 के अनुसार भुगतान की व्यवस्था निर्धारित करने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री से चमोली के नीति घाटी तथा उत्तरकाशी के नेलांग घाटी को बेहतर सीमा प्रबन्धन हेतु इनर लाईन परमिट की व्यवस्था समाप्त किये जाने का आग्रह किया ताकि इस क्षेत्र के गांवों में पर्यटन से आर्थिक गतिविधियों का विस्तार हो पाये। केंद्रीय गृह मंत्री ने उक्त सभी बातों पर सैद्धांतिक सहमति देते हुए कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा उत्तराखण्ड को हरसम्भव सहयोग दिया जाएगा।
रेल मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात…
मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री रेल, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण पीयूष गोयल से भेंट की। मुख्यमंत्री की मांग पर रेलमंत्री ने टनकपुर-बागेश्वर रेल लाईन के फाइनल लोकेशन सर्वे को स्वीकृति दी। वहीं, हरिद्वार-रायवाला सेक्शन में वर्तमान सिंगल रेल लाईन के दोहरीकरण और देहरादून व योगनगरी ऋषिकेश के मध्य सीधी रेल सेवा उपलब्ध कराने के लिए लक्सर की भांति रायवाला स्टेशन से पहले डायवर्जन लाईन के निर्माण पर स्वीकृति देते हुए रेलवे के अधिकारियों को तत्काल आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये। रेल मंत्री ने मुख्यमंत्री के सुझाव पर पुराने ऋषिकेश स्टेशन के वाणिज्यिक उपयोग के लिए रेलवे के अधिकारियों को कार्ययोजना बनाने को निर्देशित किया। मुख्यमंत्री की मांग पर रेल मंत्री ने उत्तराखंड में स्विटजरलैण्ड की तर्ज पर रेलवे और रोप-वे बनाने के लिए रेल मंत्रालय द्वारा अध्ययन कराने की बात भी कही। मुख्यमंत्री के अनुरोध पर केन्द्रीय मंत्री ने विकेंद्रीकृत खरीद प्रणाली के अंतर्गत उत्तराखण्ड के सब्सिडी के बकाया 640 करोड़ रूपये की राशि अवमुक्त करने के लिए खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अधिकारियों को निर्देश भी जारी किये।
केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात …
मुख्यमंत्री ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से रूद्रप्रयाग जिले में सैनिक स्कूल स्थापित किए जाने पर चर्चा की। पूर्व में उनके अनुरोध पर पिथौरागढ़ जिले में सामरिक दृष्टि से सड़क निर्माण को स्वीकृति दिलाये जाने पर उन्होंने केन्द्रीय गृह मंत्री का धन्यवाद भी दिया। मुख्यमंत्री ने रक्षा मंत्री को देहरादून में प्रस्तावित कोस्ट गार्ड रिक्रूटमेंट सेंटर की अद्यतन सिथति की जानकारी देते हुए बताया कि कुंआवाला में कोस्ट गार्ड भर्ती सेंटर के लिए रक्षा मंत्रालय को सशुल्क भूमि प्रस्तावित की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के निकट चैखुटिया में हवाई पट्टी बनाने का प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किया गया है। गैरसैंण के समीप होने के साथ ही सामरिक दृष्टि से भी इसका बहुत महत्व है। मुख्यमंत्री ने धारचूला से लिपुलेख तक सड़क सम्पर्क स्थापित कर मानसरोवर यात्रा के लिए लिंक रोड शुरू किए जाने पर रक्षा मंत्री का आभार व्यक्त किया। दोनों के मध्य रूद्रप्रयाग जिले में सैनिक स्कूल स्थापित किए जाने पर भी चर्चा हुई। रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि देश की सीमाओं की रक्षा में उत्तराखण्ड के जवानों का हमेशा बड़ा योगदान रहा है। केंद्र द्वारा उत्तराखण्ड को हर सम्भव सहयोग दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने रक्षा मंत्री को जोशीमठ क्षेत्र में आपदा के बाद संचालित राहत व बचाव कार्यों की भी जानकारी दी।
सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात …
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मुख्यमंत्री के अनुरोध पर केंद्रीय मंत्री ने आईएसबीटी, देहरादून बस अड्डा की सडक परियोजना के लिए 48 करोड रूपए की स्वीकृति पर सहमति दी। वहीं, उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की मांग पर रूद्रप्रयाग टनल निर्माण के लिए लगभग 225 करोड़ रूपए स्वीकृत होने और नए राष्ट्रीय राजमार्ग में बाईपास की गई पुरानी सड़कों के सुदृढ़ीकरण के लिए भी 69 करोड़ रूपए स्वीकृतकरने की जानकारी दी।
केंद्रीय मंत्री हरिद्वार-देहरादून एनएच पर जोगीवाला में जाम की समस्या को दूर करने पर सहमति जताई और प्रस्ताव आने पर स्वीकृति देने का भरोसा दिया। मुख्यमंत्री ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में केंद्रीय सड़क व अवस्थापना निधि के अंतर्गत मंत्रालय को प्रेषित 219 करोड़ रूपए के प्रस्तावों की शीघ्र स्वीकृति का अनुरोध किया। केन्द्रीय मंत्री ने सभी प्रस्तावों पर शीघ्र कार्यवही का भरोसा दिलाया।
केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री से मुलाकात …
मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से उत्तराखंड में 6 सीवेज शोधन संयंत्र और सीवर लाईन (अनुमानित लागत 228 करोड़ 40 लाख रूपये) के प्रस्ताव को मंजूरी देने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने नमामि गंगे के अंतर्गत उत्तराखंड में गंगा और उसकी सहायक नदियों पर 8 स्नान व मोक्ष घाट (अनुमानित लागत 22 करोड़ 04 लाख रूपये) के प्रस्ताव को भी स्वीकृति देने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री के अनुरोध पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लखवाड़ परियोजना पर कैबिनेट क्लियरेंस व किसाऊ परियोजना पर राज्यों के बीच में समझौता भी जल्द ही हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र पोषित बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रम के अंतर्गत 1108 करोड़ 38 लाख रूपये की 38 बाढ़ सुरक्षा योजनाओं को वर्ष 2014-15 व 2015-16 में भारत सरकार द्वारा टेक्नो इकोनोमिक क्लीयरेंस प्रदान की जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में अधिक निर्माण लागत को देखते हुए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना हर खेत को पानी की वर्तमान गाइडलाइन के अनुसार 2.5 लाख रूपये प्रति हेक्टेयर की लागत को बढ़ाकर 4 लाख रूपये प्रति हेक्टेयर किया जाए। जब तक ऐसा नहीं हो जाता है तब तक राज्य सरकार को 2.5 लाख रूपये प्रति हेक्टेयर से अधिक की लागत को स्वयं वहन करने की अनुमति दी जाए। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-हर खेत को पानी के अंतर्गत उत्तराखंड में 349 करोड़ 39 लाख रूपये लागत की 422 नयी योजनाओं का प्रस्ताव भेजा गया है। मुख्यमंत्री ने इनकी स्वीकृति का अनुरोध किया। केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री को जलशक्ति मंत्रालय से हर सम्भव सहयोग दिए जाने के प्रति आश्वस्त करते हुए कहा कि राज्य से संबंधित सभी लम्बित मामलों का एक माह में निस्तारण कर दिया जाएगा।
केन्द्रीय नागरिक उड्डयन और शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी से मुलाकात …
केंद्रीय मंत्री नागरिक उड्डयन और शहरी विकास हरदीप पुरी ने मुख्यमंत्री के आग्रह पर उड़ान योजना में देहरादून-पिथौरागढ़-हिण्डन मार्ग और सहस्त्रधारा-चिन्यालीसौड़-गौचर मार्ग पर हवाई सेवाएं नियमित करने के लिए दुबारा टेंडर करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। मुख्यमंत्री के अनुरोध पर जलजीवन मिशन में उत्तराखण्ड के सभी बड़े और छोटे शहरों को शामिल किया जाने की भी केंद्रीय मंत्री ने स्वीकृति दी। मुख्यमंत्री के आग्रह पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पंतनगर ग्रीन फील्ड हवाई अड्डे को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बनाए जाने के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण से विशेषज्ञ की सेवाएं उपलब्ध करवाई जाएगी। जनपद पिथौरागढ़ स्थित नैनीसैनी हवाई पट्टी का भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा हस्तगत किए जाने के लिए सर्वे किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री ने राजकीय वायुयान बी-200 को किसी एनएसओपी सेवा प्रदाता को ड्राई लीज पर दिए जाने पर भी अपनी स्वीकृति दी। मुख्यमंत्री ने स्वच्छ भारत मिशन 2.0 में प्रस्तावित योजनाओं में केंद्रांश उत्तराखण्ड के लिए 90 प्रतिशत किए जाने का अनुरोध किया।
केन्द्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद से मुलाकात …
मुख्यमंत्री के अनुरोध पर केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने बॉर्डर एरिया में इन्टरनेट कनेक्टिविटी के सुदृढ़ीकरण के लिये प्रोजेक्ट बनाने को सहमति दी। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड में ’इंडिया एंटरप्राइज आर्किटेक्चर’ परियोजना शीर्ष प्राथमिकता से लागू किये जाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने सैद्धांतिक रूप से स्वीकृत भारतनेट फेज-2 परियोजना के प्रशासनिक एंव वित्तीय अनुमोदन शीघ्र करने का भी आग्रह किया। केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री को हरसम्भव सहयोग के प्रति आश्वस्त किया।