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शीतकाल के लिए पवित्र धामों में गंगोत्री धाम के बंद होने साथ ही शुरू हुआ धामों के बंद होने का सिलसिला

 गंगोत्रीधाम के कपाट हुए आगामी ग्रीष्मकाल तक के लिए बंद

देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट रविवार को अन्नकूट व गोवर्धन पूजा के पावन पर्व पर विधिवत पूजा अर्चना के साथ शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं।
इस यात्रा वर्ष लगभग 23,500 श्रद्धालुओं यानि तीर्थयात्रियों ने गंगोत्री धाम के दर्शन किए। कोविड-19 के दृष्टिगत यात्रा के लिए सरकार द्वारा विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए थे, जिनका सभी श्रद्धालुओं ने पालन किया।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गंगोत्री धाम आने वाले सभी श्रद्धालुओं ,तीर्थयात्रियों के साथ ही स्थानीय लोगों का भी आभार प्रकट करते हुए कहा कि पतित पावनी मां गंगा की कृपा आप सभी पर बनी रहे, ऐसी मैं प्रार्थना करता हूँ। जय मां गंगे!
गौरतलब हो कि रविवार प्रातः अन्नकूट व गोवर्धन पूजा के पावन पर्व पर साढ़े दस बजे गंगोत्री मंदिर में विशेष पूजा अर्चना एंव गंगा अभिषेक के साथ कपाट बंद करने की प्रक्रिया पारम्परिक विधि विधान के साथ शुरू हुई। जबकि दोपहर 12:15 बजे गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए। इसके बाद मां गंगा की भोग मूर्ति की डोली को मां गंगा के शीतकालीन गद्दीस्थल मुखबा गांव के लिए रवाना किया गया, इस कार्यक्रम के हज़ारों श्रद्धालु गवाह बने।
कपाट बंद होने के अवसर पर गंगोत्री विधायक गोपाल रावत, डीएम मयूरी दीक्षित, एसपी पंकज भट्ट सहित अन्य लोग मौजूद थे। वहीं सोमवार को भैया दूज के मौके पर केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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