UTTARAKHAND

पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार से नवाजी जाएँगी धारी पल्ली की हेमलता डोभाल

एक प्रधान महिला ऐसी भी जिसने गांव की सूरत ही बदल डाली 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों ….. यह कहावत ऐसे ही नहीं  बनी।  इस कहावत को चरितार्थ करने के लिए हौसलों की ऊँची उड़ान और कुछ अलग सा कर गुजरने की इच्छा शक्ति होनी चाहिए और इसी इच्छा शक्ति मजबूत इरादों के दम पर पहाड़ के जनजातीय इलाके की एक महिला ने वह सब कुछ कर दिखाया है जिसकी उम्मीद बहुत कम लोगों को होती है। पहाड़ की इस जीवट महिला का नाम है हेमलता डोभाल। वैसे तो हेमलता डोभाल से अपने गांव को ”नए भारत” से जोड़ने के लिए वह सब किया जो किसी ने आज तक सोचा ही नहीं। उनकी उपलब्धियों पर उन्हें अब 23 अक्टूबर को दिल्ली आने का न्योता मिला है, जहां उन्हें ”दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण” सम्मान दिया जाने वाला है।

शिक्षा में पोस्ट ग्रेजुएट हेमलता का मायका कोटियालगांव नौगांव है जबकि उनका ससुराल धारी पल्ली रवाईं जौनपुर में पड़ता है। वैसे भी एक महत्वपूर्ण बात यह है कि रंवाई और जौनसार का इलाका पलायन शून्य इलाका कहा जाता है यहाँ के लोग भले ही रोज़गार की तलाश में  पहाड़ से बाहर जरूर गए हैं लेकिन इन्होने अपनी पुश्तैनी जमीन से अभी भी जुड़ाव रखा है और हर त्यौहार पर ये लोग एकसाथ होकर अपने तीज-त्यौहार मनाते रहते हैं।

जहां तक हेमलता डोभाल की बात की जाय तो उनके पति का देहरादून के जनरल महादेव सिंह रोड (GMS Road)पर मेडिकल स्टोर है। लेकिन हेमलता डोभाल का मन आज भी उसी पहाड़ में ही रचता -बसता है जहां उनका ससुराल और मायका है। वर्ष 2014  धारी पल्ली के ग्रामीणों ने जब उन्हें अपने गांव का प्रधान चुना तब उन्हें उम्मीद भी नहीं थी कि हेमलता कुछ अलग करेगी। उस वक़्त गांव  की स्थिति बहुत ख़राब थी, गांव की गलियों में स्ट्रीट लाइट नहीं थी, गांव में टॉयलेट बहुत ही कम घरों में थे और बाकी गांव वाले खुले में शौच करने को मज़बूर थे, उन्होंने प्रधान बनते ही अपनी प्राथमिकताएं तय की और गांव का एक तरफ से सफाई से लेकर टॉयलेट और स्ट्रीट लाइट तक लगवाने बीड़ा उठाया। अब वे अपने कार्यों के दम पर पहाड़ के अन्य गांवों के लिए भी एक मिशाल बनकर उभरी हैं। उनकी विकास की इसी जिजीविषा के चलते आज धारी पल्ली गांव के हर घर में टॉयलेट हैं, गांव शतप्रतिशत शौचमुक्त हो चुका है ,हर घर में कूड़ेदान हैं,गाँव के लोग उनका इस्तेमाल कर कूड़ा निस्तारण के लिए गांव के पास ही बने ट्रेचिंग ग्राउंड में घरों का कूड़ा खुद लेकर डालते हैं। गांव की हर गली और रास्तों में सोलर लाइट्स लग चुकी हैं।

हेमलता डोभाल ने बताया कि इसके बाद उनके कार्यों को देखते हुए वर्ष 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने स्वच्छता सम्मान से नवाजा। उन्होंने बताया इस सम्मान ने उन्हें और हौसला दिया और इसके बाद उन्हें वर्ष 2016 में जिला प्रशासन ने गौरव सम्मान से नवाजा। इतना ही नहीं बीती 8 मार्च 2017 को वो गुजरात में हुए कार्यक्रम में चैंपियन महिला के खिताब से नवाजी गईं। वैसे तो हेमलता को अब तक कई सम्मान  मिल चुके हैं लेकिन अब इसी महीने की 23 अक्टूबर को हेमलता डोभाल को भारत सरकार द्वारा दिल्ली आने का न्योता मिला है, यहां उन्हें एक समारोह में ”दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण” सम्मान से नवाज़ा जाएगा। 

Related Articles

Back to top button
Translate »