70 फीसदी महिला अपराध के चपेट में राज्य के तीन मैदानी जिले !
देहरादून : उत्तराखंड के पर्वतीय जनपदों के मुकाबले यहाँ के मैदानी जनपदों देहरादून, हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर में महिला अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। चौंकाने वाली बात तो यह है कि समूचे राज्य में यदि अपराधों का मूल्याङ्कन किया जाय तो इनमें 70 फीसद अपराध सिर्फ इन तीन जनपदों में ही हैं। इसका एक कारण यह भी बताया जा रहा है कि इन तीनों जिलों की सीमाएं उत्तरप्रदेश के पश्चिमी जिलों से जहाँ मिलती हैं । वहीँ इनका प्रभाव भी इन जिलों पर पड़ता है । साथ ही उत्तरप्रदेश के अपराधियों के लिए उत्तराखंड के इन तीनों जिलों को मुफीद भी बताया जाता है। क्योंकि ये तीनों भी मैदानी और आवागमन के लिहाज से सुगम हैं। वहीँ सूबे के बाकी 10 जनपदों में महिला अपराध के मामले अपेक्षाकृत इनसे कम हैं। पुलिस के अलवा राज्य महिला आयोग के आंकड़े भी इस बात की तस्दीक कर रहे हैं।
हालाँकि उत्तराखंड को शांत हिमालयी राज्यों की श्रेणी में रखा जाता रहा है , लेकिन समय के साथ-साथ प्रदेश की शांत राज्य की छवि इन तीन जिलों में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों और अन्य अपराधों के चलते धूमिल होती जा रही है। राज्य महिला आयोग में हर वर्ष महिला अपराध से जुड़े एक हजार से अधिक मामले आ रहे हैं। जिनमें पिछले तीन वर्षों के जनपदवार आंकड़ों पर नजर डालें तो महिला अपराध में देहरादून, हरिद्वार और उधमसिंहनगर क्रमश: पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं।
जहाँ वर्ष 2015-16 में इन जनपदों में कुल अपराध का 74.6 फीसदी रहा वहीँ 2016-17 में 75.4 फीसदी और 2017-18 में 68.5 फीसदी मामले दर्ज हुए हैं। सबसे ज्यादा चिंता करने वाली बात यह है कि प्रदेश की अस्थायी राजधानी देहरादून में सबसे अधिक महिला अपराध के मामले दर्ज किए जा रहे हैं। जबकि पुलिस के तमाम आला अधिकारी से लेकर प्रदेश के मुखिया तक वहीं रहते हैं। यह अपराध राज्य स्थापना के बाद बहुत ही तेजी के साथ बढे हैं जब यहाँ केवल एक डीआइजी और एक एसएसपी ही इन जिलों की क़ानून व्यवस्थाओं को संभाला करते थे।
वर्ष 2016 से 2018 के सर्वाधिक अपराध वाले जिलों में अपराध की प्रवृत्ति के आंकड़ों पर यदि नज़र दौडाई जाय तो देहरादून जनपद में दहेज उत्पीड़न-47, दुष्कर्म-15, मानसिक प्रताड़ना-357, घरेलू हिंसा-190, जानमाल सुरक्षा-275, छेड़छाड़-27 के मामले दर्ज किये गए वहीँ हरिद्वार जनपद में दहेज उत्पीड़न-33 दुष्कर्म-33 मानसिक प्रताड़ना-120,घरेलू हिंसा-31, जानमाल सुरक्षा-283, छेड़छाड़-37 के मामले दर्ज हुए हैं तो वहीँ ऊधमसिंह नगर जनपद में दहेज उत्पीड़न-106, दुष्कर्म-19, मानसिक प्रताड़ना-122, घरेलू हिंसा-75, जानमाल सुरक्षा-242, छेड़छाड़-28 के मामले दर्ज हुए हैं।