देहरादून : देश के लिए यह फक्र की बात है कि सातवीं गढ़वाल राइफल्स को सूडान में संयुक्त राष्ट्र संघ मेडल से नवाजा गया है। वर्तमान में सातवीं गढ़वाल राइफल्स को हिंसा से त्रस्त पूर्वी अफ्रीकी देश दक्षिण सूडान में शांति कायम करने के लिए संयुक्त राष्ट्र शाति मिशन में तैनात किया गया है।
उल्लेखनीय है कि सैन्य इतिहास में गढ़वाल राइफल्स के शौर्य व साहस के असंख्य किस्से दर्ज हैं। आजादी के बाद और पहले भी गढ़वाल राइफल्स के वीर सैनिकों ने देश-दुनिया में अपने साहस का लोहा मनवाता रहा है। रण में दुश्मनों के हौसले पस्त करने के साथ ही शाति बहाल करने में भी वह अग्रणी भूमिका में रहे हैं। यही वजह की सातवीं गढ़वाल राइफल्स को सूडान में संयुक्त राष्ट्र संघ मेडल से नवाजा गया है।
गढ़वाल राइफल्स की सातवीं बटालियन के जवान सालभर से संयुक्त राष्ट्र शाति सेना मिशन में दक्षिण सूडान में तैनात हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा यहां शाति बहाल करने की कोशिश की जा रही है। लिहाजा यूएन ने भारतीय सेना से भी मदद मागी है। इसी परिपेक्ष्य में गढ़वाल राइफल्स की सातवीं बटालियन के जवानों को वहा भेजा गया है।
यूएन शांति सेना में तैनात गढ़वाल राइफल्स के जवानों ने अपने धैर्य से यह साबित कर दिया है कि वह वास्तव में शांतिदूत हुए हैं। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक गढ़वाल राइफल्स की सैन्य टुकड़ी दक्षिण सूडान के अति संवेदनशील इलाके जोंगलेई में शांति अभियान का संचालन व नियंत्रण कर रही है। एक अन्य सैन्य टुकड़ी बार काउंटी के जुबा में भी तैनात है। विमानों की देखरेख के लिए कुछ सैनिकों को पिबोर काउंटी में भी तैनात किया गया है।
हर संवेदनशील क्षेत्र में तैनात गढ़वाल राइफल्स के सैनिक अपने कर्तव्यों का बखूबी निवर्हन कर शांति बहाली के लिए चलाये जा रहे अभियान का सफल संचालन कर रहे हैं। गढ़वाली वीरों के इस सराहनीय काम को संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी सराहा है और दो दिन पहले सूडान में आयोजित मेडल अवार्ड परेड में गढ़वाल राइफल्स को यूनाइटेड नेशस मेडल प्रदान किया गया है।