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वनमंत्री डॉ. हरक की मुहीम लायी रंग, सूबे को मिले कैम्पा योजना से 2675 करोड़ रूपये

डॉ. रावत ने प्रधानमन्त्री मोदी और केंद्रीय मंत्री जावडेकर का जताया आभार

बीते वर्षों से राज्य के वनों के नुकसान की भरपाई की कर रहे हे मांग

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

देहरादून : वनों की कटाई से होने वाले नुकसान, पर्यावरण संरक्षण, खनन और विकास उपक्रम की स्थापना की वजह से होने वाले प्रवास के लिए मजबूर हुए लोगों को सहयोग देने के लिए डा. हरक सिंह रावत के अथक प्रयासों से केन्द्र में लंबित कैम्पा फण्ड की 2675 करोड़ रूपये की धनराशि उत्तराखण्ड को मिली है।वहीं  प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर का धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा कि इस धन से राज्य में वन से जुडी योजनाओं को गति मिलेगी।  

केन्द्र सरकार द्वारा उत्तराखण्ड राज्य के विकास के लिए 2675.00 करोड की धनराशि स्वीकृत करने को लेकर प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने उत्तराखण्ड की समस्त जनता और प्रदेश सरकार की तरफ से देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर का दिल आभार व्यक्त किया है।

गौरतलब हो कि गुरुवार को केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर की अध्यक्षता में देश के राज्यों के वन एवं पर्यावरण मंत्रियों की बैठक में राज्य सरकारों के द्वारा कैम्पा योजना के तहत किये जा रहे विकास कार्यों को देखते हुए भारत सरकार द्वारा कैम्पा योजना की धनराशि राज्यों को सौंपी गयी, जिसे देश के लिए केन्द्र सरकार का एक सराहनीय कदम बताया जा रहा है।

उत्तराखंड के वन मंत्री के विशेष कार्याधिकारी विनोद रावत ने बताया कि कम्पन्सैंटरी एफोरेस्टेशन मैनेजमेंट एण्ड प्लानिंग आथरिटी (कैम्पा) फण्ड का प्रयोग वनों की कटाई से होने वाले नुकसान, पर्यावरण संरक्षण, खनन और विकास उपक्रम की स्थापना की वजह से होने वाले प्रवास के लिए मजबूर हुए लोगों को सहयोग देने के लिए किया जाता है। इस कानून का उद्देश्य वन भूमि हस्तान्तरण से हुई (पारिस्थितिकीय) क्षति की प्रतिपूर्ति करना होता है।

उन्होंने बताया इस बैठक में उत्तराखण्ड के वन एवं पर्यावरण मंत्री डा. हरक सिंह रावत द्वारा केन्द्रीय मंत्री को बीते वर्षों में कैम्पा योजना के अन्तर्गत किये जा रहें विभिन्न कार्यों की जहां जानकारी दी गयी वहीं साथ ही केन्द्रीय मंत्री को इस योजना के अन्तर्गत आ रही विभिन्न समस्यओं से भी अवगत कराया गया। उन्होंने बताया कि राज्य में इस योजना के अन्तर्गत 19000 हेक्टेयर भूमि पर पौधारोण कार्य सम्पन्न कराया गया है तथा 5152 वाटर होल का निर्माण किया गया। जिसमें लगभग 15 लाख लीटर जल संचित किया जा रहा है। इस योजना के अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा कोसी नदी को पुनर्जीवित करने हेतु विस्तृत पैमाने पर वृक्षारोपण कार्य किया जा रहा है। रिस्पना नदी तथा खो नदी को भी इस योजना के अन्तर्गत सम्मलित कर इस नदी पुर्नजीवित करने की योजना बनायी जा रही है।

केंद्रीय मंत्री के साथ हुई बैठक में डा. हरक सिंह रावत ने राज्य सरकार द्वारा 1 हेक्टेयर भूमि स्थानांतरण के अधिकार को अब 5 हेक्टेयर तक बढाने की मांग करते हुए कहा कि इससे राज्य सरकार के स्तर पर ही सभी विकास कार्यों को भूमि स्थानान्तरण करने के चलते अविलम्ब पूरा किया जा सकेगा। उक्त मांगों के क्रम में राज्य सरकार द्वारा चीड उन्मूलन के क्रम में हजार मीटर से ऊपर वृक्ष पातन करने की अनुमति राज्य सरकार को प्रदान करने की भी मांग की गयी।

उल्लेखनीय है कि डॉ. हरक सिंह रावत के अथक प्रयासों से उत्तराखण्ड के हिस्से के 2675.00 करोड रूपये केन्द्र सरकार ने राज्य के कैम्पा फंड को हस्तांतरित किये। डॉ. रावत वन मंत्री के रूप में केन्द्र में लगातार अपनी इस मांग को उठाते रहे हैं। जिसका ही यह परिणाम है कि केन्द्र सरकार ने उत्तराखण्ड के लिए धनराशि को अवमुक्त किया। डॉ. रावत ने बताया कि प्रदेश सरकार के लिए यह जहां यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। वहीं निश्चित ही इस धनराशि के अवमुक्त होने से वन क्षेत्र से प्रवास हुए लोगों को राज्य सरकार सहयोग दे पायेगी।

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