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अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश और रणवीर सिंह के कतरे गए पंख

  • चुनाव से पहले आईएएस अधिकारियों के दायित्व में फेरबदल

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून । लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश सरकार ने 19 आइएएस व दो पीसीएस अधिकारियों समेत 21 अधिकारियों के दायित्वों में फेरबदल किया है। कई बड़े और विवादित रहे आईएएस अधिकारियों के विभागीय मंत्रियों से तारतम्य न बैठा पाने के कारण पंख कतरे गए हैं।  काबीना मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के हिसाब से काम न कर पाने और उनके प्रस्तावों पर अड़ंगा लगाने के कारण जहां चर्चित अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश को राज्य संपत्ति,कौशल विकास और सेवायोजन से हटाया गया है वहीं वन विभाग को अपनी मनमानी का अड्डा बनाने वाले अपर मुख्यसचिव डॉ. रणवीर  सिंह को भी वन एवं पर्यावरण जैसे महत्वपूर्ण विभाग से हाथ धोना पड़ा है।  जबकि एस. रामास्वामी को राजस्व परिषद् के अध्यक्ष से हटाकर उत्तराखंड परिवहन निगम का अध्यक्ष बनाया गया है।  वहीं मनीषा पंवार को महानिदेशक व आयुक्त उद्योग से हटाया गया है।  वहीं कुछ अधिकारियों  के विभागों में फेरबदल किया है तो कुछ अधिकारियों को नई जिम्मेदारी से भी नवाजा है। केंद्र से प्रतिनुयुक्ति के बाद लोटे आईएएस अधिकारी पी वी आर पुरुषोत्तम को शैलेश बगोली की जगह गढ़वाल का नया कमिश्नर बनाया गया है। तो वहीं कई और अन्य अधिकारियों को भी नई जिम्मेदारियां दी गई है। सरकार ने प्रमुख सचिव आनंद वर्धन को वन एवं पर्यावरण का अहम जिम्मा सौंपा गया है। आर मीनाक्षी सुंदरम को सचिव विद्यालयी शिक्षा का दायित्व सौंपा गया है। 

सोमवार को अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की ओर से आइएएस अधिकारियों की तबादला सूची जारी की गई। इसके तहत अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश से राज्य संपत्ति तथा कौशल विकास एवं सेवायोजन का जिम्मा दिया गया है। डॉ. रणवीर सिंह से अपर मुख्य सचिव वन एवं पर्यावरण का पदभार वापस ले लिया गया है। वन महकमे में बीते दिनों रेंजर, एसडीओ और वन निगम में लौगिंग अधिकारियों और स्केलर संवर्ग के वेतनमान निर्धारण में नियमों की अनदेखी को इस तबादले की वजह के तौर पर देखा जा रहा है। प्रमुख सचिव मनीषा पंवार को महानिदेशक व आयुक्त उद्योग का पदभार वापस लिया गया है।

आनंद वर्धन से लघु सिंचाई, सिंचाई, सैनिक कल्याण, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले तथा आयुक्त खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले का पदभार वापस लिया गया है। उन्हें वन एवं पर्यावरण जैसा अहम महकमा दिया गया है। सचिव डॉ. भूपिंदर कौर औलख से विद्यालयी शिक्षा की जिम्मेदारी वापस ली गई है। उनके फेरबदल को भी शिक्षा मंत्री के साथ उनकी लंबे समय से बरकरार तनातनी के रूप में देखा जा रहा है। उन्हें लघु सिंचाई एवं सिंचाई का जिम्मा दिया गया है। आइएएस सुशील कुमार को आयुक्त, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों का जिम्मा सौंपा गया है।

आइएएस शैलेश बगोली से आयुक्त गढ़वाल मंडल का जिम्मा वापस लिया गया है। नितेश कुमार झा से सचिव कार्मिक एवं सतर्कता की जिम्मेदारी वापस ली गई है। हरबंश चुघ से सचिव सचिवालय प्रशासन का जिम्मा वापस लिया गया है। यह जिम्मा प्रभारी सचिव इंदुधर बौड़ाई को दिया गया है। सचिव अरविंद सिंह ह्यांकि को राज्य संपत्ति विभाग की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है। प्रभारी सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा को कौशल विकास एवं सेवायोजन का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। वहीं, बृजेश कुमार संत से प्रबंध निदेशक उत्तराखंड परिवहन निगम की जिम्मेदारी वापस लेते हुए महानिदेशक व आयुक्त उद्योग का जिम्मा दिया गया है।

प्रभारी सचिव भूपाल सिंह मनराल को सैनिक कल्याण का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। अपर सचिव डॉ. आर राजेश कुमार को प्रबंध निदेशक उत्तराखंड परिवहन निगम का दायित्व सौंपा गया है। आइएएस व महानिदेशक सूचना दीपेंद्र कुमार चौधरी को प्रबंधन निदेशक उत्तराखंड शुगर फेडरेशन का जिम्मा दिया गया है। अपर सचिव व पीसीएस मेहरबान सिंह बिष्ट को अपर सचिव खनन की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है। अपर सचिव प्रदीप सिंह रावत से प्रबंध निदेशक उत्तराखंड शुगर फेडरेशन का पदभार वापस लिया गया है।

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