CRIME

पौड़ी में जिंदा जलाई गई छात्रा ने सफदरजंग अस्पताल में तोड़ा दम

  • मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने छात्रा के निधन पर जताया गहरा दुख

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

नयी दिल्ली : उत्तराखंड के पौड़ी  के पास पेट्रोल डालकर जिंदा जलाई गई छात्रा नेहा सात दिन तक जूझने के बाद जिंदगी की जंग हार गई। छात्रा ने सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान रविवार सुबह को दम तोड़ दिया। मृतक छात्रा के परिजनों के अनुसार मौत करीब 11 बजे हुई। मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान पौड़ी की छात्रा के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति एवं दुःख की इस घड़ी में उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है। 

पौड़ी परिसर में B.Sc. की छात्रा नेहा जो एक बहशी द्वारा पिछले रविवार को जिंदा जलाई गई थी ने आज सात दिन तक मौत से जूझने के बाद जिंदगी की जंग हार गई। छात्रा ने सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान आज सुबह दम तोड़ दिया। मृतक के मौसा ने बताया कि मौत करीब 11 बजे हुई।

आपको याद ही होगा कि नेहा गत रविवार को प्रायोगिक परीक्षा देकर लौट रही थी, उसी समय रास्ते में गहड़ गांव का मनोज सिंह उर्फ बंटी उसका पीछा करने लगा। कुछ देर बाद एक सुनसान जगह कच्चे रास्ते पर उसने छात्रा को जबरन रोककर उससे जबरदस्ती करनी शुरू कर दी, और फिर छात्रा के विरोध करने पर आरोपी दरिंदे ने उस पर पैट्रौल छिड़क कर आग लगा दी थी। 

वहीं मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान पौड़ी की छात्रा के निधन की सूचना मिलने पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति एवं दुःख की इस घड़ी में उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है। इस प्रकार की घटना को दुःखद बताते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि इस प्रकार की घटनाओं में सलिप्ंत अपराधियों के विरूद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उस बच्ची को बचाने का भरसक प्रयास किया गया। डॉक्टर्स के परामर्श पर बेहतर सुविधा देने के लिए सफदरजंग अस्पताल भेजा गया।दुर्भाग्य से तमाम प्रयासों के बाद उस बच्ची को नहीं बचाया जा सका। ये हमारे लिए बहुत ही दुखद  है।
उन्होंने कहा महिलाओं के उत्पीड़न के मामलों पर सरकार सख्त है।  पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि ऐसे असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त एक्शन लेते हुए उन्हें कठोरतम सजा दिलाना सुनिश्चित किया जाए।

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