TEHRI-GARHWAL
आश्चर्यजनक है परियों का रहस्यमय देश खैट पर्वत!

- पहाड़वासी वनदेवियों को समय-समय पर करते हैं पूजा
- खैट खाल मंदिर है रहस्यमयी शक्तियों का केंद्र!
देवभूमि मीडिया ब्यूरो

टिहरी जिले में स्थित खैट पर्वत पर्यटन व तीर्थाटन की दृष्टि से मनोरम है। खैट पर्वत समुद्रतल से 10 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है। खैट पर्वत के चरण स्पर्श करती भिलंगना नदी का दृश्य देखते ही बनता है। खैट गुंबद आकार की एक मनमोहक चोटी है। इस चोटी में मखमली घास से ढका एक खूबसूरत मैदान है। जहां से दृष्टि उठाते ही सामने क्षितिज में एक छोर तक फैली हिमचोटियों के भव्य दर्शन होते हैं।

टिहरी जिले की आरगढ़, गोनगढ़, केमर पट्टी व भिलंगना घाटी का वृहद क्षेत्र यहां से दृष्टिगोचर होता है। 10हज़ार फिट उंचाई की पर्वत श्रृंखला खैट पर्वत में परियों का वास बताया जाता है क्योंकि बागड़ी गॉव के जीतू बगडवाल व साली भरूणा का प्रेम प्रसंग, जीतू की बांसुरी व परियों द्वारा दिन दहाड़े खेतों में धान की रोपाई करते हुए हल बैल सहित जीतू बगड्वाल के हरण की गाथा अभी ज्यादा पुरानी नहीं हुई है।
थात गॉव से 5 किमी दूरी पर स्थित खैट खाल मंदिर है रहस्यमयी शक्तियों का केंद्र है। इस मंदिर में पूजी जाने वाली नौ देवियों जिन्हें स्थानी लोगों द्वारा आछरी नाम दिया गया है, कहा जाता है कि ये नौ देवियाँ बहन हैं और ये देवियाँ अदृश्य शक्तियों के रूप मे आज भी उस मंदिर मे स्थित है। इन देवियों की पूजा हेतु आए श्रद्धालुओं के लिए धर्मशालाएँ बनाए गए हैं।

कहा जाता है इन आछरियो-परियों को जो लोग अच्छे लगते हैं वे उन्हें मूर्छित करके अपने लोक मे शामिल कर लेती है इन सब बातों के कारण इस मंदिर की अपनी अलग ही विशेषताएँ हैं और ऐसी कई अन्य शक्तियाँ आज भी उत्तराखंड मे मौजूद है।
इस वीराने में स्वत: ही अखरोट और लहसुन की खेती भी होती है। अखरोट के बागान लुकी पीड़ी पर्वत पर मां बराडी का मंदिर गर्भ जोन गुफा है। भूलभुलैय्या गुफा जहां नाग आकृतियां उकेरी हुई हैं।

1. खैट पर्वत की नौ श्रृंखलाओं में है नौ देवियों का निवास स्थल, जिसे भराड़ी देवी भी कहा जाता है।
2. यहाँ दिखेंगी आपको दीवारों ऊँची चट्टानों पर उल्टी ओखल
3. यहाँ मिलेगी लहसुन की खेती
4. अखरोट के बागान
5. लुकी पीड़ी पर्वत पर माँ बराडी का मंदिर
6. गर्भ जोन गुफा जिसका आदि न अंत
7. चैखुडू चैन्तुरु (जहाँ आंछरियाँ नृत्य कला का प्रदर्शन करती हैं व खेल खेलती हैं)
8. भूलभुलैय्या गुफा जहाँ नाग आकृतियाँ उकेरी हुई हैं
9 नैर.थुनैर नामक दो वृक्ष जिसके पत्तों से महकती है अजीबोगरीब खुशबु