प्रधानमंत्री ने नारी शक्ति पुरस्कार विजेताओं से बातचीत की
नारी शक्ति पुरस्कार विजेताओं का समाज के निर्माण और राष्ट्र को प्रेरित करने की दिशा में महान योगदान : प्रधानमंत्री
जम्मू एवं कश्मीर की आरिफा जान नुम्धा हैंडीक्राफ्ट्स की संस्थापक हैं। उन्हें नुम्धा हस्तशिल्प के खोए गौरव के पुनरोद्धार का श्रेय हासिल है। उन्होंने कश्मीर में 100 से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षित करने और लुप्त हो रहे हस्तशिल्प को फिर से जीवित करने के अपने अनुभव को साझा किया।
भारतीय वायु सेना की पहली महिला लड़ाकू पायलट मोहना सिंह, भावना कंठ और अवनी चतुर्वेदी ने भी अपने अनुभवों को साझा किया। इन तीनों को भारतीय वायुसेना के फाइटर स्क्वाड्रन में शामिल किया गया था। वे 2018 में मिग-21 में सोलो फ्लाइट करने वाली पहली भारतीय महिला पायलट बन गईं।
पडाला भूदेवी आंध्र प्रदेश की एक जनजातीय महिला कृषक और ग्रामीण उद्यमी हैं, जबकि बीना देवी मुंगेर, बिहार की हैं जिन्हें मशरूम की खेती को लोकप्रिय बनाने के लिए प्यार से ‘मशरूम महिला’ कहा जाता है। इन दोनों महिलाओं ने भी प्रधानमंत्री के साथ खेती एवं विपणन के अपने अनुभवों को साझा किया।
कलावती देवी उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले की एक महिला राजमिस्त्री हैं, जो जिले में खुले में शौच में कमी लाने की प्रेरणादायी स्रोत हैं। उन्हें कानपुर एवं आस-पास के क्षेत्रों में 4000 से अधिक शौचालयों के निर्माण का श्रेय हासिल है। उन्होंने प्रधानमंत्री के साथ अपने अनुभवों को साझा किया कि किस प्रकार खुले में शौच की बुराइयों के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए वह हर दरवाजे पर गईं और किस प्रकार खुले में शौच में कमी लाने के प्रयासों में उन्हें कानपुर के आस-पास गांव में कई घंटे की यात्रा करनी पड़ी।
30 हजार से अधिक महिलाओं के साथ 2800 से अधिक समूहों का गठन करने वाली उत्साही पर्यावरणविद् झारखंड की चामी मुर्मू ने बंजर भूमि पर 25 लाख से अधिक पेड़ लगाने का अपना अनुभव साझा किया है।
केरल की 98 वर्षीया कथ्यायणी अम्मा ने अगस्त 2018 में चौथी कक्षा के समकक्ष केरल साक्षरता मिशन की अक्षरालक्षम योजना की परीक्षा उत्तीर्ण करने का अपना अनुभव साझा किया। उन्होंने प्रथम स्थान प्राप्त किया और 98 प्रतिशत अंक हासिल किए।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि नारी शक्ति पुरस्कार विजेताओं ने समाज के निर्माण और राष्ट्र को प्रेरित करने की दिशा में महान योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के महत्वपूर्ण योगदान के बिना देश खुले में शौच से मुक्त का दर्जा हासिल नहीं कर सकता था। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार महिलाओं की व्यापक भागीदारी से कुपोषण की समस्या को भी हल किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री ने जल संरक्षण के बारे में भी बात की और इस बात पर प्रकाश डाला कि जल जीवन मिशन में महिलाओं की व्यापक भागीदारी की आवश्यकता है। उन्होंने उपलब्धियां हासिल करने वाली महिलाओं (यानी अचीवर्स) को बधाई दी और कहा कि वे पूरे देश के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।