UTTARAKHAND

मुख्यमंत्री ने किया सैन्य धाम और उपनल कार्यालय परिसर का शिलान्यास

भविष्य में बनने वाली सरकारों का शपथ ग्रहण कार्यक्रम भी सैन्य धाम में ही होना चाहिए : मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र 

शहीद सैनिकों के आश्रितों को एकमुश्त 10 लाख रूपये के अनुदान को बढ़ाकर 15 लाख रूपये किया जायेगा : मुख्यमंत्री

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 जंयती यानि पराक्रम दिवस पर आज पूरा देश उन्हें नमन कर रहा है। इधर देवभूमि और वीरभूमि माने जाने वाले उत्तराखंड के देहरादून में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सैन्यधाम का शिलान्यास किया।  राज्य स्तरीय सैन्य धाम में देश की आजादी के बाद देश की रक्षा में बलिदान देने वाले वीर सपूतों के बारे में जानकारी दी जाएगी।

गौरतलब हो कि राजधानी देहरादून स्थित पुरकुल इलाके में पांच एकड़ भूमि पर सैन्य धाम बनाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश में सैन्य धाम बनाने की घोषणा की थी इसके लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने 15 लाख रुपये की घोषणा करते हुए कहा कि प्रदेश में अब चार नहीं पांच धाम है। उन्होंने कहा कि धाम के निर्माण के लिए शहीदों के गांव की मिट्टी को भी इकट्ठा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सैन्य धाम में शहीदों के स्मृति चिन्हों का संग्राहलय भी बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास रहेगा कि धाम की एक जीविंत छवि बन सके जो युवाओं को प्रेरित कर करेगी ताकि वह और अधिक संख्या में सेना में जाने के इच्छुक हो सकें। 

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि युवा पीढ़ी को जागरूक करने और प्रेरणा देने के लिए सेना में जाने के लिए अभ्यर्थियों के लिए कोचिंग की व्यवस्था भी की जाएगी। श्री त्रिवेंद्र  रावत ने कहा कि यह बहुत ही गर्व की बात है कि देश के रणबांकुरे दुश्मन सेनाओं के जवानों के दांव खट्टे करते आए हैं। चाहे 1947 का युद्ध हो या फिर 1999 का कारगिल युद्ध हो, भारतीय सैनिकों और उत्तराखंड के रणबांकुरों की भूमिका हमेशा से ही सराहनीय रही है।

त्रिवेंद्र ने कहा कि धाम में साहसिक खेलों का भी विकल्प होगा ताकि युवा पीढ़ियों में जोश भरा जा सके और सेना को ज्वाइन करने के लिए वह अधिक से अधिक संख्या में आगे आएं। उन्होंने कहा कि सैन्य धाम के निर्माण से समाज के हर वर्ग को प्रेरणा मिलेगी। त्रिवेंद्र ने उम्मीद जताई है कि भविष्य में बनने वाली सरकारों का शपथ ग्रहण कार्यक्रम भी धाम में ही होना चाहिए। 

इसके अलावा राज्य की गौरवशाली सैन्य परंपरा और अन्य जानकारियां भी सैन्य धाम में आम जन को उपलब्ध कराई जाएगी। सैन्यधाम का शिलान्यास के दौरान मुख्यमंत्री ने बड़ी घोषणा की मुख्यमंत्री ने कहा कि शहदी के परिजनों को मिलने वाली राशि के बढ़ोतरी की गई है। यह राशि 10 लाख से बढ़ाकर 15 लाख रुपए कर दी गई है। बता दे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड में पांचवें धाम के तौर पर सैन्य धाम की घोषणा की थी। जिसे साकार करने के लिए प्रदेश सरकार ने सैन्य धाम की स्थापना के लिए भूमि तलाशनी शुरू कर दी थी। मुख्यमंत्री के मुताबिक, सैन्य धाम के लिए भूमि और बजट की व्यवस्था हो गई है।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश के चारों धामों गंगोत्री,यमुनाेत्री, बदरीनाथ व केदारनाथ सहित प्रमुख नदियों के पानी से भी धाम की नींव रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि धाम का स्वरूप समाज के हर वर्ग को प्रेरणा देगा। रावत ने समाज के हर वर्ग से अपील की है कि वह धाम के निर्माण के लिए अपनी-अपनी सलाह जरूर दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों द्वारा दिए गए सुझावों के लिए पूर्व सैनिकों की एक कमेटी बनाई जाएगी जो धाम के निर्माण के लिए अंतिम फैसला लेगी।उन्होंने  कहा कि अन्य प्रदेशों से राजधानी देहरादून आने वाले लोगों को भी सैन्य धाम प्रेरणा देने का काम करेगा। 

बता दें कि सैन्य धाम की घोषणा के बाद लंबे समय से इसके लिए भूमि चिह्नीकरण की प्रक्रिया चल रही थी। शासन के निर्देश पर दून में पहले सहस्रधारा रोड स्थित नगर निगम के पुराने ट्रंचिंग ग्राउंड की जमीन इसके लिए तय की गई। हालांकि, कूड़ा जमा होने के कारण इसका विरोध शुरू हो गया। इसके बाद प्रशासन ने पुरकुल गांव में जमीन चिह्नित की है। इस पर मुख्यमंत्री ने सहमति दे दी थी। इसके बाद यहां सैन्य धाम निर्माण की स्वीकृति मिली तो निर्माण करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अब शनिवार को  नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर सैन्य धाम के शिलान्यास के बाद इसके  निर्माण का कार्य शुरू हो जायेगा।

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